Piles in Children Causes Symptoms and Solution: बवासीर या पाइल्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें मलद्वार (गुदा) के अंदर या बाहर के ब्लड सेल्स सूज जाते हैं। बवासीर के कारण मलद्वार में दर्द, सूजन, जलन और मलद्वार से ब्लीडिंग की परेशानी देखी जाती है। बवासीर आमतौर पर वयस्कों की परेशानी मानी जाती है, लेकिन क्या ये बच्चों को भी हो सकती हैं? इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने पुणे के पिंपरी स्थित डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शैलजा माने (Dr Shailaja Mane,HOD of Paediatric at DPU Super Specialty Hospital, Pimpri, Pune) से बात की।
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क्या बच्चों को भी बवासीर की परेशानी हो सकती है- Can children also suffer from piles?
डॉ. शैलजा माने के अनुसार, गलत जीवनशैली, खानपान और पानी कम पीने के कारण बच्चों को भी बवासीर की परेशानी हो सकती है। हालांकि वयस्कों के मुकाबले बच्चों में बवासीर के मामले ज्यादा कम दर्ज किए जाते हैं। बवासीर की परेशानी टीनएज और छोटे बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। जिन बच्चों को जन्म के बाद से ही लिवर फ्लोर, दस्त और पाचन से जुड़ी परेशानियां होती हैं, उन्हें बवासीर होने की संभावना ज्यादा रहती है।
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बच्चों में बवासीर के मुख्य कारण- Piles in Children Causes
बच्चों में बवासीर के होने के कई कारण हैं, जिनमें नीचे बताए गए प्रमुख हैं...
1. कब्ज- Can Constipation Causes Piles
बच्चों में बवासीर होने का मुख्य कारण कब्ज है। डॉ. शैलजा माने का कहना है कि पेट में बनने वाली कब्ज के कारण जब बच्चा बार-बार जोर लगाकर मल त्याग करता है, तो इससे गुदा की नसों पर दबाव पड़ता है। जिससे वह फूल सकती हैं और बवासीर की परेशानी हो सकती है।
2. कम फाइबर- Piles due to low fiber diet
आजकल के जमाने में बच्चे पिज्जा, बर्गर, चाइनीज नूडल्स और चॉकलेट ज्यादा खाते हैं। इस तरह के फूड में प्रोसेसिंग का प्रयोग किया जाता है और इनमें फाइबर की कमी भी होती है। कम फाइबर युक्त आहार का सेवन करने की वजह से भी मल कठोर हो जाता है। जिससे मलद्वार की नसों पर दबाव पड़ता है और बवासीर हो सकता है।
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3. कम पानी पीना- Piles due to less water consumption
खेल, कूद और मस्ती के चक्कर में अक्सर बच्चे कम पानी पीते हैं। पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन होता है और मल सख्त हो जाता है। जब मल सख्त होता है, तो यह बवासीर जैसी परेशानी को जन्म दे सकता है।
4. जेनेटिक कारण- Piles due Genetic Causes
अगर बच्चे के माता और पिता में किसी को बवासीर की परेशानी रही है, तो बच्चे में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को बवासीर है, तो उसे अपने बच्चों के खानपान का खास ख्याल रखना जरूरी होता है।
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बच्चों में बवासीर के लक्षण- Symptoms of Piles in Children
बच्चों में होने वाले बवासीर के सामान्य लक्षणों में शामिल हैः
- मल त्याग करते समय दर्द होना
- मल त्याग के दौरान खून आना
- गुदा के पास सूजन या गांठ
- मलद्वार के आसपास खुजली होना
बच्चों को बवासीर से बचाने के उपाय- Ways to protect children from piles
1. फाइबर युक्त आहार दें
बवासीर का मुख्य कारण कब्ज है। कब्ज से बचाव के लिए बच्चों को फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। बच्चों के खाने में फल (सेब, पपीता), हरी सब्जियां, दलिया और मोटे अनाज को शामिल करने से कब्ज की परेशानी से बचा जा सकता है। जब कब्ज की समस्या कम होती है, तो बवासीर होने की संभावना भी कम होती है।
2. 6 गिलास पानी
बच्चों को रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाकर बवासीर की समस्या से बचाया जा सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मल को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया आसान बनती है। इतना ही नहीं, पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है, जो बच्चों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों को भी दूर करता है।
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3. फिजिकल एक्टिव
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कब्ज और पाचन संबंधी परेशानियां उन बच्चों में ज्यादा होती है, जो फिजिकली एक्टिव नहीं होते हैं। लंबे समय तक मोबाइल और टीवी स्क्रीन देखने, गेम खेलने के दौरान बच्चे बैठे हुए ही रहते है, ऐसे में उन्हें कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे में बच्चों को फिजिकली एक्टिव रखें। पेरेंट्स को बच्चों को टीवी स्क्रीन की बजाय पार्क में खेलने, दौड़ने और स्लिंग जैसी एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
डॉ. शैलजा माने का कहना है कि बच्चों को अगर लंबे समय तक कब्ज और पाचन संबंधी परेशानी रहती है, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। पाचन से जुड़ी परेशानियों से राहत पाने के लिए तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
निष्कर्ष
बच्चों में बवासीर होना पेरेंट्स के लिए एक परेशानी वाली स्थिति है। अगर आपको बच्चों में बवासीर के लक्षण नजर आते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें। सही दवा, खानपान और देखभाल के जरिए बच्चों में होने वाले बवासीर को ठीक किया जा सकता है।
FAQ
बच्चों को बवासीर हो जाए तो क्या करें?
बवासीर की परेशानी अक्सर व्यस्कों में देखी जाती है। लेकिन यह बच्चों को होती है, तो यह एक चिंता का विषय है। बच्चों को बवासीर होने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। इलाज और सही खानपान के जरिए बच्चों के बवासीर को ठीक किया जा सकता है।बच्चों में बवासीर का इलाज कैसे करें?
बच्चों में बवासीर की परेशानी का मुख्य कारण कब्ज है। इसलिए पेरेंट्स को बवासीर से बचाव के लिए कब्ज को ठीक करना जरूरी होता है। बच्चों को कब्ज की समस्या न हो, इसके लिए फाइबर युक्त आहार जैसे पपीता, सेब, अमरूद, नाशपाती, ओट्स, दलिया, मल्टीग्रेन रोटी को शामिल करें। फाइबर मल को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाती है।कैसे पता करें कि बवासीर है या नहीं?
अगर मलद्वार में सूजन, खुजली, मल त्याग के दौरान खून आने की परेशानी होती है, तो यह बवासीर हो सकता है। मल में खून आने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से बात करें।