
आज के दौर में शारीरिक गतिविधियों कमी और मोटापे के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि आज के समय में महिला हो या पुरुष सभी समस्याओं से दूर रहने के लिए कुछ समय जिम में बिताना पसंद करते हैं। जिम में मशीनों की मदद से शरीर के अलग-अलग हिस्सों को ट्रेन किया जाता है। आसान भाषा में समझें तो जिम में अपर बॉडी और लोअर बॉडी के अलग-अलग एक्सरसाइज की जाती है। इसमें भी पुरुषों को ज्यादातर अपर बॉडी की एक्सरसाइज पसंद होती है। लेकिन, उनके लिए अपर बॉडी की तरह ही लोअर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना आवश्यक होता है। इससे उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन और ग्रोथ हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इस लेख में दिल्ली के एएस फिटनेस सेंटर के हेल्थ और योग एक्सपर्ट साईं श्रीवास्तव से जानते हैं कि पुरुषों को लोअर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की आवश्यकता क्यों होती है।
पुरुषों के लिए लोअर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के फायदे - Benefits Of Lower Body Strength Training For Mens In Hindi
पुरुषों की लोअर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में जांघ के सामने की मांसपेशियां (क्वाड्रिसेप्स -Quads), जांघ के पीछे की मांसपेशियां (हैमस्ट्रिंग्स-Hamstrings), हिप्स की मांसपेशियां (ग्लूट्स-Glutes) और पिंडलियों की मांसपेशियां (कैफ्स -Calves) पर काम किया जाता है। आगे जानते हैं लोअर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के फायदे।
टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हॉर्मोन बढ़ाना
लोअर बॉडी की मांसपेशियां शरीर की सबसे बड़ी मसल ग्रुप्स होती हैं। जब आप स्क्वाट्स, डेडलिफ्ट्स जैसी भारी एक्सरसाइज करते हैं, तो शरीर में टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन का स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। ये हार्मोन मांसपेशियों की ग्रोथ, फैट बर्न और पुरुषों की संपूर्ण सेहत के लिए आवश्यक हैं।
शारीरिक स्थिरता में सुधार
मजबूत पैर आपके पूरे शरीर को स्थिरता और संतुलन देते हैं। चाहे आप दौड़ रहे हों, सीढ़ियां चढ़ रहे हों या कोई भारी चीज उठा रहे हों, मजबूत लोअर बॉडी आपको चोट से बचाती है और शरीर की कार्यक्षमता बढ़ाती है।
स्पोर्ट्स और एथलेटिक पर्फोमेंस में सुधार होना
अगर आप फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, दौड़ या किसी भी खेल में रुचि रखते हैं, तो लोअर बॉडी स्ट्रेंथ आपकी स्पीड, स्टैमिना और जंपिंग पावर को बढ़ाती है।
वजन कम करने में मददगार
लोअर बॉडी एक्सरसाइज जैसे स्क्वाट्स, लंजेस, डेडलिफ्ट्स आदि में पूरे शरीर की बड़ी मांसपेशियां एक्टिव होती हैं, जिससे कैलोरी बर्न अधिक होती है। इससे फैट लॉस की प्रक्रिया तेज होती है और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है।
पीठ दर्द और घुटनों की समस्या में राहत
कमजोर पैरों की वजह से शरीर का भार पीठ और घुटनों पर अधिक पड़ता है, जिससे दर्द की समस्या होती है। जब आप लोअर बॉडी स्ट्रॉन्ग करते हैं, तो शरीर का भार संतुलित रूप से बंटता है और कमर व घुटनों को राहत मिलती है। साथ ही, पीठ दर्द की समस्या में आराम मिलता है।
इसे भी पढ़ें: 40 की उम्र के बाद पुरुष करें ये 5 एक्सरसाइज, बढ़ेगी स्ट्रेंथ और मोबिलिटी
लोअर बॉडी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बारबेल स्क्वाट्स (Barbell Squats), डेडलिफ्ट (Deadlifts), लेग प्रेस (Leg Press), स्टेप अप्स (Step-Ups), काफ रेसज (Calf Raises) और हिप थ्रस्ट (Hip Thrusts) आदि को शामिल किया जाता है। हफ्ते में 2 बार लोअर बॉडी ट्रेनिंग करना पर्याप्त माना जाता है। वहीं, हर वर्कआउट के बीच कम से कम 48 घंटे का गैप रखें ताकि मसल्स को रिकवर होने का समय मिले। एक्सरसाइज करते समय या करने से पहले उसके बारे में एक्सपर्ट से सलाह अवश्य करें। आप एक्सपर्ट या अपने ट्रेनर से हर पूरी बॉडी के लिए सीड्यूल बन लें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version