
गर्भावस्था एक महिला के जीवन में कई शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तनों का समय होता है। इस दौरान शरीर में विभिन्न बदलाव होते हैं जो मौजूदा बीमारियों, जैसे अस्थमा, पर भी असर डाल सकते हैं। अस्थमा एक क्रॉनिक रेस्पिरेटरी से जुड़ी समस्या है जिसमें रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में सूजन और उसका मार्ग कम होना हो सकता है। इस स्थिति में सांस लेने में कठिनाई होती है। सवाल यह है कि क्या गर्भावस्था अस्थमा को और खराब कर देती है? इसका उत्तर हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सामान्य रूप से प्रेग्नेंसी अस्थमा पर मिश्रित प्रभाव डाल सकती है। इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की गाइनाक्लॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि क्या प्रेग्नेंसी से अस्थमा के लक्षण पर असर पड़ता है?
क्या प्रेग्नेंसी में अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है? - Does Pregnancy Make Asthma Worse In Hindi
प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव
प्रेग्नेंसी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो रेस्पिरेटरी सिस्टम पर प्रभाव डाल सकते हैं। प्रोजेस्टेरोन की अधिकता से सांस लेने की दर में बढ़ोतरी होती है, जिससे अस्थमा के लक्षण बेहतर हो सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में हार्मोनल बदलाव अस्थमा को और बिगाड़ सकते हैं, खासकर उन महिलाओं में जिनका अस्थमा पहले से असंतुलित है।

तीसरी तिमाही में अस्थमा के लक्षणों में वृद्धि
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में, ओवरी का आकार बढ़ने से फेफड़ों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षण जैसे सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट और खांसी बढ़ सकती हैं। तीसरी तिमाही में अस्थमा के अटैक की संभावना अधिक होती है, इसलिए इस समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
अस्थमा की स्थिति में उतार-चढ़ाव
प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाओं को अस्थमा के लक्षणों में सुधार महसूस हो सकता है, जबकि कुछ महिलाओं में ये लक्षण खराब हो सकते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान अस्थमा बेहतर हो जाता है, जबिक कुछ महिलाओं के लिए अस्थमा गंभीर हो सकता है।
अस्थमा और प्रेग्नेंसी में क्या जटिलताएं हो सकती हैं?
यदि अस्थमा प्रेग्नेंसी के दौरान बिगड़ता है और इसे नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह प्रीटरम लेबर (जल्दी प्रसव), प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप), और शिशु के कम वजन जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को अपने अस्थमा के लक्षणों को मॉनिटर करना चाहिए और डॉक्टर से नियमित रूप से परामर्श लेना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में अस्थमा का इलाज
प्रेग्नेंसी के दौरान अस्थमा के इलाज में दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण होता है। डॉक्टर आमतौर पर अस्थमा को नियंत्रित करने के लिए इनहेलर और अन्य दवाओं का सुझाव देते हैं। गर्भावस्था में अस्थमा की दवाओं को बंद करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि अस्थमा का अनियंत्रित होना मां और शिशु दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान अस्थमा के लक्षणों में गंभीरता और सुधार दोनों ही स्थितियां देखी जा सकती हैं। यह प्रत्येक महिला के शारीरिक और हॉर्मोनल परिवर्तनों पर निर्भर करता है। लेकिन, किसी भी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान दिखाई देने वाले लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह की समस्या में उनको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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