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आंखों की समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए? पढ़ें नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह

Signs You Need to See an Eye Doctor : आंखों से जुड़ी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह न ली जाए तो जीवन भर के अंधेपन का कारण बन सकती है।
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आंखों की समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए? पढ़ें नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह


Signs You Need to See an Eye Doctor : आंखें हमारे शरीर का एक खास अंग है। आंखों की मदद से हम न सिर्फ इस खूबसूरत दुनिया को देख पाते हैं, बल्कि पढ़ते और अनुभव भी कर पाते हैं। लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल, बढ़ता स्क्रीन टाइम, प्रदूषण और सूरज की हानिकारक किरणों से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लाइफस्टाइल में बिजी लोग अक्सर आंखों से जुड़ी परेशानी जैसे जलन, दर्द, धुंधलापन और थकान को नजरअंदाज कर देते (What are the signs of healthy eyes) हैं। आंखों से जुड़ी समस्या को अगर अनदेखा किया जाए तो ये आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है।

इसलिए हर व्यक्ति का ये जानना बहुत जरूरी है कि आंखों की समस्या में कब हमें डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। आंखों की समस्या में हमें कब डॉक्टर से मिलना चाहिए, इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं ग्वालियर स्थित रतन ज्योति नेत्रालय के संस्थापक और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरेंद्र भसीन।

आंखों की किन समस्याओं को न करें अनदेखा- Which eye problems should not be ignored

  • आंखों में हल्की जलन या खुजली
  • रोशनी में आंखों में चुभन होना
  • धुंधला और दोहरा नजर आना
  • स्क्रीन देखते समय आंखों में दर्द
  • आंखों से कभी पानी आना
  • ड्राई आईज
  • चश्मे का नंबर बार-बार बदलना

आंखों की समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए- Signs You Need to See an Eye

ओनलीमायहेल्थ के साथ खास बातचीत के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरेंद्र भसीन ने बताया कि आखिरकार आंखों से जुड़ी किन परिस्थितियों में हमें डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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5 Signs Eye Health Is Related To Mental Health

1. देखने में परेशानी होने पर

अगर किसी व्यक्ति को लगातार धुंधला दिखाई देना की परेशानी हो। देखने की परेशानी चाहे दूर की हो या फिर पास की ये एक प्रकार का दृष्टि दोष का संकेत देती है। डॉ. पुरेंद्र भसीन के अनुसार, अगर आपको अचानक चीजें साफ नहीं दिख रहीं या रात में ड्राइविंग में दिक्कत हो रही है तो यह मोतियाबिंद, रेटिनोपैथी या ग्लूकोमा का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस तरह की परिस्थिति को चश्मे और आई ड्रॉप के जरिए ठीक किया जा सकता है।

2. आंखों के आगे धब्बे

यदि आपकी आंखों के आगे अक्सर धब्बे या फ्लैशेस दिखते हैं तो यह रेटिना डिटेचमेंट या माइग्रेन का लक्षण हो सकता है। आंखों के आगे धब्बे नजर आने की समस्या ड्राइविंग, स्क्रीन देखते समय और किसी से बात करते समय हो सकती है। इस परिस्थिति में डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

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3. आंखों में लगातार दर्द

स्क्रीन देखते समय या किसी भी अन्य कारण से अगर आपको लगातार आंखों में भारीपन, जलन और दर्द की परेशानी होती है तो ये परिस्थिति ग्लूकोमा की ओर इशारा कर सकता है। ग्लूकोमा जैसी आंखों से जुड़ी बीमारी का इलाज सही समय पर न किया जाए तो ये अंधेपन का कारण बनता है।

4. लगातार सिर दर्द रहना

डॉ. भसीन का कहना है कि ज्यादातर लोग सिरदर्द को सामान्य तनाव मानकर टाल देते हैं, लेकिन अगर सिरदर्द के साथ आंखों में भारीपन या दर्द भी हो रहा है तो ये आंखों से जुड़ी परेशानी का संकेत होती है। लगातार सिर में दर्द रहने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

5. आंखों से पानी आना और ड्राईनेस

जो लोग ज्यादा लंबे समय तक स्क्रीन पर अपना समय बिताते हैं, उनकी आंखों में ड्राइनेस की समस्या देखी जाती है। आंखों में अधिक ड्राईनेस होना ड्राई आई सिंड्रोम को दर्शा सकता है। इसके विपरीत आंखों से बार-बार पानी की स्थिति भी बुरी होती है। अगर आपको आंखों में लगातार पानी आने या ड्राइनेस की समस्या हो रही है, तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें।

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6. गंभीर बीमारियों में

डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी आम दिखने वाली बीमारियों में भी रेगुलर तौर पर आंखों की जांच करवानी चाहिए। नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार, इन बीमारियों का सीधा असर आंखों की नसों पर पड़ सकता है। इसलिए इस प्रकार की बीमारियों से जूझने वाले व्यक्तियों को साल में 2 बार आंखों की मेडिकल जांच करवानी चाहिए।

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आंखों से जुड़ी बीमारी से बचाव के उपाय- Measures to prevent eye related diseases

दिन में 2 से 3 बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं

हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें

स्क्रीन ब्राइटनेस कम करें

लैपटॉप और मोबाइल पर ब्लू लाइट फिल्टर लगाएं

अगर स्क्रीन पर ज्यादा देर तक काम करना पड़ता है तो चश्मे का इस्तेमाल करें।

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निष्कर्ष

नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि डिजिटल दौर में स्क्रीन टाइम ज्यादा होने की वजह से हमें आंखों से जुड़ी बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आंखों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अगर तुरंत डॉक्टर से सलाह ले ली जाए, तो ये भविष्य में होने वाली बड़ी परेशानियों से बचाव में मदद कर सकती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए रेगुलर आई चेकअप, सही जीवनशैली और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान जरूर दें। ध्यान दें कि आपकी आंख स्वस्थ होंगी, तभी आप इस खूबसूरत दुनिया से रूबरू कर पाएंगे।

FAQ

  • आंखों की जांच कब करनी चाहिए?

    आज के डिजिटल स्क्रीन वाले जमाने में साल में कम से कम 2 बार आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए। अगर आपको किसी प्रकार का चश्मा, धुंधला दिखाई देना, सिरदर्द, आंखों में जलन या कोई अन्य परेशानी हो रही हो तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से जांच कराएं। आंखों से जुड़ी समस्या यदि बच्चे और बुजुर्ग हो रही है तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से इलाज करवाएं।
  • आंखों की 5 सबसे आम बीमारी कौन सी है?

    अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी के अनुसार, आंखों की 5 सबसे आम बीमारियों की जानकारी नीचे दी गई है। 1.मोतियाबिंद (Cataract)2. कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)3. आंखों का सूखापन (Dry Eye Syndrome)4. ग्लूकोमा (Glaucoma)5. रेटिनोपैथी (Retinopathy)आंखों से जुड़ी इन परेशानियों में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है।
  • आंख खराब होने के लक्षण क्या होते हैं?

    आंख खराब होने के लक्षणों में धुंधला दिखना, आंखों में जलन, स्क्रीन देखते समय आंखों में दर्द होना, लालिमा, बार-बार पानी आना, सिरदर्द और स्क्रीन देखते समय चुभन शामिल है। यदि आपको इस तरह के लक्षण स्वयं में लंबे समय तक नजर आते हैं तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।

 

 

 

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