वजन बढ़ना और मोटापा लोगों के लिए कई तरह की समस्या का कारण बन सकता है। खासकर जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म तेज होता है, उनके लिए मोटापा एक जोखिम कारक हो सकता है। कुछ लोगों को दवाओं से भी मोटापे की समस्या हो सकती है। वहीं, कुछ लोग वजन बढ़ाने के लिए दवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या वजन बढ़ाने वाली दवाएं सेहत के लिए सुरक्षित होती हैं? दरअसल, मोटापे की वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से जुड़ी समस्या हो सकती है। इस लेख में कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल मुंबई के जनरल सर्जन कंसल्टेंट डॉक्टर मनोज जैन (Dr. Manoj Jain, Consultant - General Surgery (Gastrointestinal, Laparoscopic & Obesity Surgeon) at Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital, Mumbai) से जानते हैं कि क्या वजन बढ़ाने वाली दवाएं सेहत के लिए सुरक्षित होती हैं?
क्या वजन बढ़ाने वाली दवाएं सेहत के लिए सुरक्षित होती हैं? - Are Weight Gain Medications Safe In Hindi
खानपान के अलावा अनुवांशिक, स्ट्रेस और अन्य समस्याओं के चलते लोगों मोटापा हो सकता है। सेहत से जुड़ी कुछ समस्याओं की दवाओं को खाने से भी व्यक्ति को मोटापा हो सकता है। हालांकि दर्द निवारक दवाओं से वजन में बदलाव नहीं होता है, लेकिन कुछ प्रकार की नसों के आराम देने वाली दवाओं से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। वजन बढ़ाने की दवाओं का उपयोग करने से पहले उनकी सुरक्षा और संभावित दुष्प्रभावों को समझना बहुत जरूरी है। कई मामलों में, इन दवाओं के दीर्घकालिक प्रभाव चिंता का विषय हो सकते हैं।
वजन बढ़ाने वाली दवाएं के संभावित साइड इफेक्ट्स - Possible side effects of weight gain medications in Hindi
- पाचन संबंधी समस्याएं: कुछ दवाओं के सेवन से अपच, पेट फूलने और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- हार्मोनल असंतुलन: स्टेरॉयड युक्त दवाएं शरीर में हार्मोन असंतुलन का कारण बन सकती हैं, जिससे पुरुषों में स्तन वृद्धि (Gynecomastia) और महिलाओं में मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं।
- लिवर और किडनी पर प्रभाव: लंबे समय तक इन दवाओं के उपयोग से लिवर और किडनी को नुकसान हो सकता है।
- हृदय संबंधी समस्याएं: कुछ वजन बढ़ाने वाली दवाएं ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकती हैं।
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डॉक्टर्स बताते हैं कि वजन को बढ़ने के लिए दवाओं की अपेक्षा आपको नेचुरल तरीके पर भरोसा करना चाहिए। इसके लिए आपको डाइट में पौष्टिक चीजों को शामिल करना चाहिए। साथ ही, कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि दूध, घी, मेवे, केले, चावल, आलू, और अंडे। इसके अलावा, नियमित रूप से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Weight Training) और योग करें, जिससे मांसपेशियों का निर्माण हो और वजन बढ़े। कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें, क्योंकि नींद की कमी से वजन बढ़ाने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। ध्यान (Meditation) और योग का अभ्यास करें, जिससे मानसिक तनाव कम होगा और भूख बढ़ने में मदद मिलते हैं। वजन बढ़ाने की दवाएं कुछ मामलों में उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। इन दवाओं के दुष्प्रभावों और दीर्घकालिक प्रभावों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है।