टेढ़ा खड़ा होने की आदत दे सकती है कमर, रीढ़ और गर्दन के कई रोग, एक्सपर्ट से जानें सही स्टैंडिंग पॉश्चर

टेढ़ा खड़े होने से पीठ, कमर और गर्दन का दर्द होने के साथ हो सकती हैं कई बीमारियां। एक्सपर्ट के हवाले से जानें खड़े होने का सही तरीका क्या है।
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टेढ़ा खड़ा होने की आदत दे सकती है कमर, रीढ़ और गर्दन के कई रोग, एक्सपर्ट से जानें सही स्टैंडिंग पॉश्चर

ज्यादातर लोगों में आदत होती है कि वह एक पैर पर भार देकर हमेशा खड़े रहते हैं। एक पैर को हल्का रखते हैं या दीवार या टेबल का सहारा लेकर खड़े होते हैं। अगर लंबे समय तक इसी तरह से खड़े रहेंगे तो जिस अंग पर दबाव होता है, उसके मसल्स और बॉडी पार्ट पर असर पड़ सकता है, यह शरीर को टेढ़ा कर देता है। इस बारे में सोनारी विजया होम्स के फिजियोथेपिस्ट डॉ. विवेक शर्मा बताते है कि जिस भाग पर भार नहीं रहता, उससे संबंधित अंगों और मांसपेशियों में स्ट्रेचिंग होती है। मसल्स में ढीलापन आता है और जिस पर भार देकर खड़े रहते है उस मसल्स में टाइटनेस आता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम स्टैंडिंग पॉश्चर पर बात करते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि खड़े होने का सही तरीका क्या है।

टेढ़ा खड़े होने से आ सकती हैं ये दिक्कतें

डॉक्टर विवेक बताते हैं कि टेढ़ा खड़े होने की वजह से बॉडी का नार्मल अलाइनमेंट चेंज होता है और टेढ़ापन की शिकायत आती है। इससे मुख्यतः सिर, कमर और रीढ़ की हड्डी में समस्या होती है और बैक पेन होता है। सबसे ज्यादा स्पाइन ( रीढ़ की हड्डी)  को असर पहुंचाता व नुकसान होता है। क्योंकि एक तरफ खड़ा रहने के कारण सारा भार स्पाइन पर पड़ता है। इससे स्पाइन के घुमाव को चेंज कर सकता है। इससे लोड पड़ने वाले जगह पर दर्द चालू होता है। अगर पेन होता है और हम डॉक्टर को नहीं दिखाते हैं तो गंभीर समस्या हो सकती है। ऐसे पेन से बचने के लिए हमें हमेशा पॉश्चर चेंज करके खड़ा रहना चाहिए। इसलिए लोगों स्टैंडिंग पॉश्चर के बारे में जानना बहुत जरूरी है। लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो शरीर का वजन दोनों पैरों पर डालें। यदि किसी को टेढ़ा खड़ा होने की आदत है तो उसे उसमें बदलाव लाना होगा। दोनों पैर पर भार देकर खड़ा होना चाहिए। लेकिन कभी-कभी दोनों पांव पर भी ज्यादा देर तक भार देकर खड़े रहने से कमर में और घुटनों में दर्द होता है। ऐसा दर्द ज्यादातर सिक्योरिटी गार्ड को होता है, क्योंकि वो हमेशा एक ही पुजिशन में खड़े रहते हैं। वहीं महिलाएं जो घर में खाना बनाती हैं। उनमें से कई महिलाएं एक पैर पर भार देकर खड़ी होकर खाना बनाती हैं, जिससे उन्हें कमर दर्द की परेशानी होती है। क्योंकि महिलाओं का कमर चौड़ा होता है और सीधे खड़े रहने के कारण कमर पर असर करता है। पहले जो महिलाएं हमेशा घर में बैठकर खाना बनाती थी उन्हें कमर दर्द की समस्या नहीं होती थी। लेकिन आजकल की महिलाएं मॉड्यूलर किचन में खड़े होकर खाना बनाती हैं, जिससे उन्हें कमर दर्द की समस्या होती है। क्योंकि लोगों ने आराम व सहुलियत को देखते हुए बदलाव किए हैं इससे वो शारिरिक तौर पर एफर्ट नहीं लगा पा रही हैं।

