बच्चेदानी बाहर क्यों खिसकती है? Rujuta Diwekar से जानें कारण और रोकथाम के उपाय

Uterus Prolapse in Hindi: बच्चेदानी का बाहर खिसकना महिलाओं के लिए हमेशा से ही एक परेशान करने वाली स्थिति है। आइए जानते हैं इसका कारण और बचाव के उपाय। 
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बच्चेदानी बाहर क्यों खिसकती है? Rujuta Diwekar से जानें कारण और रोकथाम के उपाय


Uterus Prolapse Causes and Prevention Tips in Hindi: बच्चेदानी यानी यूटेरस एक महिला प्रजनन अंग है। यह बच्चे के जन्म होने तक उसे रखने और पोषण देने के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए महिलाओं को अपनी बच्चेदानी का बेहद ख्याल रखना जरूरी होता है। क्योंकि जब बच्चेदानी का ख्याल नहीं रखा जाता है, तो कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। इसमें बच्चेदानी में इंफेक्शन, सूजन, सिस्ट और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। इसके अलावा बच्चेदानी बाहर की तरह भी खिसक सकती है। बच्चेदानी के बाहर खिसकने पर भी महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए  सेलिब्रेटी न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस कॉच रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) ने  बच्चेदानी को हेल्दी रखने के कुछ खास टिप्स बताए हैं। इसके अलावा उन्होंने बच्चेदानी के खिसकने और इसे खिसकने से रोकने के उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया है। 

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बच्चेदानी का बाहर खिसकना- Uterus Prolapse in Hindi 

रुजुता दिवेकर बताती हैं कि बच्चेदानी ब्लैडर (Bladder) और रेक्टम (Rectum) के बीच में होती है। बच्चेदानी इन दोनों को विभाजित करती है। इन दोनों के बारे में जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जब आपकी बच्चेदानी बाहर की ओर खिसकने लगती है, तो सबसे ज्यादा परेशानियां ब्लैडर और रेक्टम से जुड़ी ही होती हैं। बच्चेदानी के बाहर खिसकने पर शरीर को कई परेशानियां हो सकती हैं। जैसे कि-

  • कब्ज की समस्या
  • पेशाब करने में परेशानी
  • हंसने, खांसने और कूदते समय हल्का पेशाब हो जाना
  • पेट के नीचे यानी कि वजाइना के पास भारीपन महसूस होना
  • नीचे बैठने में परेशानी होना
  • नीचे बैठते समय दर्द महसूस होना

 

 

 

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बच्चेदानी के बाहर खिसकने का कारण- Uterus Prolapse Causes in Hindi

रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) की मानें, तो बच्चेदानी खिसकने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें उम्र बढ़ना, शरीर का कमजोर होना, बच्चे पैदा करना और मेनोपॉज शामिल हैं। उम्र बढ़ने के साथ हमारा निचला शरीर कमजोर होता जाता है, जैसे कि हमारा पेल्विक एरिया, हमारे पांव और पीठ। तो, ऐसे में ये मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और आपकी बच्चेदानी नीचे आने लगती है, जिससे पेशाब और मल से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं। 

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बच्चेदानी को बाहर खिसकने से कैसे रोकें- How to Prevent Uterus Prolapse in Hindi

1. अपना पोश्चर सही रखें

रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) बताती हैं आपने कई बार महिलाओं को देखा होगा कि उनका हीप पीछे की ओर से ऊपर उठने लगता है और आगे से वो झुकी हुई नजर आती हैं। ये पोश्चर आपके बच्चेदानी वाले एरिया को कमजोर कर सकता है। इसके अलावा जब हम हील्स पहनते हैं, तो फिर से हम उसी बॉडी पोश्चर में आ जाते हैं। यानी कि हीप ऊंचा और उभरा हुआ सा दिखना और बाकी शरीर का पोश्चर आगे की ओर। ऐसे में सीधा चलने और सही तरीके से खड़े होना सीखें। इसे चेक करने के लिए सीधे खड़े हों और अपने एक हाथ को वजाइना पर आगे रखें और दूसरे को हीप पर। देखें कि आपके दोनों हाथ बराबर दूरी पर सीधे है या नहीं। या एक सीधा और दूसरा निकला हुआ सा है। 

