What Happens To The Body After A Miscarriage In Hindi: किसी भी महिला के लिए मिसकैरेज या गर्भपात आसान नहीं होता है। यह अवस्था महिला को न सिर्फ शारीरिक रूप से कमजोर बना देती है, बल्कि मानसिक रूप से भी तोड़ देती है। ऐसा किसी महिला के साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि वे प्रेग्नेंसी के इस सफर में सभी तरह की सावधानियां बरतें। यहां तक कि अपनी डाइट का प्रॉपर ध्यान रखें और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इन सबके बावजूद, कई बार महिला का स्वास्थ्य सपोर्ट नहीं करता है और उन्हें मिसकैरेज से गुजरना पड़ता है। मिसकैरेज के दौरान काफी ब्लीडिंग होने से लगती है। ब्लीडिंग कितनी होगी, यह गर्भावस्था को कितना समय हो गया है, इस बात पर निर्भर करता है। बहरहाल, गर्भावस्था के बाद महिलाओं के शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं, उन्हें इसके बारे में भी पता होना चाहिए। यहां हम आपको यही सब जानकारी विस्तार से देंगे। इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
मिसकैरेज के बाद शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं
वजाइनल ब्लीडिंग
अगर पहली तिमाही में मिसकैरेज होता है, तो उस दौरान वजानइल ब्लीडिंग होना सामान्य है। लेकिन, मिसकैरेज होने के बाद करीब एक सप्ताह तक ब्लीडिंग होती रहती है। इस दौरान, कुछ महिला को कम तो कुछ महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग होती है। कभी-कभी ब्लीडिंग के दौरान ब्लड क्लॉट्स भी निकल जाते हैं। जाहिर है, मिसकैरेज होने पर आपको घर में रहकर अपना खुद का इलाज नहीं करना है। इस तरह की घटना घटने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और आपके साथ जो भी हो रहा है, उस बारे में डॉक्टर को बताना है।
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गर्भाशय में ऐंठन
मिसकैरेज के बाद कुछ समय तक गर्भाशय में ऐंठन बनी रहती है। दरअसल, गर्भपात के बाद जैसे-जैसे गर्भाशय सिकुड़ता है और गर्भाशय की परत और भ्रूण के बचे हुए ऊतक बाहर निकल जाते हैं, जिससे गर्भाशय धीरे-धीरे अपने मूल आकार में लौट आता है। विशेषज्ञों की मानें, तो हैवी ब्लीडिंग होने के कुछ दिनों बाद यह ऐंठन खत्म हो जाती है। अगर आपके साथ ऐसा न हो, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी के लक्षणों में कमी आना
मिसकैरेज के बाद महिलाओं के शरीर में नजर आ रहे प्रेग्नेंसी के लक्षण भी कम होने लगते हैं जैसे, मॉर्निंग सिकनेस, फूड क्रेविंग और ब्रेस्ट में टेंडरनेस आदि। यही नहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले सभी शारीरिक बदलाव मिसकैरेज के बाद कम हो जाते हैं। समय के साथ-साथ ये लक्षण पूरी तरह खत्म हो जाते हैं। हालांकि, किस महिला में मिसकैरेज के बाद प्रेग्नेंसी के लक्षण कितने दिनों में खत्म होंगे, यह उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
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थकान बने रहना
मिसकैरेज न सिर्फ एक बुरी दुर्घटना है, बल्कि शरीर में होने वाला बड़ा बदलाव भी है। मिसकैरेज के बाद अक्सर महिला काफी ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करती है। कई बार, गर्भपात के बाद कई महिलाओं के लिए रात को पर्याप्त नींद लेना भी मुश्किल हो जाता है। असल में, यह बहुत ही स्ट्रेसफुल होता है और यह महिला के लिए शॉकिंग भी होता है। कई बार देखने में आया है कि मिसकैरेज के बाद महिलाएं डिप्रेशन और एंग्जाइटी में भी चली जाती हैं। इस तरह की कंडीशन अक्सर महिलाओं को थकान और कमजोरी से भर देती है।
शरीर में दर्द होना
मिसकैरेज के कारण महिला को फिजिकल और इमोशनल लॉस फील करती है। मिसकैरेज के बाद कुछ समय तक ब्लीडिंग होती है और रक्त के थक्के भी निकलते हैं। ऐसे में महिला का कमजोरी महसूस करना लाजिमी है। वहीं, कई बार इस अवस्था में उन्हें फिजिकल पेन भी होता है। कुछ महिलाओं को मिसकैरेज के दौरान लेबर पेन की तरह दर्द का अहसास होता है। वहीं, मिसकैरेज होने के बाद रिकवरी प्रोसेस के दौरान शरीर में दर्द बना रह सकता है। हां, समय के साथ-साथ इसमें कमी अने लगती है। इसके अलावा, समय पर दवा लेने से भी मिसकैरेज के बाद होने वाली समस्याओं में कमी आने लगती है।
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