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शिशु में ये लक्षण हो सकते हैं ऑटिज्म के शुरुआती संकेत, न करें नजरअंदाज

Early Signs of Autism in Babies: ऑटिज्म एक ऐसा विकार है, जिसमें बच्चों की सोशल, कम्यूनिकेशन और बिहेवरियल कंडीशन प्रभावित होती है।
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शिशु में ये लक्षण हो सकते हैं ऑटिज्म के शुरुआती संकेत, न करें नजरअंदाज


Early Signs of Autism in Babies: बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता को उनके शारीरिक और मानसिक बदलावों पर ध्यान जरूर देना चाहिए। शिशु और बच्चे अपनी भावनाओं और तकलीफों को व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति से ही चीजों का पता लगाया जा सकता है। कई बार यह देखा गया है, माता-पिता बच्चों में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव को ध्यान से नहीं देख पाते हैं। इसके कारण आगे चलकर शिशु और बच्चे गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ऑटिज्म भी शिशुओं और बच्चों में होने वाला गंभीर विकार है। इसके कारण बच्चों को बोलने, चलने समेत कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समय रहते शिशुओं में ऑटिज्म के लक्षणों को पहचान कर उचित कदम उठाने से आप बच्चे को काफी हद तक इस स्थिति के चपेट में आने से बचा सकते हैं। आइए इस लेख में समझते हैं, बच्चों या शिशुओं में ऑटिज्म के शुरुआती लक्षणों के बारे में।

ऑटिज्म क्या है?- What is Autism in Hindi

ऑटिज्म को मेडिकल भाषा में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder) कहा जाता है। यह एक ऐसा विकार है, जिसमें बच्चों की सोशल, कम्यूनिकेशन और बिहेवरियल कंडीशन प्रभावित होती है। एससीपीएम हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जाफर कहते हैं, "शिशुओं में ऑटिज्म के शुरुआती लक्षणों को समझकर उचित कदम उठाने से उनकी जिंदगी सुधारी जा सकती है। अक्सर माता-पिता ऑटिज्म में दिखने वाले लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं और इसकी वजह से बच्चे इस बीमारी का गंभीर रूप से शिकार हो जाते हैं।" ऑटिज्म को आम भाषा में विकास से जुड़ी विकलांगता भी कहा जा सकता है। इसकी वजह से बच्चों को लोगों से मेल-मिलाप करने, नई चीजों को सीखने और कामकाज करने में परेशानी होती है।

Early Signs of Autism in Babies

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शिशुओं में ऑटिज्म के लक्षण- Early Signs of Autism in Babies in Hindi

ऑटिज्म का कोई सटीक कारण नहीं होता है। डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि पर्यावरणीय और जेनेटिक कारणों की वजह से बच्चे ऑटिज्म का शिकार हो सकते हैं। आमतौर पर दो से तीन साल में बच्चों में ऑटिज्म के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इन लक्षणों को सही समय पर पहचान कर उचित कदम उठाने से इन्हें सुधारने में मदद मिलती है। शिशुओं में ऑटिज्म के शुरुआती लक्षण इस तरह से हैं-

  • बच्चों की स्पीच में बदलाव
  • एक ही चीज को बार-बार बड़बड़ाना
  • हाथ और शरीर का मूवमेंट प्रभावित होना
  • खिलौनों के साथ अजीब तरह से खेलना
  • नजर न मिला पाना
  • फेशियल एक्‍सप्रेशन खराब होना
  • अपना नाम सुनने के बाद भी रिएक्ट न करना
  • दूसरे बच्चों के साथ मेल-जोल न होना
  • बहुत ज्यादा डर लगना
  • पेट और खानपान से जुड़ी परेशानी

इन लक्षणों को देखकर नजरअंदाज करना बच्चों की जिंदगी पर भारी हो सकता है। ये संकेत बच्चों में ऑटिज्म के शुरुआती लक्षण माने जाते हैं। इन संकेतों को सही समय पर पहचान कर डॉक्टर की देखरेख में उचित इलाज लेने से बच्चों में सुधार हो सकता है। हालांकि, ऑटिज्म का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन सही कदम उठाने से उनकी जिंदगी काफी ठीक की जा सकती है।

(Image Courtesy: freepik.com)

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