दुनियाभर में हार्ट यानी दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों में दिल के रोग की वजह से होने वाली मौत का आंकड़ा लगभग 16 प्रतिशत है। ज्यादातर दिल की बीमारियां खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से होती हैं। लेकिन कुछ शारीरिक स्थितियां ऐसी हैं जिनकी वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है। हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी दिल से जुड़ी बीमारी का कारण शरीर में पनप रही अन्य बीमारियां भी हो सकती है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दुनिया भर में अल्जाइमर के मरीजों को दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। अल्जाइमर की वजह से हार्ट फेलियर जैसी समस्या भी हो सकती है। तो आइये जानते हैं अल्जाइमर और दिल की बीमारियों के बीच संबंध के बारे में।
अल्जाइमर की वजह से हार्ट फेलियर का खतरा (Link Between Alzheimer's and Heart Failure)
दुनियाभर में अल्जाइमर जैसी याददाश्त से जुड़ी समस्या से लाखों लोग पीड़ित हैं। इस बीमारी को लेकर हुए एक रिसर्च में पाया गया है कि अल्जाइमर की वजह से दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अल्जाइमर और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के खतरे के बारे में जानने से पहले आइये जानते हैं अल्जाइमर की समस्या के बारे में।
अल्जाइमर (Alzheimer's)
अल्जाइमर तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है जिसमें इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती है या खत्म हो जाती है। यह समस्या ज्यादातर बढ़ती उम्र में होती है। अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने की वजह से उसकी अन्य मानसिक क्षमताएं भी खत्म हो जाती हैं। अल्जाइमर के कारण ब्रेन सेल्स भी खत्म होने लगते हैं जिसकी वजह से मरीज को अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। अल्जाइमर का अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं मिल पाया है। कुछ दवाओं और थेरेपी से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
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अल्जाइमर के लक्षण (Alzheimer’s Symptoms)
अल्जाइमर याददाश्त से जुड़ी समस्या है जिसमें डिमेंशिया का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इस समस्या इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से कई गंभीर समस्याएं होती हैं। आइये जानते हैं अल्जाइमर की समस्या में दिखने वाले लक्षणों के बारे में।
- याददाश्त कमजोर होना।
- हार बात को तुरंत भूल जाना।
- अत्यधिक थकान महसूस करना।
- बात करने या बोलने में दिक्कत।
- मानसिक बदलाव।
- डिप्रेशन की समस्या।
- थाइरॉइड का शिकार होना।
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अल्जाइमर के कारण दिल की कमजोरी (Alzheimer’s Can Weaken Heart)
अल्जाइमर की समस्या के कारण मरीज को दिल की कमजोरी की समस्या हो सकती है। एक शोध के मुताबिक अल्जाइमर की वजह से हार्ट मसल्स में प्रोटीन क्लस्टर जमा होने लगते हैं। जिसकी वजह से इंसान को दिल की कमजोरी होती है। ये प्रोटीन सेल्स धीरे-धीरे ब्रेन टिश्यू को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अल्जाइमर की समस्या में दिल के काम करने की क्षमता भी कम होने लगती है। इस समस्या में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है जो आगे चलकर हार्ट फेलियर जैसी समस्या का कारण बनती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर हमेशा यह सलाह देते हैं कि अल्जाइमर की समस्या में दिल की बीमारियों के लक्षण दिखने पर इंसान को तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
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अल्जाइमर के कारण हार्ट फेलियर (Heart Failure Due To Alzheimer's)
मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच खाली जगह में बनने वाले एमिलॉयड बीटा प्रोटीन के कारण अल्जाइमर की समस्या होती है। जब अल्जाइमर की समस्या बढ़ने लगती है तो ये प्रोटीन दिल की कोशिकाओं में भी बनने लगते हैं। हृदय के चारों ओर इन प्रोटीन के निर्माण की वजह से दिल का बायां वेंट्रिकल सही ढंग से काम नहीं कर पाता है। शरीर के सभी अंगों तक खून का सही ढंग से संचार न होने के कारण दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती हैं। आगे चलकर यही बीमारियां हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का कारण भी बनती हैं।
अल्जाइमर के कारण हार्ट फेलियर से बचने के उपाय (Heart Failure Prevention Tips in Alzheimer's)
अल्जाइमर के मरीजों को दिल से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए अपने खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करना चाहिए। इन मरीजों में दिल से जुड़ी समस्याओं के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। हार्ट के लिए हेल्दी फूड्स का सेवन कर आप इन बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं। सीने में दर्द, हाथ तक फैलने वाला दर्द, चक्कर आना या जी मिचलाना, गले या जबड़े में दर्द और अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षण अल्जाइमर की समस्या में हार्ट डिजीज का संकेत माने जाते हैं। इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह के अनुसार इलाज करने से हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का रिस्क कम किया जा सकता है। अल्जाइमर की समस्या में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से बचने के लिए इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव।
- अल्कोहल के सेवन से बचें।
- स्मोकिंग की लत को छोड़ें।
- जंक फूड्स या प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें।
- चीनी और साल्ट के सेवन से भी परहेज रखें।
- हार्ट के लिए फायदेमंद ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
- रोजाना एक्सरसाइज या योग जरूर करें।
- लक्षण दिखने पर लापरवाही न बरतें।
- समय-समय पर हार्ट हेल्थ की जांच कराएं।
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अगर आप अल्जाइमर की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन जल्द से जल्द करें। ध्यान रखें कि अल्जाइमर में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के लक्षण दिखने पर लापरवाही ना बरतें। इस समस्या में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। इस दौरान इलाज पर ध्यान दें और हेल्दी फूड्स का सेवन करें। याददाश्त को बेहतर बनाने के लिए आप ब्रेन गेम्स भी खेल सकते हैं।
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