अल्जाइमर (Alzheimer’s Disease) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर याददाश्त, सोचने और व्यवहार करने की क्षमता को प्रभावित करता है। दुनियाभर में लाखों लोग इससे जूझ रहे हैं और भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि क्या अल्जाइमर का कोई पक्का इलाज है या यह बीमारी हमेशा के लिए बनी रहती है? मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, फिलहाल इसका कोई स्थायी इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन समय रहते सही देखभाल, दवाओं और लाइफस्टाइल मैनेजमेंट से इसके लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। शुरुआती पहचान और समय पर इलाज से मरीज की लाइफ क्वॉलिटी बेहतर हो सकती है और बीमारी की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
अल्जाइमर क्या है?- What is Alzheimer’s Disease
अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी है, जिसमें इंसान की याददाश्त और सोचने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है। यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में होती है, लेकिन कभी-कभी कम उम्र में भी हो सकती है। इसमें दिमाग की कोशिकाएं (ब्रेन सेल्स) धीरे-धीरे खराब हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति को बातें याद नहीं रहतीं, सही शब्द ढूंढने में दिक्कत होती है और रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है। समय के साथ यह बीमारी बढ़ सकती है, यानी लक्षण धीरे-धीरे ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। फिलहाल इसका कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं, थेरेपी और हेल्दी लाइफस्टाइल से इसके असर को कम किया जा सकता है और मरीज की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है। शुरुआती पहचान इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है।
इसे भी पढ़ें- फिल्म ‘Saiyaara’ में Alzheimer से जूझ रही हैं अनीत पड्डा, जानें युवाओं में अल्जाइमर होने के कारण
क्या अल्जाइमर पूरी तरह से ठीक हो सकता है?- Can Alzheimer Be Fully Cured
नहीं, अल्जाइमर (Alzheimer’s Disease) पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता। यह एक प्रोग्रेसिव (Progressive) दिमागी बीमारी है, जिसमें समय के साथ याददाश्त, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता धीरे-धीरे घटती जाती है। फिलहाल दुनिया में कोई भी दवा या इलाज ऐसा नहीं है जो इसे पूरी तरह से खत्म कर सके। हालांकि, दवाओं, थेरेपी और लाइफस्टाइल मैनेजमेंट से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है और मरीज की लाइफ क्वॉलिटी को बेहतर बनाया जा सकता है। शुरुआती पहचान और समय पर इलाज, इस बीमारी के प्रभाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इसे भी पढ़ें- अल्जाइमर रोग दिमाग की दूसरी बीमारियों से कैसे जुड़ा हो सकता है? डॉक्टर से समझें इसका कनेक्शन
हेल्दी लाइफस्टाइल से कंट्रोल हो सकता है अल्जाइमर
अल्जाइमर को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसके लक्षणों की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज, मानसिक रूप से एक्टिव रहकर और सोशल इंटरैक्शन के जरिए, दिमाग की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। डाइट में हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और हेल्दी फैट्स को शामिल करें, जो कि दिमाग के लिए फायदेमंद है। रोज एक्सरसाइज करें, जैसे- वॉक, योग वगैरह। शुरुआती स्टेज में इन आदतों को अपनाने से बीमारी के असर को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
अल्जाइमर के लक्षण जैसे याददाश्त में कमी या एकाग्रता में कमी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस बीमारी को हल्के में लेने की गलती न करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
Read Next
पानी की तरह न बह जाए हड्डियों में जमा कैल्शियम, जानें शरीर में कैल्शियम के क्षरण को कैसे रोकें
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version