Uterine Problems That Can Affect Infertility In Hindi: गर्भाशय से जुड़ी समस्या का प्रजनन क्षमता पर बहुत गहरा असर पड़ता है। आपको बता दें कि महिलाओं के लिए गर्भाशय बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। जब गर्भाशय स्वस्थ होता है, तो महिला के लिए कंसीव करना आसान हो जाता है। यहां तक कि स्वस्थ गर्भाशय में भ्रूण का विकास भी बहुत अच्छी तरह से होता है। वहीं, जब गर्भाशय में किसी तरह की परेशानी होती है, तो न सिर्फ महिला को कंसीव करने में दिक्कत होती है, बल्कि इसकी वजह से फर्टिलिटी पर भी बुरा असर पड़ता है। यहां हम आपको कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, जो गर्भाशय से जुड़ी हैं। इनकी वजह से फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। इस बारे में हमने एनआईआईएमएस कॉलेज और अस्पताल के Assistant Professor, Department of Obstetrics and Gynaecology डॉ. अविर सरकार से बातचीत की।
गर्भाशय से जुड़ी समस्या फर्टिलिटी को कैसे प्रभावित करती है?- Uterine Problems That Can Affect Infertility In Hindi
गर्भाशय फाइब्रॉएड
गर्भाशय फाइब्रॉएड एक गैर-कैंसरयुक्त गांठ है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों की लेयर के अंदर विकसित होती है। अपने साइज, शेप और जगह के आधर पर, फाइब्रॉएड अंडे को इंप्लांट होने से रोक सकता है। ऐसे में महिला के लिए कंसीव करना एक चुनौती हो जाता है। इसके अलावा, अगर फाइब्रॉएड का आकार बड़ा होता है, तो इससे इंप्लांटेशन प्रक्रिया भी प्रभावित होने लगती है या बार-बार मिसकैरेज का रिस्क बना रहता है।
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गर्भाशय पॉलीप्स
गर्भाशय पॉलीप्स को एंडोमेट्रियल पॉलीप्स भी कहा जाता है। गर्भाशय पॉलीप्स तब होता है, जब एंडोमेट्रियल टिश्यूज की अत्यधिक वृद्धि होती है। पॉलीप होने के कारण गर्भाशय का एन्वायरमेंट बदल जाता है या फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है। ऐसी कंडीशन में शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाते हैं। नतीजतन, भ्रूण इंप्लांट नहीं हो पाता है। इसके अतिरिक्त, अगर महिला कंसीव कर लेती है, तो यह समस्या मिसकैरेज के रिस्क को बढ़ा सकती है।
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एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस भी गर्भाशय से जुड़ी एक समस्या है। यह परेशानी तब होती है, जब कोशिकाएं गर्भाशय से बाहर की ओर विकसित होने लगते हैं। खासकर, ओवरीज, फैलोपियन ट्यूब या अन्य पैल्विक अंगों की ओर बढ़ती है। किसी भी महिला के लिए यह कंडीशन सही नहीं है। ऐसा होने पर महिला के लिए कंसीव करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि एंडोमेट्रियोसिस होने पर महिला के पीरियड्स डिस्टर्ब हो जाते हैं, जो कि इनफर्टिलिटी को बढ़ावा दे सकता है।
गर्भाशय से जुड़ी असामान्यताएं
कुछ महिलाओं में जन्म से ही गर्भाशय से जुड़ी कुछ असामान्यताएं हो सकती हैं। जैसे सेप्टेट गर्भाशय, बाइकॉर्नुएट, गर्भाशय या यूनिकॉर्नुएट गर्भाशय। इस तरह की परेशानी के कारण महिला को कंसीव करने में कई दिक्कतें आ सकती हैं। यहां तक कि कंसीव करने के बाद महिला मिसकैरेज, समय पूर्व प्रसव और इनफर्टिलिटी को बढ़ावा मिल सकता है। कुछ गंभीर मामलों में, इस तरह की समस्या से निपटने के लिए महिला की सर्जरी की जा सकती है।
क्रॉनिक एंडोमेट्रैटिस
क्रोनिक एंडोमेट्रैटिस (Chronic Endometritis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की एंडोमेट्रियल परत में सूजन आ जाती है, जो अक्सर बैक्टीरिया या अन्य इंफेक्शियस एजेंटों के कारण होती है। क्रोनिक एंडोमेट्रैटिस भ्रूण के इंप्लांटेशन को खराब कर सकता है और गर्भाशय के एन्वायरमेंट पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। ऐसे में महिला को बार-बार मिसकैरेज का रिस्क बढ़ जाता है। ट्रीटमेंट के तौर पर डॉक्टर्स इंफेक्शन को खत्म करने की कोशिश करते हैं और एंटीबयोटिक थेरेपी की मदद से मरीज के स्वास्थ्य में सुधार की कोशिश की जाती है।
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