आज के दौर में कब्ज को पेट की एक आम समस्या समझा जाता है। लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। साथ ही, कब्ज पर ध्यान न देने की वजह से यह समस्या कुछ लोगों में सालों सालों बनी रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कब्ज लंबे समय तक बनी रहे, तो क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन कहा जाता है। पेट की समस्या के कारण लोगों को गैस, अपच और बदहजमी महसूस होने लगती है। कब्ज की वजह से व्यक्ति को किसी भी काम में मन नहीं लगता है। साथ ही, यह बैचैनी की वजचह बन सकती है। ऐसे में यह सिर्फ पेट की परेशानी नहीं रहती, बल्कि यह आपके दिल की सेहत के लिए भी खतरा बन सकती है?
जब व्यक्ति को हफ्ते में तीन से कम बार मल त्याग होता है, और वह भी कठिनाई से, तो उसे क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन कहा जाता है। इसके साथ-साथ यदि मल त्याग के दौरान जोर लगाना पड़े, मल कठोर हो, या अधूरा मल त्याग महसूस हो, तो यह भी कब्ज के लक्षण होते हैं। जब यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करने लगती है। इस लेख में जिनोवा शैल्बी की इंटरनल मेडिसिन और सीनियर कंसल्टेंट डॉ उर्वी से जानते हैं कि कब्ज और हार्ट से जुड़ी समस्याओं के बीच क्या कनेक्शन होता है।
कब्ज और दिल की बीमारी के बीच संबंध कैसे बनता है? - Connection Between Constipation And Heart Problems In Hindi
ज्यादा जोर लगाने से हृदय पर दबाव
जब व्यक्ति कब्ज के कारण टॉयलेट में अधिक जोर लगाता है, तो उस समय शरीर में ब्लड प्रेशर और हृदय गति (heart rate) बढ़ जाती है। यह अचानक का तनाव (stress) दिल पर असर डालता है। कुछ मामलों में यह दिल के दौरे (heart attack) का भी कारण बन सकता है, विशेषकर उन लोगों में जो पहले से हृदय रोग से ग्रस्त हैं।
वैनस नर्व (Vagus Nerve) पर प्रभाव
मल त्याग के दौरान जब व्यक्ति अत्यधिक जोर लगाता है, तो यह वैगस नर्व को सक्रिय करता है। यह नर्व शरीर में ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को नियंत्रित करती है। अत्यधिक सक्रियता से ब्लड प्रेशर अचानक गिर सकता है और दिल की धड़कन रुक सकती है, जिसे वेसोवैगल सिंकोप कहा जाता है। यह जानलेवा स्थिति हो सकती है।
आंतों में टॉक्सिन्स का जमाव
कब्ज के कारण जब मल लंबे समय तक आंतों में रुका रहता है, तो उसमें मौजूद विषैले पदार्थ (toxins) शरीर में दोबारा अवशोषित हो सकते हैं। यह सूजन (inflammation) को बढ़ाता है, जो नसों को नुकसान पहुंचाकर एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) जैसी स्थितियां पैदा कर सकता है, जो दिल के रोगों की प्रमुख वजहों में से एक है।
शरीर में तनाव और चिंता
कब्ज केवल शारीरिक समस्या नहीं है, यह मानसिक तनाव का भी कारण बनती है। पुरानी कब्ज से ग्रसित व्यक्ति अक्सर बेचैनी, चिड़चिड़ापन और चिंता का अनुभव करता है। यह मानसिक तनाव लंबे समय में ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है।
जीवनशैली की खराब आदतें
क्रॉनिक कब्ज और दिल की बीमारियों के पीछे कई सामान्य कारण होते हैं: जैसे फाइबर की कमी, पानी कम पीना, शारीरिक गतिविधि की कमी और अस्वस्थ भोजन। यानी जो आदतें कब्ज का कारण हैं, वही हृदय को भी बीमार बना सकती हैं।
किन लोगों को ज्यादा खतरा होता है?
- 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग
- पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोगों को
- हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज
- जो शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते हैं
- अधिक मांसाहारी या जंक फूड खाने वाले लोग, आदि।
कब्ज से बचाव के लिए क्या करना चाहिए? - Prevention Tips Of Constipation In Hindi
- फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालों को अपने आहार में शामिल करें। रोज़ कम से कम 25–30 ग्राम फाइबर लें।
- दिन भर में 8–10 गिलास पानी पीना जरूरी है। यह आंतों को नरम बनाकर मल को बाहर निकालने में मदद करता है।
- चलना, योग, साइकल चलाना या हल्की दौड़ कब्ज और हृदय स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है।
- ध्यान, प्राणायाम और पर्याप्त नींद से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।
यदि कब्ज लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसे नज़रअंदाज न करें। डॉक्टर से सलाह लें और उचित जांच करवाएं, खासकर अगर दिल की बीमारी का कोई पारिवारिक इतिहास हो।
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कब्ज को कभी भी हल्के में न लें। यह केवल पाचन तंत्र की नहीं, पूरे शरीर की चेतावनी हो सकती है – खासकर हृदय के लिए। नियमित जीवनशैली, संतुलित आहार और मानसिक संतुलन बनाए रखकर न केवल कब्ज से छुटकारा पाया जा सकता है, बल्कि दिल की बीमारियों से भी बचा जा सकता है। याद रखें, स्वस्थ पेट ही स्वस्थ हृदय की नींव है।
FAQ
भयंकर कब्ज के लक्षण क्या हैं?
भयंकर कब्ज के लक्षण सामान्य कब्ज से अधिक गंभीर होते हैं और इसमें मलाशय में अवरोध, मल त्याग के लिए अत्यधिक प्रयास, और मल त्याग के बाद भी अपूर्ण महसूस होना शामिल हो सकता है।कब्ज की पहचान कैसे की जाती है?
कब्ज तब होता है जब कठोर, सूखे मल (मल) का निकलना सीमित या कठिन होता है। कब्ज को अक्सर सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग के रूप में पहचान सकते हैं।कब्ज दूर करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
कब्ज को दूर करने के लिए आप डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इसके लिए आप फाइबर युक्त आहार और फलों का सेवन करें। साथ ही, दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
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