How to Clean Baby Boy Private Part to Prevent Infection : नवजात शिशु की देखभाल बहुत जरूरी होती है। जन्म के बाद शिशु की सही देखभाल न की जाए, तो यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है। शिशु की देखभाल में सफाई का एक खास महत्व है। शिशु के आसपास और शिशु के शरीर की सफाई करके संक्रमण और बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है। शिशु की सफाई में प्राइवेट पार्ट की सफाई का हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण होता है। शिशु के शरीर का यह हिस्सा बहुत नाजुक होता है और सही तरीके से सफाई न होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
लेकिन जब बात बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट की सफाई की आती है, तो पेरेंट्स को इसकी सही जानकारी नहीं होती है। आज इस लेख में हम दिल्ली के गर्ग क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित गर्ग से जानेंगे बेबी बॉय का प्राइवेट कैसे साफ करना चाहिए।
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शिशु के प्राइवेट पार्ट को साफ करना क्यों जरूरी है?- Why is it important to clean the baby's private parts?
डॉ. मोहित गर्ग का कहना है कि शिशु के प्राइवेट पार्ट में गंदगी और पसीने के कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन वाले कीटाणु पैदा होते हैं। अगर सफाई न की जाए, तो यह कीटाणु बढ़ सकते हैं और बच्चे को बीमार कर सकते हैं।
पेशाब और मल के संपर्क में आने से प्राइवेट पार्ट पर खुजली और जलन की समस्या देखी जाती है। इससे बचाव के लिए भी सफाई जरूरी है।
नियमित और सही तरीके से सफाई से डायपर रैश का खतरे को भी कम किया जा सकता है। प्राइवेट पार्ट की सफाई करने से खुजली और जलन की समस्या भी नहीं होती है।
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छोटे बच्चों के प्राइवेट पार्ट को कैसे साफ करें- How to Clean Baby Boy Private Part
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि छोटे बच्चों के प्राइवेट पार्ट की सफाई उनके उम्र के अनुसार अलग होती है :
1. 0 से 6 महीने की उम्र के शिशु की
- बच्चे के प्राइवेट पार्ट को साफ करने के लिए गुनगुने पानी में भिगोए हुए मुलायम कॉटन का इस्तेमाल करें।
- नवजात शिशु के प्राइवेट पार्ट की गंदगी को साफ करने के लिए भी ठंडे पानी और साबुन का इस्तेमाल न करें।
- शिशु के प्राइवेट पार्ट की सफाई हमेशा आगे से पीछे की ओर करें, ताकि बैक्टीरिया लिंग और योनि से संपर्क न बनाएं।
- नहाने के दौरान भी शिशु के प्राइवेट को हल्के हाथों से साफ करें, ज्यादा छूने और रगड़ने से बचें।
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2. 6 महीने से 2 साल के बच्चे की
- 6 महीने की उम्र तक शिशु का शारीरिक विकास थोड़ा स्थिर हो चुका होता है। ऐसे में प्राइवेट पार्ट की सफाई करते वक्त गुनगुने पानी से उसे धोएं।
- लड़कों के लिंग को धोते समय फोरस्किन (अग्रभाग) को हल्का खींचने की कोशिश करें। फोरस्किन को ज्यादा तेजी से खींचने से बचें।
- प्राइवेट पार्ट को गुनगुने पानी से धोने के बाद सूखे और मुलायम कपड़े से उसे सुखाएं।
- बिना सुखाए बच्चों को किसी भी प्रकार के कपड़े और डायपर पहनाने से बचें।
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छोटे बच्चों का प्राइवेट पार्ट की सफाई करते वक्त सावधानियां- Precautions while cleaning the private parts of small children
- शिशु की त्वचा बहुत नाजुक और सेंसेटिव होती है। ऐसे में बच्चों की त्वचा को साफ करने के लिए साबुन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
- प्राइवेट पार्ट की सफाई के लिए बाजार में मिलने वाले खुशबूदार वाइप्स, पाउडर या लोशन का इस्तेमाल भी न करें। इन प्रोडक्ट्स में केमिकल्स होते हैं, जो शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- बच्चे को छूने या सफाई करने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें। ऐसा करने से बैक्टीरिया का प्रसार नहीं होता है।
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निष्कर्ष
छोटे बच्चों के प्राइवेट पार्ट की सफाई उनकी देखभाल का अहम हिस्सा है। बच्चे के प्राइवेट पार्ट की सफाई नियमित तौर पर करने से संक्रमण से बचा जा सकता है।