
वजन कम करना मुश्किल नहीं है, मुश्किल यह है कि कम हुआ वजन लंबे समय तक बना रहे। बहुत से लोग तेजी से वजन घटाने की कोशिश करते हैं और कुछ दिन में वजन दोबारा बढ़ जाता है। यह चक्र बार-बार चलता है और शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाता है। असलियत यह है कि फैट लॉस एक धीमे-धीमे की जाने वाली प्रक्रिया है, जिसमें मसल्स को बचाना, ताकत बढ़ाना और फिटनेस पर फोकस करना सबसे जरूरी है, अगर इसे जल्दी करेंगे, तो सेहत को नुकसान होगा। आइए समझते हैं कि फैट लॉस को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए किन 3 चीजों पर ध्यान देना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Neha Sinha, Nutritionist At The Nutriwise Clinic, Lucknow से बात की।
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1. धीरे-धीरे वजन घटाएं- Slow Weight Loss Is More Sustainable
फिटनेस एक्सपर्ट्स बार-बार कहते हैं कि धीरे-धीरे घटाया गया वजन लंबे समय तक बना रहता है। अगर आप पांच किलो वजन कम करते हैं और फिर उतना ही वापस बढ़ जाता है, तो आप वहीं नहीं पहुंचते जहां से शुरू किया था बल्कि स्थिति उससे भी खराब हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि तेज वजन घटाने के कारण मसल्स सबसे पहले कम होते हैं। जब वजन वापस बढ़ता है, तो वह मसल्स नहीं, फैट बढ़ता है। इस तरह हर वेट लॉस और वेट गेन के चक्र में मसल लॉस होता जाता है और फैट बढ़ता जाता है। लंबे समय तक अगर यह स्थिति बनी रहती है, तो यह मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, एनर्जी कम हो जाती है और शरीर कमजोर महसूस करता है।
इसलिए अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो हफ्ते भर में आधे से एक किलो वजन घटाने का टार्गेट बनाएं। यह शरीर के मसल्स को सुरक्षित रखते हुए फैट कम करता है। याद रखें कि तेज परिणाम हमेशा बरकरार नहीं होते, लेकिन धीमी प्रगति आपको जीवनभर फिट रखती है।
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2. सिर्फ कैलोरी घटाने के साथ मसल्स भी बढ़ाएं- More Muscle Means Better Fat Loss

ज्यादातर लोग वजन घटाने के लिए एक ही रास्ता अपनाते हैं- कम खाना, ज्यादा कार्डियो और तेजी से कैलोरी बर्न करना, लेकिन असली फैट लॉस का राज मसल्स में छुपा है। जितनी ज्यादा मसल्स आपके शरीर में होंगी, उतनी ही आपका बेसल मेटाबॉलिक रेट (Basal Metabolic Rate) ज्यादा होगा। मतलब आप बिना कुछ किए भी ज्यादा कैलोरी बर्न कर पाते हैं।
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3. ‘स्किनी’ नहीं, ‘लीन और स्ट्रॉन्ग’ बनने का लक्ष्य रखें- Focus On Being Lean & Strong Not Skinny
बहुत से लोग सोचते हैं कि 'स्किनी' होना ही फिटनेस है। लेकिन यह एक गलत धारणा है। स्किनी होने का मतलब होता है- लो एनर्जी रहना, बोन मिनरल डेंसिटी कम होना, त्वचा में ढीलापन और जल्दी थकान होना। इसके उलट लीन और स्ट्रॉन्ग होने का मतलब है कि आपके शरीर में फैट कम है, लेकिन मसल्स, बोन स्ट्रेंथ और एनर्जी भरपूर है। लीन बनने का मतलब सिर्फ चर्बी कम करना नहीं है, बल्कि फंक्शनल वेट को बचाना भी है यानी आपकी मसल्स, हड्डियां, अंग और वह सब कुछ जो आपको मजबूत रखता है। इसलिए जब भी वजन घटाने की सोचें, 'स्किनी बॉडी' नहीं, लीन, स्ट्रॉन्ग और हेल्दी बॉडी का लक्ष्य बनाएं।
निष्कर्ष:
फैट लॉस को बरकरार रखना तभी संभव है जब आप धीरे-धीरे आगे बढ़ें, मसल्स को प्राथमिकता दें और ‘स्किनी’ नहीं, ‘स्ट्रॉन्ग’ बनने का लक्ष्य रखें। सही दिशा में छोटे कदम उठाएंगे, तो लंबे समय तक फिट रहेंगे।
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यह लेख फिटनेस ट्रेनर Raj Ganpath की इंस्टाग्राम पोस्ट से प्रेरित है।
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FAQ
लीन बॉडी मास क्या होता है?
लीन बॉडी मास शरीर का वह हिस्सा है जिसमें फैट शामिल नहीं होता जैसे मसल्स, हड्डियां, पानी, अंग और टिशूज। यह शरीर की ताकत, मेटाबॉलिज्म और फिटनेस को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।एक हफ्ते में कितना वजन घटाएं?
एक हफ्ते में आधे से एक किलो वजन कम करना सबसे सुरक्षित माना जाता है। इससे मसल्स सुरक्षित रहते हैं और केवल फैट कम होता है। तेज वजन घटाने से दोबारा वजन बढ़ सकता है।वजन घटाने के लिए क्या करें?
वजन घटाने के लिए संतुलित आहार लें, प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें, नींद सुधारें और रोजाना हल्की-फुल्की एक्टिविटी को रूटीन में जोड़ें। क्रैश डाइट से भी बचना चाहिए।
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Dec 01, 2025 17:33 IST
Published By : Yashaswi Mathur