Standing Posture

एक पैर पर भार देकर खड़े रहने से कमर दर्द की शिकायत

डॉक्टर विवेक बताते हैं कि एक पैर पर ज्यादा भार देकर खड़े रहने पर भार कमर पर आता है। इससे मांसपेशियों का खिंचाव, मांसपेशी में ऐंठन व तनावपूर्ण लिगामेंट की समस्या होती है। रीढ़ की बनावट में खराबी की वजह से या हड्डियों की सघनता में कमी आने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति में रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है जो दर्द के रूप में सामने आता है। कमर दर्द होने पर शरीर तापमान बढ़ जाता है। इस कारण पीठ पर सूजन, तेज व हर वक्त दर्द, ज्यादा देर तक बैठे रहने से या खड़े रहने से दर्द होता है। नितंबों के आसपास सुन्न महसूस होता है। कई बार दर्द की स्थिति में इसकी गंभीरता का पता लगाने के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, डिस्कोग्राफी सहित अन्य जांच की सलाह देते हैं।

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एक तरफ भार देकर खड़े रहने से गर्दन दर्द

डॉक्टर बताते हैं कि एक तरफ भार देकर खड़े रहने का असर गर्दन पर भी होता है। शरीर का संतुलन ठीक न होने के कारण गर्दन में जो मांसपेशियां होती हैं उनमें खिंचाव आ जाता है। अगर वक्त रहते इसका इलाज न कराया जाए तो सर्वाइकल पेन हो जाता है और अगर एक बार सर्वाइकल हो गया तो यह सिर्फ गर्दन तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि धीरे-धीरे शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। गर्दन दर्द की समस्या को ही सर्वाइकल पेन कहते हैं। इससे बचने के लिए हमें एक अवस्था में नहीं खड़ा नहीं रहना चाहिए। आप चाहे कोई भी काम करें, किसी भी अवस्था में (एक ही स्टैंडिंग पॉश्चर) बहुत अधिक समय तक वक्त न बिताएं। कहने का मतलब है कि आप अगर सीधे बैठे हैं तो घंटों तक वैसे बैठे न रहें, थोड़ा ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं हो लें। इससे शरीर में कमजोरी होती है व चलने में दिक्कत होती है। मांसपेशियों में अकड़न महसूस होता है। गर्दन कठोर हो जाता है। गर्दन में दर्द होता है।

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रीढ़ की हड्डी में हो सकता है दर्द

एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर के एक तरफ भार पड़ने से इसका असर पीठ पर होता है। इससे स्पाइनल पेन शुरू हो जाता है। रीढ़ (स्पाइन) की हड्डियों को संकुचित कर उन्हें कमजोर कर देता है। इससे रीढ़ में अकड़न शुरू हो जाता है। रीढ़ के निचले हिस्से में दर्द होता है। मांसपेशियों और नसों के कुछ फंक्शन बंद हो जाते हैं। रीढ़ में दर्द की समस्या शरीर के असामान्य पुजिशन के कारण होती हैं। ऐसा दर्द 10 से 15 दिनों तक रहता है। मांसपेशियों में ऐठन भी होती है। कमर से लेकर सिर तक जाने वाली रीढ़ की हड्डी के दर्द को ही स्पॉन्डिलाइटिस कहते हैं। यह ऐसा दर्द है जो कभी नीचे से ऊपर व कभी ऊपर से नीचे की ओर बढ़ता है। दर्द तीव्रता के साथ शुरू होता है। यह दर्द मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी वाली जगह पर ही महसूस होता है।

आप स्टैंडिंग पॉश्चर को समझें, बावजूद परेशानी हो तो लें एक्सपर्ट की सलाह

जरूरी है कि लोग यदि कहीं पर खड़े हैं तो अच्छे से खड़े होना चाहिए। नहीं तो इन्हीं छोटी -छोटी आदतों की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो सकता है। ऐसे में यही आपको कहीं पर लंबे समय पर खड़े ही रहना है तो शरीर का वजन दोनों पैर पर देने के साथ बीच-बीच में हल्का वॉक कर लें। नहीं तो दर्द की समस्या हो सकती है। यदि आप भी इस प्रकार की परेशानी से जूझ रहे हैं तो बेहतर यही होगा कि आप डॉक्टरी सलाह लें।

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