How Normal is Phimosis in Children Tips to Open the Gap: नवजात शिशु की देखभाल करना हर माता-पिता के लिए एक सुखद, लेकिन चुनौतीपूर्ण समय होता है। नवजात शिशु की देखभाल उन बच्चों के लिए ज्यादा मुश्किल होती है, जो पहली बार पेरेंट्स बनते हैं। खास बेबी बॉय के पेरेंट्स को कई ऐसी छोटी-छोटी बातें होती हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि थोड़ी सी असावधानी भी शिशु की सेहत और विकास को प्रभावित कर सकती है। बात जब बेबी बॉय के देखभाल की आती है, तो अक्सर दादी-नानी उसके प्राइवेट पार्ट को खोलने की पार्ट करती हैं। दादी-नानी बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट में तेल (Phimosis in Children Tips to Open the Gap) डालती हैं, ताकि वह खुल जाए।
1 साल पहले जब मेरा बेटा हुआ था, तब लोग मुझको भी बेटे के प्राइवेट पार्ट में तेल डालने के लिए कहते थे, ताकि वह खुल जाए। मेरा पहला बच्चा था, इसलिए मुझे ज्यादा बातें पता नहीं थीं। पिछले दिनों नोएडा के सेक्टर 110 स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित सेठी (Dr Mohit Sethi, Pediatrician, Noida Sector 110) के क्लीनिक पर भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। एक बेटे की मां ने डॉ. सेठी से कहा कि उनके बच्चे का प्राइवेट पार्ट खुल नहीं रहा है और वो इस बात से काफी परेशान हैं। आइए जानते हैं क्या बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट में तेल (Can I put Baby Oil on My Private Area) डालकर उसे खोलना सही है?
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क्या बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट में तेल डालना चाहिए?- Should Oil be Applied to Baby boy's Private Parts
डॉ. मोहित सेठी के अनुसार, दादी-नानी अक्सर बच्चों की सूसू वाली जगह यानी की प्राइवेट पार्ट में तेल डालकर उसकी खाल को खींचकर (Baby Boy Health) उसे खोलने की कोशिश करती हैं। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत है। बच्चों के प्राइवेट पार्ट में न तो किसी प्रकार का तेल डालने की जरूरत होती है और न ही उसे जबरन खोलने की जरूरत पड़ती है। यह एक प्राकृतिक क्रिया है, जो वक्त के साथ स्वयं ही खुल जाती है।
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डॉ. सेठी की मानें तो बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट के छेद को प्रकृति पहले से ही बंद करके रखती है। दरअसल, जब नवजात शिशु यूरिन पास करता है और यह यूरिन नैपी या किसी प्रकार के कपड़े से टच होती है, तो अमोनिया रिलीज होता है। यह अमोनिया प्राइवेट पार्ट को डैमेज कर सकता है। लेकिन वक्त के साथ यह छेद खुद से खुल जाते हैं। इसे ज्यादा खींचने या तेल डालकर दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। डॉक्टर ने यह भी बताया कि 50 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों के प्राइवेट पार्ट का छेद खुद से ही खुल जाता है। वहीं, बाकी का हिस्सा 4 साल की उम्र तक पूरी तरह से खुल जाता है।
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कैसे पहचानें आपके बेबी बॉय के प्राइवेट पार्ट में समस्या ?
डॉ. सेठी का कहना है कि बच्चे के प्राइवेट पार्ट में किसी तरह की समस्या होने पर नीचे बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैंः
- सूसू वाली जगह पर नीचे पर लाल निशान पड़ना
- बुखार आना
- पेशाब करते वक्त परेशानी
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अगर आपको यह लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
Image Credit: Freepik.com
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