Weight Loss Transformation Real Story: वजन बढ़ना एक सामान्य शारीरिक स्थिति है, खासकर महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद। लेकिन जब यह बढ़ा हुआ वजन तानों, असहजता और आत्मविश्वास की कमी का कारण बनने लगे, तो वह एक मानसिक संघर्ष बन जाता है। जोधपुर की रहने वाली और बीते कई सालों से दिल्ली-एनसीआर में रह रहीं जूही शर्मा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जूही ने प्रेग्नेंसी के बाद 20 किलो तक वजन बढ़ने के बाद भी हार नहीं मानी और बिना किसी जिम ट्रेनर, डाइटिशियन या महंगी डाइट के अपनी मेहनत और समझदारी से 18 किलो वजन (weight loss ke liye kya kare) घटाया है। जूही को बढ़े हुए वजन के कारण थकान जल्दी महसूस होती थी और ये भी चिंता सताती थी कि कहीं बढ़े हुए वजन के कारण उन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं न होने लगें।
प्रेग्नेंसी के बाद जब 52 किलो से 72 किलो पर पहुंचा वजन
जूही बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के समय उनका वजन तेजी से बढ़ा और बच्चे के जन्म के बाद वह 72 किलो तक पहुंच गईं। पहले वह 52 किलो की थीं और इस बदलाव को वह मानसिक रूप से स्वीकार नहीं कर पा रही थीं। समाज से मिलने वाले तानों ने इस स्थिति को और मुश्किल बना दिया। यहां तक कि लोग कहते, 'अब तो जीन्स पहनना छोड़ दो', 'अब कौन सा फैशन करना' जैसी बातें जूही को भीतर तक चुभती थीं।
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आत्मसम्मान की चोट ने बढ़ाया हौसला
जूही कहती हैं, 'सबसे ज्यादा तकलीफ तब हुई जब मैंने महसूस किया कि मैं अपनी एक भी सिंगल फोटो नहीं खिंचवाना चाहती थी। मुझे अपना चेहरा भारी लगने लगा था, कपड़े फिट नहीं आते थे और मन कहीं से भी खुश नहीं था।' ये भावनाएं ही थीं जो जूही को प्रेरित करने लगीं कि अब वक्त है खुद को बदलने का और अपने लिए जीने का (Weight loss transformation women)।
घर की जिम्मेदारी बनी रुकावट, लेकिन हार नहीं मानी
जब जूही ने वजन घटाने की ठानी, तो उन्होंने सबसे पहले जिम ज्वाइन किया। लेकिन जिम ज्वाइन करने के महज 4 दिन बाद उनकी हेल्पर छुट्टी पर चली गई और घर की सारी जिम्मेदारी जूही के कंधों पर आ गई। छोटे बच्चे की देखभाल, खाना बनाना, सफाई और बाकी घरेलू कामों के बीच जूही का जिम जाना बंद हो गया। उन्होंने महसूस किया कि वो इस फॉर्मेट में वजन नहीं घटा सकतीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
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पति का मिला साथ, घर बना फिटनेस जोन
जूही बताती हैं कि उनके पति ने उन्हें पूरा सपोर्ट दिया। जूही ने घर पर ही वॉक करना शुरू किया। इसके अलावा हर शाम वह अपने बच्चे को लेकर पार्क जाती थीं जहां बच्चे की भी एक्टिविटी होती और जूही भी तेज वॉक या हल्की जॉगिंग कर पातीं। इस डेली रूटीन ने उन्हें एक्टिव बनाए रखा। धीरे-धीरे उनका स्टैमिना भी बढ़ने लगा।
वजन घटाने के लिए डाइट में किया बदलाव
- जूही ने बाहर का खाना पूरी तरह से छोड़ दिया और घर का बना बैलेंस्ड खाना खाने लगीं। उनका फोकस था सादा खाना, सीमित मात्रा (vajan kam karne ke liye diet) और नियमितता।
- सुबह हल्का, फाइबर युक्त नाश्ता - जैसे ओट्स, उपमा, फल या ड्राई फ्रूट्स
- दोपहर का खाना - रोटी, सब्जी, दाल, सलाद (कम तेल और मसाले में पका हुआ)
- शाम - ग्रीन टी, मखाना या फल
- रात - हल्का खाना, जैसे दाल-सूप, खिचड़ी या वेजिटेबल सूप
जूही ने शुगर और रिफाइंड कार्ब्स से दूरी बनाई और हाई प्रोटीन और फाइबर रिच फूड को डाइट में शामिल किया।
