30 मार्च को चैत नवरात्र की शुरुआत हो रही है। नवरात्र में व्रत रखने का चलन है। व्रत में साबूदाना खिचड़ी एक लोकप्रिय आहार है। यह एनर्जी देने वाला भोजन है, लेकिन इसे सही तरीके से न पकाने या खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर चैत नवरात्रि के दौरान जब लोग उपवास रखते हैं, तो पेट की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। कुछ सामान्य गलतियां, जैसे ज्यादा तेल का इस्तेमाल, साबूदाने को ठीक से न भिगोना आदि गलतियों से पेट में जलन, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, कई लोग बिना ध्यान दिए कुछ अन्य गलतियां भी करते हैं, जो उनके पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इस लेख में, हम उन 7 गलतियों पर बात करेंगे, जो साबूदाना खिचड़ी खाने के दौरान पाचन पर असर डाल सकती हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा से बात की।
1. साबूदाने को ठीक से न भिगोना- Not Soaking Sabudana Properly
साबूदाने को सही तरीके से भिगोना जरूरी है। अगर इसे कम या ज्यादा समय तक भिगोया जाए, तो यह या तो सख्त रह जाता है या चिपचिपा हो जाता है, जिससे पाचन कठिन हो सकता है। सही तरीका यह है कि साबूदाने को कम से कम 5-6 घंटे या रातभर पर्याप्त पानी में भिगोकर रखा जाए। इससे यह नर्म हो जाएगा और शरीर इसे आसानी से पचा पाएगा।
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2. बहुत ज्यादा तेल या घी का इस्तेमाल करना- Using Excess Oil or Ghee
साबूदाना खिचड़ी को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए कई लोग इसमें जरूरत से ज्यादा तेल या घी डाल देते हैं। ज्यादा तेल से यह भारी हो जाती है और पचने में समय लग सकता है, जिससे गैस, अपच और पेट में भारीपन महसूस हो सकता है। इसे हल्के घी या कम तेल में बनाना सेहत के लिए बेहतर होता है।
3. साबूदाना खिचड़ी खाकर पर्याप्त पानी न पीना- Not Drinking Enough Water
व्रत के दौरान पानी की कमी से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे पाचन तंत्र सुस्त पड़ सकता है। साबूदाना स्टार्च से भरपूर होता है और इसे खाने के बाद अगर शरीर को पर्याप्त पानी न मिले, तो कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, साबूदाना खिचड़ी खाने के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है।
4. दही या ठंडी चीजों के साथ खिचड़ी न खाना- Not Pairing with Curd or Cool Foods
साबूदाना खिचड़ी पाचन में भारी हो सकती है, इसलिए इसे दही या छाछ जैसे ठंडे और प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों के साथ खाना चाहिए। इससे पेट को ठंडक मिलती है और पाचन बेहतर होता है।
5. खिचड़ी में फाइबर युक्त सामग्री न मिलाना- Not Adding Fiber Rich Ingredients in Khichdi
साबूदाना खिचड़ी में फाइबर की मात्रा कम होती है, जिससे इसे पचाने में मुश्किल हो सकती है। इसे संतुलित और आसानी से पचने लायक बनाने के लिए मूंगफली, उबले आलू, हरी सब्जियां और टमाटर जैसी चीजें मिलानी चाहिए। इससे पाचन बेहतर होता है और पेट हल्का महसूस होता है।
6. बहुत ज्यादा मसाले डालना- Adding Too Many Spices
व्रत में हल्का और सुपाच्य भोजन करना जरूरी होता है। अगर साबूदाना खिचड़ी में ज्यादा मिर्च-मसाले डाले जाएं, तो यह पेट में जलन और एसिडिटी बढ़ा सकता है। इसे हल्का मसालेदार और आसानी से पचने वाला बनाने के लिए सेंधा नमक, हल्का काली मिर्च पाउडर और हरी मिर्च का सीमित इस्तेमाल करें।
7. खाने के तुरंत बाद लेट जाना- Lying Down Immediately After Eating
खाने के तुरंत बाद लेटने से पाचन तंत्र सुस्त पड़ सकता है और एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। खासतौर पर व्रत के दौरान जब शरीर पहले से एनर्जी की कमी महसूस कर रहा होता है, तो खाने के बाद हल्की सैर करना या कुछ देर सीधा बैठना बेहतर होता है।
व्रत के दौरान साबूदाना खिचड़ी एक बेहतरीन और एनर्जी देने वाला भोजन है, लेकिन इसे गलत तरीके से खाने से पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। इन गलतियों से बचने का प्रयास करें।
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