Benefits of Strength Training In Pcod: पीसीओडी हार्मोन्स इंबैलेंस से जुड़ी समस्या है। इसमें महिला की ओवरी में सिस्ट हो जाते हैं। इस कारण पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। पीसीओडी का असर पूरी बॉडी पर पड़ता है। क्योंकि इसके कारण इंसुलिन और थायराइड हार्मोन्स भी इंबैलेंस हो जाते हैं। इसलिए पीसीओडी में थकावट और मूड स्विंग्स भी रहते हैं। पीसीओडी के कारण वजन भी बहुत तेजी से बढ़ने लगता है। इसलिए पीसीओडी में डाइट और वर्कआउट पर काम करना जरूरी है। पीसीओडी में वेट लॉस करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग फायदेमंद मानी जाती है। इससे मसल्स स्ट्रांग होती हैं और मसल मास भी टोन होता है। इनके अलावा, कई अन्य फायदों के लिए भी पीसीओडी में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना फायदेमंद होता है। इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि नोएडा एक्सटेंशन से यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रोली बांठिया से।
पहले जानें पीसीओडी में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना क्यों जरूरी है? Why Strength Training Important In PCOD
पीसीओडी से जुड़ी समस्याओं को कंट्रोल रखने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग फायदेमंद होती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज का तरीका है जिसमें वेट ट्रेनिंग और बॉडी बैलेंस पर ध्यान दिया जाता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से शरीर के निचले हिस्से को मबजूत बनाने में मदद मिलती है। इससे इंटरनल बॉडी पार्ट्स को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. इनसे पीसीओडी से जुड़ी समस्याएं कंट्रोल रहती हैं।
पीसीओडी में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से कौन-से फायदे मिलते हैं- Benefits of Strength Training In PCOD
इंसुलिन फंक्शन इम्प्रूव होता है- Improve Insulin Function
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल मास बढ़ता है। पीसीओडी में कई महिलाओं को इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या हो जाती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बॉडी को ग्लूकोज बनाने और ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रखने में मदद मिलती है। इनसे इंसुलिन फंक्शन इम्प्रूव होता है और हार्मोन्स बैलेंस रहता है। ब्लड शुगर लेवल बैलेंस होने से एनर्जी लेवल भी मेंटेन रहता है।
वेट मेंटेन करने में मदद मिलती है- Helps In Weight Lose
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बॉडी को टोन करने और फैट लॉस में मदद करती है। वहीं बढ़ता वजन पीसीओडी की सबसे बड़ी परेशानी है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल्स बनती हैं और बॉडी का मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है। मेटाबॉलिक रेट बढ़ने से वेट लॉस जल्दी होता है। इससे पीसीओडी से जुड़ी समस्याएं भी कंट्रोल रहती हैं।
इसे भी पढ़ें- PCOS और PCOD से जूझ रही महिलाओं को प्रेग्नेंसी में आती हैं ये समस्याएं, जानें सावधानियां, इलाज और बचाव
मूड स्विंग्स कंट्रोल होते हैं- Control Mood Swings
मूड स्विंग्स होना पीसीओडी से जुड़ी समस्याओं में शामिल हैं। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से आपको काफी मदद मिलेगी। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से ब्रेन में एंडोर्फिन रिलीज होता है। यह केमिकल नैचुरली मूड बूस्ट करने में मदद करता है। इससे हार्मोन्स भी बैलेंस रहते हैं और स्ट्रेस कंट्रोल रहता है।
कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए फायदेमंद- Good For Cardiovascular Health
पीसीओडी और पीसीओएस में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए ऐसे में हार्ट हेल्थ पर ध्यान देना जरूरी है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ बूस्ट होने में मदद मिलती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, ब्लड प्रेशर कम होता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी मेंटेन रहता है। इन सभी चीजों से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ें- महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे और अनचाहे बाल हो सकते हैं PCOD का संकेत, एक्सपर्ट से जानें इसका आयुर्वेदिक इलाज
एनर्जी लेवल भी बूस्ट होता है- Boost Energy Level
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल मास और स्ट्रेंथ बढ़ती है। इससे ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और बॉडी को एनर्जी मिलती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से जॉइंट हेल्थ भी बूस्ट होती है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, जिससे जॉइंट पेन और चोट लगने का खतरा कम होता है।
अगर आपकी कोई सर्जरी हुई है, तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह पर ही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version