How To Prevent Prolapsed Uterus In Hindi: बच्चादानी खिसकना एक गंभीर समस्या है। बच्चादानी, महिला का रिप्रोडक्टिव अंग होता है। इसी जगह एक भ्रूण ठहरता और उसका विकास होता है। बच्चेदानी में अगर जरा भी दिक्कत हो, तो महिला के लिए कंसीव करना मुश्किल हो सकता है। यहां तक कि मिसकैरेज होने का रिस्क भी बढ़ सकता है। आमतौर पर बच्चेदानी खिसकने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें वजाइनल डिलीवरी, ओवर वेट बच्चे को जन्म देना, डिलवरी के दौरान बहुत ज्यादा प्रेशर लगाना आदि। कई महिला के ओवर वेट होने के कारण भी बच्चेदानी खिसकने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। बच्चादानी खिसकने पर कई तरह के लक्षण दिखते हैं, जैसे खांसने या हंसने पर पेशाब निकल जाना, ब्लोटिंग की समस्या होना और कमर दर्द होना। महिलाओं को चाहिए कि वे कुछ ऐसा करें, जिससे बच्चादानी खिसकने की समस्या को रोका जा सके। सवाल उठता है कि क्या वाकई बच्चेदानी को खिसकने से रोका जा सकता है? और इसके लिए किस तरह के उपाय अपनाए जा सकते हैं? जानते है इस लेख में।
क्या बच्चेदानी को खिसकने से रोका जा सकता है?- Can Uterine Prolapse Be Prevented In Hindi
आपको शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर दें कि बच्चेदानी को खिसकने से रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं है। Hopkinsmedicine के अनुसार, "महिलाओं की वजाइनल डिलीवरी या सी-सेक्शन डिलीवरी हुई है, उनमें इसका रिस्क काफी ज्यादा होता है। इसके अलावा, मेनोपॉज या ओवर वेट महिलाओं को भी बच्चेदानी खिसकने का खतरा रहता है"। सवाल है, इसके रिस्क को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है? इस बारे में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "बच्चेदानी को खिसकने से रोकने का कोई उपाय नहीं है। हालांकि, लाइफस्टाइल में कुछ चीजों को अपनाकर आप इसके होने के जोखिम को कम कर सकते हैं।"
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बच्चेदानी को खिसकने से रोकने के उपाय- How To Prevent Prolapsed Uterus In Hindi
बच्चेदानी को खिसकने से रोकने के लिए डॉ. शोभा गुप्ता कुछ टिप्स दे रही हैं। आप भी इनको फॉलो कर सकती हैं-
वजन कम करें
अगर आप ओवर वेट हैं, तो कोशिश करें कि अपने वजन को नियंत्रण में रखें। ओवर वेट होने से अपने आप बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क बढ़ जाता है। इसके अलावा, मोटापे के कई अन्य बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है। रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के लिए भी ओवर वेट होना सही नहीं होता है।
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अच्छी डाइट फॉलो करें
कब्ज या मल प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त दबाव बनाने के कारण भी बच्चेदानी के खिसकने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, कोशिश करें कि हर महिला अच्छी डाइट फॉलो करें। डाइट में ऐसी चीजें ज्यादा लें, जिससे कब्ज जैसी समस्या न हो। बेहतर रहेगा कि डाइट में फाइबर और फ्लूइड जैसी चीजों को ज्यादा शामिल करें। इसके लिए, जंक फूड या रेडी-टू-ईट जैसी चीजें खाने से बचें।
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हैवी वेट लिफ्टिंग न करें
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर महिला अक्सर भारी सामान उठाती है, तो इससे भी बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क बना रहता है। इसे कम करने के लिए आवश्यक है कि हैवी लिफ्टिंग में हैं, वे कॉन्शस रहें। भारी सामान उठाने से बचें। अगर पेट के निचले हिस्से पर ज्यादा दबाव बन रहा है, तो ऐसी एक्टिविटी से दूर रहें।
स्मोकिंग न करें
धूम्रपान कई तरह की बीमारियों का कारण होता है। खासकर, महिलाओं के लिए समोकिंग करना बिल्कुल सही नहीं है। इसका बुरा प्रभाव बच्चेदानी पर भी पड़ता है। हालांकि, स्मोकिंग के कारण महिला की प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। धूम्रपान करने की वजह से महिला के लिए कंसीव करना चुनौती बन सकती है।
कीगल एक्सरसाइज करें
हर महिला को कीगल एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। इससे पेल्विक एरिया और गर्भाशय को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे बच्चेदानी पर भी अच्छा असर पड़ता है। नतीजतन, कीगलत एक्सरसइज करने से बच्चेदानी के खिसकने का रिस्क भी कम होता है।
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