Why Is Weight Training Important For Women: तीस की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव आना शुरू हो जाते हैं। महिलाओं में पीरियड्स साइकिल में भी काफी बदलाव आने लगते हैं। इस दौरान मेटाबॉलिज्म धीमा होना शुरू हो जाता है और त्वचा में भी फर्क आने लगता है। कई महिलाओं को शरीर में दर्द रहने जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि 30 की उम्र के बाद हड्डियां और मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में अगर किसी को फ्रैक्चर होता है, तो हड्डी जुड़ने में ज्यादा समय लग सकता है। इसलिए 30 की उम्र के बाद एक्सपर्ट्स महिलाओं को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने की सलाद देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं महिलाओं में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग क्यों और कैसे जरूरी है? इस बारे में हमें जानकारी दी नई दिल्ली से नुबेला सेंटर फॉर वुमेन हेल्थ (NuBella Centre for Women’s Health) की डायरेक्टर डॉ गीता श्रॉफ ने। आइए लेख के माध्यम से जानें इस बारे में।
पहले जानें क्या है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग- What Is Strength Training
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में ऐसी एक्सरसाइज को शामिल किया गया है, जिनसे मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इन एक्सरसाइज से हड्डियों और मसल्स को स्ट्रांग और एक्टिव बनाने में मदद मिलती है। इनमें पुल-अप, पुश-अप्स, बेंच प्रेस और डंबल उठाने जैसी एक्सरसाइज की जाती हैं।
महिलाओं के लिए 30 की उम्र के बाद स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना क्यों जरूरी है- Why Is Strength Training Important For Women Thirties
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से महिलाओं की फिजिकल और मेंटल हेल्थ में इस तरह बदलाव आते हैं-
मसल्स मास बैलेंस रहता है- Balance Muscle Mass
तीस की उम्र के बाद बॉडी में मसल्स मास कम होने लगता है। इसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती है और स्ट्रेंथ कम होने लगती है। इसलिए तीस की उम्र के बाद महिलाओं के लिए वजन उठाना मुश्किल हो जाता है।
मेटाबॉलिज्म मेंटेन रहता है- Maintain Metabolism
मसल्स मास और स्ट्रेंथ कम होने के कारण मेटाबॉलिज्म भी धीमा होने लगता है। लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से मसल्स लीन मास मेंटेन रहता है। इससे बॉडी रेस्ट पर होने के बावजूद भी कैलोरी बर्न होती है और वेट मेंटेन रखने में मदद मिलती है।
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हड्डियां मजबूत होती है- Strong Bones
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर भी कम होने लगता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना भी कम हो जाती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जोड़ों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। इससे मोबिलिटी बनी रहती है और चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है।
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मूड रिलैक्स रहता है- Relax Your Mood
फिजिकल हेल्थ के साथ इमोशनल हेल्थ के लिए भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना फायदेमंद है। मसल्स पर प्रेशर बढ़ने से बॉडी में एंडोर्फिन हार्मोन प्रड्यूज होता है। यह हार्मोन तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है।
इन फायदों के लिए महिलाओं को 30 की उम्र के बाद स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूर करनी चाहिए। लेकिन ध्यान रखें अपनी क्षमता से ज्यादा वजन उठाना भी नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट की देखरेख में ही स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें।