खुश रहना जीवन का मूलमंत्र है। खुश रहने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं कम होती हैं साथ ही सेहत भी दुरुस्त रहती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक खुश रहने से तनाव कम होता है साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ती है, जिससे सेहत बेहतर रहती है। हर साल 20 मार्च को वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद लोगों में खुशियां बांटना और खुश रखना है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस दिवस का महत्व और इसकी थीम के बारे में।
वर्ल्ड हैप्पीनेस डे का इतिहास
12 जुलाई 2012 को द जनरल असेंबली ऑफ द यूनाइटेड नेशन्स ने एक रिजोल्यूशन पास किया था, जिसके बाद से वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाया जाता है। इस दिन को लोगों ने खुशियों से जोड़ा, जिसके बाद से हर साल धूमधाम से इस दिवस को मनाया जाने लगा।
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वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाने का महत्व
वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाने के पीछे का महत्व या मकसद लोगों को खुश रहने के लिए प्रेरित और उन्हें जागरुक करना है। इस दिवस को मनाकर लोगों में खुशियां बांटना और उनकी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखना है। भारत ही नहीं बल्कि, दुनियाभर में अधिकांश लोग किसी न किसी तनाव से जूझ रहे हैं। इस दिवस को मनाकर लोगों को खुश रहने की टिप्स दी जाती हैं। इस दिवस पर जगह-जगह कैंप और सेमिनार का आयोजन कर खुश रहने की सलाह और जीवन के मूल मंत्र पर जोर दिया जाता है।
इस साल की वर्ल्ड हैप्पीनेस डे की थीम
हर साल इस खास दिवस की अलग-अलग थीम रखी जाती है, जिसे लोग काफी फॉलो करते हैं। इस साल वर्ल्ड हैप्पीनेस दिवस की थीम रीक्नेक्टिंग फॉर हैप्पीनेस बिल्डिंग रेसिलिएंट कम्यूनिटीज है। इस थीम का मतलब है कि आपको ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ कनेक्ट होकर उनसे बातचीत करनी चाहिए और एक कम्यूनिटी बनानी चाहिए। ऐसा करके आपको खुशी मिलेगी।
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खुश रहना सेहत के लिए कितना जरूरी?
- खुश रहना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद साबित होता है।
- खुश रहने से तनाव कम होता है साथ ही मेंटल हेल्थ पर भी अच्छा असर पड़ता है।
- खुश रहने से आपका मूड बेहतर रहता है साथ ही साथ सोच भी सकारात्मक रहती है।
- दिनभर खुश रहने से शरीर में उर्जा की कमी नहीं होती है साथ ही त्वचा पर भी ग्लो आता है।