Common Tests To Know About Uterine Prolapse: गर्भाशय महिलाओं के प्रजनन अंगों में से एक है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यही वह जगह है, जहां भ्रूण ठहरता है और विकास करता है। अगर गर्भाशय से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी महिला को हो जाए, तो उनके लिए कंसीव करना चैलेंजेस हो सकता है। इसलिए, आवश्यक है कि महिला अपनी हेल्थ का ध्यान रखें और गर्भाशय से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी या समस्या होने पर तुरंत अपना चेकअप करवाएं। हालांकि, कुछ परिस्थितियां महिलाओं के हाथ में नहीं होती हैं। इसी में से एक है गर्भाशय का खिसकना। गर्भाशय के खिसकने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे भारी सामान उठाना, पेल्विक एरिया की मांसपेशियों का कमजोर होना या एक से ज्यादा बार बच्चे को जन्म देना। ये कुछ ऐसे कारण हैं, जिस वजह से गर्भाशय से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। सवाल है, गर्भाशय के खिसकने की जानकारी महिलाओं को कैसे मिल सकती है? इसके लिए कुछ जरूरी टेस्ट करवाए जाते हैं। इस बारे में हमने एनआईआईएमएस कॉलेज और अस्पताल के Assistant Professor, Department of Obstetrics and Gynaecology डॉ. अविर सरकार से बातचीत की।
गर्भाशय के खिसकने के बारे में जानने के लिए करवाएं जरूरी टेस्ट- Common Tests To Know About Uterine Prolapse
पेल्विक टेस्ट
जिन महिलाओं में गर्भाशय खिसका हुआ है, उन महिलाओं को सबसे पहले पेल्विक टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। असल में, गर्भाशय खिसकने का निदान करने के लिए यह सबसे पहला कदम होता है। इस टेस्ट के दौरान, प्रोफेशनल्स बाहरी जननांग को एग्जामिन करते हैं। फिर गर्भाशय की स्थिति का पता लगाने के लिए योनि में दस्ताने उंगलियां डालते हैं। इस दौरान वे हाथ में ग्लव्स पहने होते हैं। इससे प्रोलैप्स की सटीक पोजिशन का पता चलता है। कई बार सटीक आकलन के लिए महिला को प्रेशर लगाने के लिए भी कहा जाता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चेदानी खिसकने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, जरूर दें ध्यान
अल्ट्रासाउंड इमेजिंग
ट्रांसवजाइनल या पेल्विक अल्ट्रासाउंड इमेजिंग का उपयोग गर्भाशय, सर्विक्स और पेल्विक ऑर्गन के आसपास के अंगों की जांच करने के लिए किया जाता है। कई जरूरी कंडीशन में अल्ट्रासाउंड किया जाता है। गर्भाशय का अल्ट्रासाउंड करके पता लगाया जाता है कि कहीं महिला को सिस्ट, फाइब्रॉएड जैसी कोई बीमारी तो नहीं है। इसके अलावा, यह ब्लैडर और बाउल मूवमेंट के बारे में भी बताती है। ये सब गर्भाशय के खिसकने के अन्य कारण हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: बच्चेदानी में कोई भी समस्या होने पर दिखते हैं ये 8 लक्षण, भूलकर भी न करें नजरअंदाज
स्पेकुलम एग्जामिनेशन
स्पेकुलम एग्जामिनेशन में सर्विक्स और वजाइनल वॉल को देखने के लिए वजाइना के रास्ते से स्पेकुलम डाला जाता है। यह पूरी तरह प्रोफेशनल की मदद से किया जाता है। इसकी मदद से गर्भाशय खिसकने की समस्या है या इसकी आशंका है या नहीं, इस संबंध में सटीक जानकारी मिलती है। वैसे स्पेकुलम एग्जामिनेशन हमेशा पेल्विक एग्जामिनेशन के साथ किया जाता है।
कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि गर्भाशय के खिसकने से संबंधित जरूरी जानकारी के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। तब जाकर कहीं गर्भाशय की सटीक जानकारी का पता चल जाता है। इन टेस्ट्स की मदद से प्रोलैप्स की सीमा आकलन करने, पेल्विक ऑर्गन फंक्शन का मूल्यांकन करने और किसी भी संबंधित असामान्यताओं की पहचान करने के लिए नैदानिक परीक्षा, इमेजिंग स्टडी और विशेष टेस्ट किए जाते हैं। गर्भाशय के लक्षणों को कम करने और महिला की लाइफस्टाइल क्वालिटी में सुधर के लिए गर्भाशय के खिसकने से जुड़ी जटिलताओं को कम करने के लिए जल्द से जल्दी निदान किए जाते हैं।
All Image Credit: Freepik