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हेल्दी लाइफस्टाइल से वजन कम कैसे करें - How To Lose Weight With A Healthy Lifestyle
जूही का मानना है कि सिर्फ खानपान और एक्सरसाइज ही नहीं, बल्कि नींद और डिजिटल डिटॉक्स ने उनकी हेल्थ को बेहतर बनाने में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने देर रात तक मोबाइल चलाना छोड़ दिया और 10 बजे तक सोने की आदत बना ली। इससे उनका बायोलॉजिकल क्लॉक सेट हुआ और हार्मोन संतुलन बेहतर हुआ, जिससे वजन घटाने की प्रक्रिया तेज हुई।
हर महीने 2 किलो, 9 महीनों में 18 किलो कम
जूही ने किसी भी प्रकार की जल्दीबाजी नहीं की। उन्होंने खुद से वादा किया कि वह हर महीने सिर्फ 1.5 से 2 किलो तक वजन घटाएंगी और यही उन्होंने किया भी। 9 महीनों की मेहनत और अनुशासन के बाद उन्होंने 72 किलो से 54 किलो तक का सफर पूरा किया।
जूही की कहानी से क्या सीख मिलती है?
- वजन कम करने के लिए महंगे जिम या डाइट प्लान जरूरी नहीं हैं।
- समय और परिस्थिति के अनुसार लचीलापन जरूरी है।
- परिवार का साथ हो तो लक्ष्य आसान हो जाता है।
- हर दिन की छोटी कोशिशें बड़ा बदलाव लाती हैं।
- अपनी फिटनेस जर्नी खुद की खुशी के लिए शुरू करें, दूसरों की राय के लिए नहीं।
निष्कर्ष
जूही शर्मा की कहानी सिर्फ एक वजन घटाने की कहानी नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास दोबारा पाने की प्रेरणादायक जर्नी है। यह दर्शाती है कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो, तो कोई भी महिला बिना किसी बाहरी सपोर्ट के खुद को फिर से फिट और खुशहाल बना सकती है। अगर आप भी वजन घटाने की सोच रहे हैं और कहीं से शुरुआत नहीं कर पा रहे, तो जूही की तरह छोटे कदम उठाइए अपने बच्चे के साथ पार्क जाइए, रोटी में घी कम कर दीजिए, मोबाइल कम देखिए और खुद को हर दिन थोड़ा बेहतर बनाइए। क्योंकि बदलाव जिम की मेंबरशिप से नहीं, सोच की स्पष्टता से शुरू होता है।
FAQ
सुबह खाली पेट क्या पीने से वजन कम होता है?
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि सुबह खाली पेट कुछ नेचुरल चीजों का सेवन करने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शरीर की चयापचय दर (Metabolism) को बढ़ाते हैं और पाचन को सुधारते हैं। जैसे कि मेथी के पानी, जीरे का पानी, अजवाइन का पानी वजन घटाने के लिए लाभकारी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, खाली पेट त्रिफला चूर्ण का पानी पीना भी मोटापा कम करने में सहायक हो सकता है।मोटापा कम करने के लिए योग
मोटापा कम करने के लिए योग एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है, जो न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है बल्कि मानसिक शांति भी देता है। कुछ प्रमुख योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, धनुरासन और कपालभाति प्राणायाम शरीर की चर्बी घटाने में सहायक होते हैं। ये आसन पेट, जांघों, कमर और बाजुओं की चर्बी कम करने में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं।वजन बढ़ने का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
वजन बढ़ने का शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले यह मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, जिससे एनर्जी कम महसूस होती है। ज्यादा वजन से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, घुटनों और कमर में दर्द, सांस की तकलीफ और नींद में खलल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मोटापा मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है और आत्मविश्वास कम कर सकता है।