Medically Reviewed by Dr Shrey Sharma

बच्चों को कब्ज से राहत कैसे दिलाएं? डॉक्टर से जानें आसान और असरदार टिप्स

आजकल की खराब लाइफस्टाइल के साथ-साथ अनहेल्दी फूड्स के कारण बच्चों को भी कब्ज की समस्या हो जाती है। ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि बच्चों को कब्ज से राहत कैसे दिलाएं?
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बच्चों को कब्ज से राहत कैसे दिलाएं? डॉक्टर से जानें आसान और असरदार टिप्स

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती लाइफस्टाइल का असर केवल बड़ों पर ही नहीं, बल्कि बच्चों पर भी साफ तौर पर देखने को मिलता है। जहां पहले बच्चों की दिनचर्या में खेल-कूद, हेल्दी डाइट और समय पर सोने-जागने की आदतें शामिल होती थीं, वहीं अब मोबाइल, टीवी, फास्ट फूड और अनियमित खानपान बच्चों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गए हैं। इसका एक बड़ा और आम असर है कब्ज की समस्या। कब्ज जो बच्चों को न केवल शारीरिक तकलीफ देती है, बल्कि उनके मूड, भूख, नींद और पढ़ाई पर भी असर डाल सकती है। जब बच्चा 2-3 दिन तक शौच नहीं करता या मल बहुत सख्त और दर्द देने वाला होता है, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है। ऐसे में माता-पिता परेशान हो जाते हैं और सोचते हैं कि आखिर बच्चों को इस परेशानी से कैसे राहत दिलाई जाए।


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यह समझना जरूरी है कि बच्चों में कब्ज केवल एक अस्थायी समस्या नहीं है, बल्कि यह भविष्य में पाचन संबंधी अन्य परेशानियों का कारण बन सकती है। सही समय पर सही उपाय अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए बच्चों की डाइट, दिनचर्या और आदतों में कुछ बदलाव जरूरी हैं। इस लेख में हम सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे, बच्चों का पेट साफ रखने के आसान तरीके क्या हैं (baccho ka pet saaf karne ka tarika)?

बच्चों का पेट साफ रखने के आसान उपाय - How To Help Kids Have Regular Bowel Movement

1. फाइबर से भरपूर डाइट

बच्चों की डाइट में फाइबर का होना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह पाचन क्रिया को सुचारू (baccho ka pet saaf karne ke upay) बनाता है और मल को मुलायम रखने में मदद करता है। फाइबर युक्त डाइट में आप फलों में सेब, नाशपाती, अमरूद, पपीता शामिल कर सकते हैं तो वहीं सब्जियों में गाजर, पालक, बीन्स और मटर शामिल करें। इसके अलावा साबुत अनाज और ड्राई फ्रूट्स भी खिलाएं। एक दिन में कम से कम 20-25 ग्राम फाइबर बच्चों को मिलना चाहिए, उनकी उम्र के अनुसार।

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2. पर्याप्त पानी पिलाएं

बच्चे अक्सर पर्याप्त पानी नहीं पीते, जिससे शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और मल सख्त हो जाता है। पानी पाचन में सहायक होता है और फाइबर के साथ मिलकर मल त्याग को आसान बनाता है। 5–10 साल के बच्चों को कम से कम 1.5–2 लीटर पानी रोज पीने की आदत होनी चाहिए, इसके अलावा हल्का गुनगुना पानी सुबह-सुबह देने से कब्ज से राहत मिलती है।

3. फिजिकल एक्टिविटी

फिजिकल एक्टिविटी पाचन क्रिया को उत्तेजित करती है और कब्ज की समस्या को कम करती है। बच्चों को मोबाइल या टीवी तक सीमित न रखें, उन्हें रोजाना कम से कम 30-60 मिनट बाहर खेलने दें इसके अलावा बच्चों को रनिंग भी करवाएं। साइकलिंग, दौड़, रस्सी कूद जैसे एक्टिव गेम्स पाचन में मददगार होते हैं।

4. समय पर शौच की आदत डालें

शौच के लिए एक नियमित समय तय करें, जैसे सुबह उठते ही या नाश्ते के बाद। यह आदत धीरे-धीरे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक को सेट करती है। बच्चे को शांति और धैर्य से बैठने दें, जोर डालने को न कहें। अगर बच्चा डरता है, तो उसे प्यार से समझाएं, डांटें नहीं।

5. स्ट्रेस और मानसिक दबाव से बचाएं

कई बार मानसिक तनाव या स्कूल का दबाव भी बच्चों में मलत्याग की समस्या का कारण बनता है। बच्चों के साथ बातें करें और बच्चों पर पढ़ाई या परफॉर्मेंस का अनावश्यक दबाव न डालें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

  • बच्चा 3-4 दिन तक शौच न कर रहा हो
  • मल में खून आ रहा हो
  • ज्यादा पेट दर्द या उल्टी की शिकायत हो
  • बहुत चिड़चिड़ा या सुस्त हो गया हो
  • तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। लंबे समय तक कब्ज रहना आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकता है।

निष्कर्ष

बच्चों में नियमित मलत्याग की आदत डालना कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक संयमित दिनचर्या और सही खानपान से जुड़ा है। यदि माता-पिता थोड़ी जागरूकता और धैर्य के साथ बच्चों की दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव लाएं, जैसे कि समय पर खाना, पर्याप्त पानी, फाइबर युक्त डाइट और फिजिकल एक्टिविटी, तो यह समस्या आसानी से दूर हो सकती है।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • बच्चों में कब्ज होने के मुख्य कारण क्या हैं?

    बच्चों में कब्ज आमतौर पर अनियमित खानपान, कम पानी पीना, फाइबर की कमी, शारीरिक गतिविधि की कमी, मानसिक तनाव या शौच जाने में झिझक के कारण होता है।
  • क्या बच्चे को रोजाना शौच जाना जरूरी है?

    हां, बच्चों के लिए रोजाना शौच जाना एक हेल्दी डाइजेस्टिव सिस्टम का संकेत है। हालांकि कुछ बच्चों की नेचुरल आदतें अलग हो सकती हैं, लेकिन 1 से 2 दिन में एक बार मल त्याग होना जरूरी माना जाता है।
  • क्या दूध से बच्चों को कब्ज हो सकता है?

    हां, कुछ बच्चों को दूध पचाने में दिक्कत होती है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेकर दूध की मात्रा घटाना या दूध के विकल्प आजमाना बेहतर रहता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 18, 2025 12:10 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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