मोटापा एक गंभीर समस्या है, जो स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों का कारण बनता है। मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आमतौर पर यह समस्या गलत खानपान और खराब आदतें फॉलो करने से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में करीब 800 मिलियन लोग मोटापे से पीड़ित हैं। मोटापे के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 4 मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को मोटापे से बचाना है।
वर्ल्ड ओबेसिटी डे का उद्देश्य
वर्ल्ड ओबेसिटी डे को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य लोगों को मोटापे के प्रति जागरुक करना है। मोटापे से पीड़ित लोगों में धीरे-धीरे करके हार्ट अटैक, थायराइड और कैंसर जैसी बीमारियां भी विकसित होने लगती हैं। इसलिए हर साल 4 मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे मनाकर लोगों को मोटापे से बचने के उपायों के बारे में बताया जाता है। इसके लिए देश के कई राज्यों में कैंप लगाकर भी लोगों को जागरुक किया जाता है।
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वर्ल्ड ओबेसिटी डे की थीम
इस साल वर्ल्ड ओबेसिटी डे की थीम Let's talk about obesity रखा गया है। इस थीम के अनुसार कई लोग आज भी ऐसे हैं, जो मोटापे पर खुलकर बात करने से बचते हैं। खासकर कुछ महिलाएं इस मुद्दे पर बात करने पर अभी भी शर्मिंदगी महसूस करती हैं, जबकि इस मुद्दे पर एक दूसरे से बात करके आप मोटापे के प्रति जागरुक हो सकते हैं।
मोटापे से बचने के तरीके
- मोटापे से बचने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करने चाहिए।
- इसके लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने के साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय भी रहना चाहिए।
- मोटापे से बचने के लिए आपको खानपान पर नियंत्रण लगाने के साथ ही हेल्दी डाइट फॉलो करनी चाहिए।
- मोटापे से बचने के लिए आपको जंक और प्रोसेस्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए।
वर्ल्ड ओबेसिटी डे का इतिहास
दरअसल, वर्ल्ड ओबेसिटी डे पहली बार साल 2015 में विश्व मोटापा संघ (World Obesity Federation) द्वारा आयोजित किया गया था। यह फेडरेशन एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है जो डब्ल्यूएचओ (WHO) और लैंसेट कमीशन ऑन ओबेसिटी (Lancet Commission on Obesity) के साथ मिलकर काम करता है। मोटापे के बढ़ते मामलों को देख साल 2015 के बाद से हर साल 4 मार्च को यह दिवस मनाया जाने लगा।