क्या नाम पुकारने पर बच्चे का रिएक्ट न करना ऑटिज्म का संकेत हो सकता है? जानें डॉक्टर से

अपना नाम सुनकर प्रतिक्रिया न करना शिशुओं में ऑटिज्म का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या नाम पुकारने पर बच्चे का रिएक्ट न करना ऑटिज्म का संकेत हो सकता है? जानें डॉक्टर से


ऑटिज्म डिसऑर्डर एक तरह की मानसिक बीमारी है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं। ऑटिज्म के लक्षण बच्चों में बचपन से ही नजर आने लगते हैं, जिसकी पहचान करके आप इस बीमारी का समय रहते इलाज कर सकते हैं और अपने बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। कई बच्चे अपना नाम सुनने के बाद भी किसी तरह का रिएक्ट नहीं करते हैं। अपना नाम सुनने के बाद किसी तरह की प्रतिक्रिया न देना देना ऑटिज्म का कारण बन सकता है। दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिशन डॉ. माधवी भारद्वाज ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके शिशुओं का अपनानाम सुनने के बाद रिस्पॉन्स न करने के कारण के बारे में जानकारी दी है। 

क्या नाम पुकारने पर बच्चे का रिएक्ट न करना ऑटिज्म का संकेत है? - Could A Child Who Cannot Respond To His Name Have Autism in Hindi?

पीडियाट्रिशन डॉ. माधवी भारद्वाज का कहना है कि अपना नाम सुनने पर प्रतिक्रिया देना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। खासकर आज कल के समय में जब वर्चुअल ऑटिज्म का जोखिम बढ़ता जा रहा है। स्किन देख-देखकर बच्चा वर्चुअल ऑटिज्म की ओर चला जाता है। 6 से 7 महीने के शिशु को अपना नाम सुनने के बाद प्रतिक्रिया देना शुरू कर देना चाहिए, या ज्यादा से ज्यादा 1 साल की उम्र में अपना नाम सुनने के बाद बच्चों को अपना नाम सुनने के बाद आपकी ओर देखना जरूरी है। लेकिन अगर 1 साल का होने के बाद भी आपका बच्चा अपना नाम सुनने के बाद रिस्पॉन्स नहीं देता है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये ऑटिज्म का लक्षण हो सकता है। 

इसे भी पढ़ें- Autism in Children: बच्चों में क्यों बढ़ रहा है ऑटिज्म डिसऑर्डर? जानें इसके कारण

शिशुओं में ऑटिज्म के शुरूआती लक्षण क्या हैं? - What Are The Early Warning Signs of Autism In Hindi?

  • अगर आपका बच्चा अपना नाम पुकारने पर आपकी तरफ नहीं देखता है, लेकिन किसी चीज, कार्टून का नाम, या अन्य चीजों का नाम सुनकर रिएक्ट करता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि अगर बच्चा अपना नाम सुनकर आपकी कोई रिएक्ट नहीं करता है, तो उसे ऑटिज्म हो सकता है। 
  • जो शिशु अपने माता-पिता से नजरें मिलाने से बचते हैं, या उनके साथ खेलते समय उनकी आंखों में नहीं देख पाते हैं, तो उन्हें ऑटिज्म होने का खतरा हो सकता है। 
  • बच्चे का सही से न बोल पाना या बहुत देर से बोलना शुरू करना ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का एक संकेत है। ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में बोलने में देरी अक्सर अन्य बातचीत की समस्याओं को बढ़ा सकता है।

 

 

 

View this post on Instagram

A post shared by Dr Madhavi Bharadwaj (@bacchon_ki_doctor)

  • अगर आपका बच्चा दूसरें बच्चों के साथ खेलना पसंद नहीं करता है, अकेले रहना चाहता है और खुद में रहना चाहता है, तो ये भी ऑटिज्म का संकेत है। 

Image Credit- Freepik 

 

Read Next

शिशु में ये लक्षण हो सकते हैं ऑटिज्म के शुरुआती संकेत, न करें नजरअंदाज

Disclaimer