Tips To Prevent Constipation In Children In Hindi: बच्चों में कब्ज की समस्या होना बहुत आम बात है। आमतौर पर कब्ज की शिकायत उन्हीं बच्चों को होती है, जो बहुत कम पानी पीते हैं। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या कम हो जाती है। लेकिन, कई बार कब्ज की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि बच्चे को मल त्यागते समय बहुत ज्यादा दर्द होता है। कभी-कभी मल त्यागने के दौरान खून भी आ जाता है। इस तरह की स्थिति में बच्चों को काफी तकलीफ होती है। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे की कब्ज की समस्या का हल निकालें। आपको बता दें कि जरूरी नहीं है कि हर बार कब्ज की परेशानी के लिए हर बार डॉक्टर के पास ही जाया जाए। इसके लिए, बच्चे की आदतों में सुधार करके भी कब्ज से राहत पाया जा सकता है। इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पवन मंडाविया ने एक इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।
डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं- Give High-Fiber Foods
कब्ज की समस्या शरीर में पानी की मात्रा की वजह से होता है। बच्चे की डाइट में फाइबर शामिल कर कब्ज की समस्या से राहत पाई जा सकती है। फाइबर की वजह से मल नर्म हो जाता है और इसे त्यागते समय बच्चे को दिक्कत नहीं आती है। फाइबर फूड में आप बच्चे को फल, बीन्स, साबुत अनाज जैसी चीजें दें। छोटे बच्चों को एक दनि में 20 ग्राम डाइट्री फाइबर लेना चाहिए। यह उनके शरीर के लिए काफी होता है।
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तरल पदार्थ का सेवन करवाएं- Drink Plenty Of Fluids
जिन बच्चों को कब्ज की शिकायत रहती है, उनकी डाइट में तरल पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इस तरह की चीजों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे कब्ज होने का रिस्क कम हो जाता है।
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बच्चे को एक्टिव रखें- Promote Physical Activity
जो बच्चे कम एक्टिव रहते हैं, उन्हें भी कब्ज की समस्या हो सकती है। यह बात, तो आप जानते ही होंगे कि एक्सरसाइज की मदद से बॉडी हेल्दी रहती है। इसका असर पाचन क्षमता पर भी पड़ता है। इसी तरह, अगर बच्चे को कब्ज की शिकायत है, तो उसे एक्टिव रहना चाएह। एक्टिव रहने से पाचन क्षमता में सुधार होता है।
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टॉयलेट रूटीन फिक्स करें- Make A Toilet Routine
जिन बच्चों का कब्ज की शिकायत रहती है, उन्हें रोजाना फिक्स टाइम पर ही टॉयलेट के लिए जाना चाहिए। इसे टॉयलेट रूटीन कह सकते हैं। टॉयलेट रूटीन की मदद से बॉडी को यह निर्देश जाता है कि एक फिक्स टाइम पर टॉयलेज यूज करना है। टॉयलेट रूटीन की मदद से कब्ज की समस्या में भी सुधार होता है।
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नेचुरल कॉल को इग्नोर न करें- Do Not Ignore Nature's Call
कब्ज से परेशान बच्चे अक्सर नेचर कॉल को इग्नोर करते हैं। दरअसल, कब्ज की वजह से कई बच्चे मल त्यागते समय काफी तकलीफ झेलते हैं। इसलिए, ऐसे बच्चे नेचर कॉल यानी मल त्यागने की इच्छा को नजरअंदाज करने लगते हैं। बच्चे को सिखाएं कि वह ऐसा न करें। ऐसा करने से उनकी स्थिति और खराब हो सकती है। बच्चे को बताएं कि जितनी बार उन्हें टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हो, वे जरूर जाएं।
डॉक्टर के पास ले जाएं- Consult Doctor
अगर उपरोक्त दिए गए सुझाव के बावजूद बच्चे के कब्जी की समस्या में सुधार न हो, तो बेहतर है कि बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जाएं। अगर पहले से ही कोई दवा चल रही है, तो एक बार दवाओं को रिव्यू करें। कई बार कई दवाएं सभी बच्चों पर काम नहीं करती है। इसलिए, डॉक्टर से संपर्क कर उन्हें दूसरी दवाईयां दें और दूसरे विकल्पों का चयन करने को कहें।
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