2. कीगल एक्सरसाइज करें

कीगल एक्सरसाइज (kegel exercise) करने से आप अपने बच्चेदानी को मजबूत बना सकती हैं। कीगल एक्सरसाइज करने का सबसे आसान तरीका यह है कि एक जगह बैठ जाएं और अपने पेल्विक एरिया को खोलते हुए एक बार पैर फैलाएं। फिर से एक बार पैर चिपका लें। इस तरह लगातार ऐसा करने से आप अपने यूटरेस को मजबूत कर पाएंगे। इसे हर रोज दिन में 10 बार करें। 

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3. स्क्वाट्स करें

स्क्वाट्स एक्सरसाइज करने से आप अपने पोश्चर को सही कर सकते हैं, इससे आपके मसल्स और पेल्विक एरिया को मजबूती मिल सकती है। इसलिए रोज 5 से 10 बार स्क्वाट एक्सरसाइज जरूर करें और इस दौरान हाथ बाहर करते हुए सीधे खड़े हो और सीधे बैठ जाएं। ध्यान रहे कि बैठते समय आपका हीप बाहर की ओर ना निकला हो।

4. मल और पेशाब करते समय शरीर पर प्रैशर ना डालें

दरअसल, जब भी हमें कब्ज बनता है या फिर पेशाब बहुत तेज लगी होती है, तो हम अपने पेल्विक एरिया पर जोर डालते हुए मल और पेशाब निकालने की कोशिश करते हैं। इससे बच्चेदानी पर जोड़ पड़ता है और आपकी बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है। इसलिए मल और पेशाब करते समय भी बॉडी पॉश्चर सही रखने की कोशिश करें। 

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5. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और साइकलिंग करें

यूटरेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि आप हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और दो बार साइकलिंग जरूर करें। इन दोनों को करने से आपके पैर मजबूत होते हैं और आपकी प्लेविक एरिया में भी मजबूती आती है। इससे आपका पॉश्चर भी सही रहता है जिससे कि आपकी मांसपेशियां आपके यूटरेस को सही जगह पर बनाए रखते हैं। इसके अलावा आप योगा भी कर सकती हैं। जैसे कि ब्रिज पोज योगा और डोग पोज योगा जिसमें कि आपका शरीर आपके बाकी शरीर से ऊपर हो। 

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6. हेल्दी डाइट लें

यूटरेस को मजबूती देने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट (foods for healthy uterus) सही करें। इसके लिए आपको अपने खाने में रागी और राजगीरा को शामिल करना चाहिए। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, जो कि कब्ज की समस्या को दूर कर सकता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम होता है जो कि हड्डियों को मजबूत बना सकता है। साथ ही इनमें पोटेशियम और मैग्निशियम भी होते हैं जो कि बाकी स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसके अलावा अपनी डाइट में-

  • आंवला शामिल करें।
  • शहतूत खाएं
  • करौंदा खाएं।  
  • -खरवस खाएं यानी कि गाय का पहला दूध से बना हुआ खाद्य पदार्थ

ये सभी फोलिक एसिड, विटामिन सी, फाइबर, मिनरल्स और कैल्शियम से भरपूर होते हैं। इसलिए आपको इन्हें खाना चाहिए। खाने के अलावा एक चीज का खास ध्यान रखें कि हर दोपहर अपने लिए कम से कम 20 मिनट का समय निकालें और एक नींद लें। ये आराम आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है। ये आपको हार्मोनल हेल्थ को बेहतर बनाएगा, आपके शरीर को आराम देगा और आपके शरीर के हीलिंग पावर्स को भी बढ़ाएगा। 

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