प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते है। यह बदलाव हार्मोन और शारीरिक दोनों ही तरह के होते हैं। इस दौरान महिलाओं के गर्भ में बच्चा एक विशेष तरह के तरल पदार्थ से कवर होता है इसे एमनियोटिक फ्लुइड के नाम से जनते हैं। यह एमनियोटिक फ्लुइड गर्भ में बच्चे की चोटों से सुरक्षा करता है और उसे पोषण प्रदान करता है। हालांकि, अगर एम्नियोटिक फ्लुइड सामान्य मात्रा से अधिक हो जाता है, तो इसे पॉलीहाइड्राम्नियोस कहा जाता है। यह स्थिति मां और शिशु दोनों के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइक्लोनॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से आगे उन लक्षणों के बारे में जो बताते हैं कि गर्भ में अम्नियोटिक फ्लुइड की मात्रा अधिक है।
एमनियोटिक फ्लूइड बढ़ने के लक्षण - Signs Of Having Too Much Amniotic Fluid In Hindi
पेट के आकार में असामान्य बढ़ोतरी
अगर आपका पेट गर्भावस्था के दौरान सामान्य आकार से कहीं बड़ा दिखने लगे, तो यह एम्नियोटिक फ्लुइड के अधिक होने का संकेत हो सकता है। गर्भ का आकार आमतौर पर शिशु की उम्र और विकास के साथ मेल खाता है, लेकिन फ्लुइड की अधिकता पेट को अधिक बढ़ा सकती है।
सूजन (एडिमा)
गर्भाशय का आकार बढ़ने से शरीर के निचले हिस्सों में खून और तरल पदार्थ धीमा हो सकता है, जिससे पैरों, टखनों और हाथों में सूजन हो सकती है। यह विशेष रूप से तीसरी तिमाही में अधिक दिखाई देता है।
सांस लेने में कठिनाई
एम्नियोटिक फ्लुइड अधिक होने से गर्भाशय फैल जाता है, जिससे पेट के आसपास के अंगों पर दबाव बढ़ता है। यह फेफड़ों को सही तरीके से फैलने से रोक सकता है, जिससे गर्भवती महिला को सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है।
पेट में खिंचाव या दर्द
एम्नियोटिक फ्लुइड अधिक होने पर गर्भाशय के अंदर खिंचाव और दबाव बढ़ सकता है, जिससे पेट में दर्द या असहजता हो सकती है। यह दर्द कभी-कभी पेट की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से होता है।
कब्ज या पाचन संबंधी समस्याएं
एम्नियोटिक फ्लुइड की अधिकता के कारण गर्भाशय बड़ी आंतों पर दबाव डाल सकता है, जिससे कब्ज, अपच, और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भावस्था में यह लक्षण सामान्य हो सकते हैं, लेकिन अगर यह बढ़ जाए तो चिंता का विषय हो सकता है।
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एमनियोटिक फ्लुइड बढ़ने से प्रेग्नेंसी में प्रीटर्म लेबर की जोखिम बढ़ सकता है। गर्भाशय का ज्यादा फैलाव इसकी वजह हो सकता है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए। अल्ट्रासाउंड और अन्य परीक्षणों से फ्लुइड के स्तर की जांच की जा सकती है। गंभीर मामलों में, मेडिकल ट्रीटमेंट जैसे कि एम्नियोरिडक्शन (फ्लुइड निकालना) या अन्य उपचारों की आवश्यकता हो सकती है।