अल्जाइमर डिजीज की बीमारी आज के समय में काफी ज्यादा बढ़ गई है। आप ये भी कह सकते हैं कि आज के समय में लोग अल्जाइमर को लेकर काफी जागरुत हो गए हैं, जिस कारण वे इस बीमारी के होने पर डॉक्टर के पास जाते हैं, ताकि सही इलाज पा सके या अपने करीबियों को इसका सही ट्रीटमेंट दिला सके। अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो याददाश्त, सोचने की क्षमता और रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है। अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम रूप होता है, जिसके उम्र बढ़ने के साथ होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन, उम्र के अलावा अल्जाइमर होने का जोखिम कुछ लोगों में भी सबसे ज्यादा होता है। आइए जयपुर के नारायणा अस्पताल के कंसल्टेंट- न्यूरोलॉजी के डॉ. वैभव माथुर (Dr. Vaibhav Mathur, Consultant - Neurology, Narayana Hospital, Jaipur) से जानते हैं कि अल्जाइमर होने का सबसे ज्यादा जोखिम किसे होता है?
अल्जाइमर का खतरा सबसे ज्यादा किसे है? - Who is most at risk for alzheimer in hindi?
डॉ. वैभव माथुर के अनुसार, सिर्फ उम्र ही नहीं, बल्कि अल्जाइमर होने के अन्य कई जोखिम कारक हो सकते हैं, जिनमें-
1. उम्र
अल्जाइमर का सबसे बड़ा जोखिम कारक उम्र होता है। यह बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है, खासतौर पर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। उम्र के साथ दिमाग के सेल्स कमजोर हो जाते हैं और याददाश्त पर भी इसका असर पड़ता है।
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2. पारिवारिक इतिहास
अगर किसी के परिवार में माता-पिता, भाई-बहन या अन्य करीबी रिश्तेदारों को अल्जाइमर डिजीज हुआ है तो उस व्यक्ति को भी यह बीमारी होने का जोखिम ज्यादा हो सकता है। कुछ खान जीन जैसे APOE-e4 भी इस बीमारी से जुड़े हुए हैं, जो अल्जाइमर होने के जोखिम को बढ़ाते हैं।
3. लाइफस्टाइल और हेल्थ फैक्टर
दिल से जुड़ी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज आदि जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के दिमाग में ब्लड वेसल्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे अल्जाइमर का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा, स्मोकिंग और शराब के ज्यादा सेवन की आदतें भी दिमाग के सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, खराब लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधियां न करने का भी असर आपके दिमाग पर पड़ सकता है, जो अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
4. लिंग
कई स्टडी के अनुसार महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अल्जाइमर का जोखिम ज्यादा होता है। इसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं की औसत उम्र का ज्यादा होना है, लेकिन महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव भी इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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5. सिर की चोट
अल्जाइमर का कारण कई लोगों में सिर में लगी गंभीर चोट हो सकती है। इसलिए, जिन लोगों के सिर में गंभीर चोट लगी होती है, उन्हें आगे चलकर अल्जाइमर या डिमेंशिया का जोखिम ज्यादा देखने को मिलता है।
निष्कर्ष
अल्जाइमर डिजीज होने का जोखिम मुख्य तौर पर उम्र और जेनेटिक कारणों से जुड़ा है। लेकिन, यह बीमारी लाइफस्टाइल और लिंग पर भी निर्भर करती है। इसलिए, अल्जाइमर से बचाव के लिए आप हेल्दी लाइफस्टाइल, नियमित एक्सरसाइज और तनाव को मैनेज करने की कोशिश करें।
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FAQ
अल्जाइमर रोग के तीन लक्षण क्या हैं?
अल्जाइमर डिजीज होने पर याददाश्त कमजोर होना, सोचने में मुश्किल होना और मनोदशा में बदलाव होना शामिल है। ये लक्षण व्यक्ति के लिए रोजमर्रा के काम को करना मुश्किल बना सकते हैं।अल्जाइमर रोग का पता कैसे लगाएं?
अल्जाइमर बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट करते हैं, जिसमें शारीरिक टेस्ट, मानसिक कार्य परीक्षण, ब्लड और यूरिन टेस्ट शामिल है।अल्जाइमर का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
अल्जाइमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं इस बीमारी के बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं और इसके लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
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Sep 21, 2025 15:11 IST
Published By : Katyayani Tiwari