अल्जाइमर डिजीज, दिमाग से जुड़ी एक बीमारी है, जो धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति के दिमाग के सेल्स को प्रभावित करने लगता है। अल्जाइमर होने का बड़ा कारण दिमाग में एमोलेड बीटा प्रोटीन का जमा होना माना जाता है। यह बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों में देखने को मिलती है, जिसके कारण अक्सर 60 से ज्यादा उम्र के लोग प्रभावित होते है। लेकिन, आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान की आदतें और तनाव जैसे कारणों से युवाओं में भी अल्जाइमर होने का जोखिम बढ़ गया है। इसलिए, हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है, जिसके लिए एक थीम भी निर्धारित की जाती है। आइए इस लेख में आगे जानते हैं कि वर्ल्ड अल्जाइमर डे क्यों मनाया जाता है, इस दिन का महत्व क्या है और इस साल की थीम क्या रखी गई है।
वर्ल्ड अल्जाइमर डे 2025 की थीम
अल्जाइमर डे हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है, जिसके लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। थीम के अनुसार ही दुनिया भर में कई तरह के कार्यक्रम और सेमिनार्स ऑर्गेनाइज किए जाते हैं, जो अल्जाइमर को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने और और इससे बचाव के तरीकों पर जोर देने की कोशिश की जाती है। इसलिए, साल 2025 की वर्ल्ड अल्जाइमर डे की थीम 'अल्जाइमर के बारे में पूछें, डिमेंशिया के बारे में पूंछे' रखी गई है। इस थीम को रखने का उद्देश्य है कि लोग डिमेंशिया और अल्जाइमर के बारे में खुलकर बात करें, इससे जुड़े सवाल पूछे, मन में चल रहे किसी भी तरह के मिथक और गलत धारणा को दूर करें। इसके साथ ही, इस थीम का उद्देश्य डिमेंशिया और अल्जाइमर से जुड़ी गलत धारणाओं को दूर करने और सही इलाज पानी के लिए कोशिश करना है।
वर्ल्ड अल्जाइमर डे का इतिहास
वर्ल्ड अल्जाइमर डे की शुरुआत अल्जाइमर डिजीज इंटरनेशनल नाम की संस्था द्वारा किया गया। पहली बार वर्ल्ड अल्जाइमर डे 21 सितंबर 1994 में एडिनबर्ग में अल्जाइमर डिजीज इंटरनेशनल के 10 साल पूरे होने का मौके पर मनाया गया था। इसके बाद से हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे के रूप में मनाए जाने लगा। इतना ही नहीं, सितंबर महीने को वर्ल्ड अल्जाइमर माह के रूप में घोषित किया गया तक अल्जाइमर को लेकर जागरूकता पूरे महीने जारी रखा जाए।
वर्ल्ड अल्जाइमर डे का महत्व
आइए जानते हैं वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाने का क्या महत्व है-
- अल्जाइमर और डिमेंशिया से जुड़े लक्षण, कारण, जोखिम और इलाज के बारे में सही जानकारी लोगों तक पहुंचाना है। लोग अक्सर भूल जाते हैं कि याददाश्त में कमी सिर्फ उम्र बढ़ने के कारण नहीं है, बल्कि अगर समय रहते अगर इस बीमारी को पहचाना जाए तो इसकी रोकथाम हो सकता है।
- डिमेंशिया से पीड़ित लोगों में अक्सर सामाजिक कलंक, शर्म या गलत भ्रंतियां होती है। इस तरह की बीमारी को लेकर लोगों के बीच कई मिथक होते हैं, जिन्हें दूर करने के लिए इस दिन को मनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
- अगर अल्जाइमर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है या धीमा किया जा सकता है, जिससे लाइफ क्वालिटी में सुधार हो सकता है।
- इस दिन को मनाने का उद्देश्य सिर्फ मरीज नहीं, बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों को भी इस बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ रहने का सही तरीका और देखभाल के बारे में जानकारी दी जाती है।
निष्कर्ष
वर्ल्ड अल्जाइमर डे न सिर्फ एक दिन का है, बल्कि यह एक हमेशा लोगों में अल्जाइमर बीमारी को लेकर जागरुक होने, लोगों के साथ भेदभाव कम करने और सही देखभाल करने से जुड़ा है।
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Sep 20, 2025 14:20 IST
Published By : Katyayani Tiwari