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डिलीवरी के बाद गर्भाशय बाहर (Uterine Prolapse) आ रहा है तो क्या करें? डॉक्टर से जानें

कई बार डिलीवरी के बाद महिलाओं के गर्भाशय के बाहर खिसकने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मे आइए एक्सपर्ट से जानें इससे राहत के लिए क्या करें?
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डिलीवरी के बाद गर्भाशय बाहर (Uterine Prolapse) आ रहा है तो क्या करें? डॉक्टर से जानें


How To Cure A Prolapsed Uterus In Hindi: कई बार डिलीवरी के बाद महिलाओं को गर्भाशय के बाहर आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसको यूटेराइन प्रोलैप्स के नाम से जाता है, यह महिलाओं में एक आम समस्या है। इस दौरान महिलाओं को कई परेशानियां हो सकती है। बता दें, यह समस्या डिलीवरी के दौरान मांसपेशियों को अधिक प्रेशर पड़ने, बच्चे का साइज बड़ा होने, मोटापा, उम्र, अधिक वजन उठाने, कब्ज जैसी पाचन से जुड़ी समस्याएं और अधिक खांसी की समस्या के कारण हो सकती है। ऐसे में आइए जयपुर में स्थित माहेश्वरी चिकित्सालय की वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग डॉ. वंदना भराड़िया से जानें गर्भाशय के बाहर आने या यूटेराइन प्रोलैप्स की स्थिति में क्या करें?

क्या है यूटेराइन प्रोलैप्स की समस्या? - What Is The Problem Of Uterine Prolapse?

डॉ. वंदना के अनुसार, डिलीवरी प्रशिक्षित डॉक्टर या स्टाफ द्वारा कराया जाना चाहिए। यूटेराइन प्रोलैप्स की समस्या महिलाओं को तब होती है, जब गर्भाशय को सहारा देने वाली पेल्विक मांसपेशियां और लिगामेंट्स कमजोर पड़ जाते हैं या खिंच जाते हैं। इससे गर्भाशय नीचे खिसकने लगता है। इस दौरान महिलाओं को खिंचाव होने, भारीपन महसूस होने जैसी कई समस्याएं होती हैं।

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गर्भाशय के बाहर आने या यूटेराइन प्रोलैप्स के लक्षण - Symptoms Of Uterine Prolapse In Hindi

- योनि में भारीपन महसूस होना
- योनि या वेजाइना में खिंचाव महसूस होना
- यौन संबंध के दौरान परेशानी होना
- वेजाइना से कोई टिशू बाहर आते दिखने की समस्या भी हो सकती है
- पेशाब या मल त्याग करते समय परेशानी हो सकती है

गर्भाशय के बाहर आने या यूटेराइन प्रोलैप्स से राहत के लिए क्या करें? - What To Do To Get Relief From Uterine Prolapse?

कीगल एक्सरसाइज करें

कीगल एक्सरसाइज को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है। इसको करने से पेल्विक मसल्स को मजबूती देने में मदद मिलती है। इसको नियमित रूप से करने से यूटेराइन प्रोलैप्स जैसी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया को 8-10 बार दोहराया जा सकता है।

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हेल्दी डाइट लें

गर्भाशय के बाहर आने की स्थिति में कब्ज की समस्या अधिक परेशानियों का खतरा पैदा कर सकती है। ऐसे में इस दौरान कब्ज की समस्या से बचने के लिए फाइबर से युक्त खाना खाएं और ज्यादा पानी और लिक्विड डाइट लें। इससे पाचन दुरुस्त रहता है।

भारी चीजें उठाने से बचें

गर्भाशय के बाहर आने की समस्या से परेशान महिलाओं को भारी चीजों या अधिक वजन वाली चीजों को उठाने से बचना चाहिए। इससे यूटेराइन प्रोलैप्स की समस्या बढ़ सकती है, जिसके कारण महिलाओं को बहुत सी परेशानी होती हैं।

ज्यादा देर खड़े रहने से बचें

यूटेराइन प्रोलैप्स की समस्या से परेशान महिलाओं को ज्यादा देर खड़े होने से बचना चाहिए। इसके कारण इससे जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए लेटकर आराम करना फायदेमंद है।

डॉक्टर से सलाह लें

यूटेराइन प्रोलैप्स की समस्या में सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें। हल्की यूटेराइन प्रोलैप्स की स्थिति में डॉक्टर लाइफस्टाइल के बदलाव और कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। लेकिन अगर यह स्थिति गंभीर है तो डॉक्टर सर्जरी या पेसरी (Pessary) की सलाह देते हैं। इससे गर्भाशय के बाहर आने की समस्या से राहत मिलती है।

निष्कर्ष

कई बार डिलीवरी के बाद महिलाओं को गर्भाशय के बाहर आने या यूटेराइन प्रोलैप्स की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान महिलाओं को खिंचाव महसूस होने, भारीपन महसूस होने, वेजाइना के टिश्यू के बाहर आने, पेशाब और मल त्याग करते समय परेशानी हो सकती है। ऐसे में इससे राहत के लिए डॉक्टर की सलाह के साथ कुछ एक्सरसाइज को किया जा सकता है, साथ ही, लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों को किया जा सकता है।

ध्यान रहे, यूटेराइन प्रोलैप्स में बहुत ज्यादा परेशानी महसूस होने पर बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लें। ऐसा न करने से परेशानियां बढ़ सकती हैं। 

All Images Credit- Freepik

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