Eye Symptoms When to Seek Medical Attention during Pregnancy : प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक खास दौर होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से पीठ में दर्द, सिरदर्द, थकान, हाथ व पैर में सूजन होना आम बात है। खास बात ये है कि प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले बदलावों में सिर्फ हम ऐसी ही चीजों का जिक्र करते हैं। लेकिन जो सबसे अहम चीज है, उसे नजरअंदाज कर देते हैं। प्रेग्नेंसी में कई महिलाओं को धुंधली दृष्टि, आंखों में जलन, ड्राई आई और विशेष प्रकार की रोशनी के प्रति सेंसेटिविटी की परेशानी होती है।
हालांकि प्रेग्नेंसी में होने वाली अन्य समस्याओं की तरह ही आंखों से जुड़ी परेशानी भी कुछ समय के लिए ही होती हैं, लेकिन इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो ये भविष्य में अंधेपन तक का कारण बन सकता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं प्रेग्नेंसी में होने वाली आंखों से जुड़ी समस्या होने पर कब डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने साइटसेवर्स इंडिया फेलो डॉ. फैजा शाहरीर अहमद और डॉ. सैफ (Sightsavers India Fellows Dr. Faizah and Dr. Saif) से बात की।
प्रेग्नेंसी में आंखों की समस्या होने के कारण क्या हैं- Causes of eye problems during pregnancy
डॉ. फैजा शाहरीर अहमद के अनुसार, प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन बदलावों का असर शरीर के साथ-साथ आंखों पर भी पड़ता है। जिससे उन्हें आंखों से कम दिखाई देना, धुंधली दृष्टि और आंखों में अत्यधिक पानी पीने की परेशानी होती है। आइए डॉक्टर से जानते हैं प्रेग्नेंसी में होने वाली आंखों से जुड़ी परेशानियों के मुख्य कारणों के बारे में...
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1. ब्लड प्रेशर में बदलाव
प्रेग्नेंसी में कई बार महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है। इसे प्रीक्लेम्पसिया की स्थिति को प्रभावित करता है। प्रीक्लेम्पसिया का सीधा असर आंखों के रेटिना पर पड़ता है, जिससे आंखों से अचानक कम दिखाई देना और धुंधला नजर आने की समस्या होती है।
2. हार्मोनल बदलाव
प्रेग्नेंसी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर बदलता है। हार्मोनल बदलावों के कारण आंखों के अंदर की नसें कमजोर हो जाती हैं। इससे आंखों की नमी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और आंखों में ड्राइनेस की परेशानी होती है।
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3. जेस्टेशनल डायबिटीज
प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलाव, मीठा खाने और जंक फूड का सेवन करने से महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कई गुणा बढ़ता है। जेस्टेशनल डायबिटीज सीधे तौर पर रेटिनोपैथी और दृष्टि से जुड़ी समस्याओं का कारण बनता है।
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प्रेग्नेंसी में होने वाली आंखों से जुड़ी समस्याएं
डॉ. सैफ की मानें, तो प्रेग्नेंसी मे होने वाले हार्मोनल बदलाव और जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण महिलाओं को आंखों से जुड़ी कई प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं। इनमें शामिल हैः
- कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चीजें धुंधली दिखाई देने लगती हैं। डॉक्टर का कहना है कि यह कॉर्निया में पानी जमा होने (Corneal edema) या आंखों की सतह में बदलाव के कारण होता है।
- प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलावों के कारण महिलाओं में आंसुओं का उत्पादन कम हो जाता है। इससे आंखें ड्राई हो जाती हैं। जिसके कारण कई बार आंखों में खुजली, जलन और चुभन महसूस हो सकती है।
- आंखों के आगे तैरती हुई धब्बों (floaters) या लाइट की चकाचौंध दिखना कुछ महिलाओं के लिए सामान्य अनुभव हो सकता है।
- कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान माइग्रेन की शिकायत होती है, जिससे आंखों पर दबाव और रोशनी की संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
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प्रेग्नेंसी में आंखों से जुड़ी समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलें?
नीचे दिए गए लक्षणों में से किसी एक का भी अनुभव हो, तो तुरंत आंखों के डॉक्टर से मिलें:
आंखों के सामने तैरते हुए धब्बे या चमकते हुए बिंदु दिखाई देना।
दृष्टि में अचानक बदलाव या धुंधलापन।
एक या दोनों आंखों में तेज दर्द या जलन।
डबल विजन (दोहरी छवि दिखना)।
चश्मे की नंबर में अत्यधिक या बार-बार बदलाव।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान आंखों से जुड़ी समस्याएं आम बात हो सकती हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करना सही नहीं है। यदि समस्या साधारण हो, तो कुछ घरेलू उपाय और सावधानियां अपनाकर उसे संभाला जा सकता है। लेकिन यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान आंखों से जुड़ी कोई भी परेशानी होती है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात अवश्य करें।
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