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बच्चेदानी बाहर क्यों खिसकती है? डॉक्टर से जानें इसके 5 कारण

Causes Of Uterine Prolapse Doctor Tells In Hindi: वजाइनल डिलीवरी की वजह से बच्चेदानी बाहर की ओर खिसक सकती है।
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बच्चेदानी बाहर क्यों खिसकती है? डॉक्टर से जानें इसके 5 कारण


Causes Of Uterine Prolapse In Hindi: बच्चादानी महिलाओं का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। इसे प्रजजन अंग के नाम से भी जाना जाता है। बच्चादानी या गर्भाशय वही जगह होती है, जहां भ्रूण का विकास होता है और 9 महीने होने तक उसका पोषण होता है। अगर बच्चेदानी में किसी तरह की दिक्कत हो जाए, तो गर्भ में बच्चे का विकास सही तरह से नहीं हो पाता है। ऐसी ही एक समस्या है, बच्चेदानी का खिसकना। कई बार नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला को बच्चेदानी खिसकने की समस्या हो जाती है। यह बहुत गंभीर परेशानी है, इसलिए महिलाओं को इसकी अनेदखी नहीं करनी चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कि बच्चेदानी खिसकने (Bachedani Ka Khisakna) के क्या कारण हो सकते हैं। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।

बच्चेदानी खिसकने का कारण- Causes Of Uterine Prolapse In Hindi

Causes Of Uterine Prolapse In Hindi

वजाइनल डिलीवरी

कई बार ऐसा होता है कि महिला की वजाइनल डिलीवरी के बाद बच्चेदानी खिसक जाती है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। जैसे, गर्भाशय से जुड़ी लिगामें और मासंपेशियां कमजोर हो जाती हैं या फिर प्रसव के दौरान बहुत ज्यादा दबाव बनाने के कारण बच्चेदानी बाहर की ओर खिसक (Bachedani Khisakna) जाती है। ऐसा खासकर उन महिलाओं के साथ होता है, जो जिनकी उम्र ज्यादा होती है या जिनका पहले कभी यूट्रस का ऑपरेशन हुआ है।

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अधिक वजन होने के कारण

कई बार हाई बीएमआई होने के कारण पेल्विक प्रोलैप्स की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं के साथ अधिक होता है। वास्तव में मोटापे के कारण पेट के निचले हिस्से में काफी दबाव बनता है, जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है। ऐसे में बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क बढ़ जाता है।

बार-बार प्रेग्नेंसी होने के कारण

Causes Of Uterine Prolapse In Hindi

कई बार महिलाएं बार-बार कंसीव कर लेती हैं। गर्भाशय के लिए ऐसा होना सही नहीं है। दरसअल, एक प्रेग्नेंसी के बाद गर्भाशय को पूरी तरह हील होने के लिए लंबा समय लगता है। वहीं, अगर महिला बार-बार और कम टाइम पीरियड के बीच कंसीव करती रहे, तो इससे गर्भाशय की हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। गर्भाशय को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियां कमजोर हो सकती है। ऐसे में बच्चेदानी के बाहर खिसकने का रिस्क भी बढ़ जाता है।

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मेनोपॉज के बाद

मेनोपॉज के दौरान महिलाएं मिडएज की हो चुकी होती हैं। शरीर पहले से ही कमजोरी की ओर बढ़ रहा होता है। वहीं, मेनोपॉज होने के करण महिला में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है। एस्ट्रोजन की कमी होने पर योनि पतली हो जाती है और इसे सपोर्ट करने वाली टिश्यूज की क्षमता भी कमजोर हो जाती है। इसके अलावा, प्रोलैप्स तब होता है जब पेल्विक अंगों, जैसे मूत्राशय, गर्भाशय या योनि को सपोर्ट देने वाली टिश्यूज में खिंचाव आ जाता है और वे डैमेज हो जाती हैं।

लंबे समय से चल रही कब्ज

आमतौर पर पेल्विक एरिया के आसपास के अंग अगर कमजोर हो जाएं, तो बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क रहता है। शायद आपको यह पता न हो कि अगर पेल्विक एरिया की मांसपेशियां कमजोर हों, तो कब्ज भी बच्चेदानी को खिसकाने में अहम योगदान कर सकता है। जी, हां यह सच है कि कब्ज के कारण पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स हो सकता है।

All Image Credit: Freepik

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