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क्या किडनी रोग आपकी आंखों को प्रभावित कर सकते हैं? डॉक्टर से जानें

अनियमित लाइफस्टाइल की वजह से आज के दौर में किडनी से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है। किडनी से जुड़ी समस्याओं में शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में आगे जानते हैं कि किडनी की समस्या किस तरह से आंखों को प्रभावित कर सकती हैं?
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क्या किडनी रोग आपकी आंखों को प्रभावित कर सकते हैं? डॉक्टर से जानें

आज के समय में लोगों की अनियमित दिनचर्या का असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। शुरुआत में तो आपको किसी तरह के लक्षण महसूस नहीं होते हैं, लेकिन लंबे समय तक अनियमित जीवनशैली के कारण लोगों को डायबिटीज और शुगर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आज के समय में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या बढ़ने का यह एक मुख्य कारण माना जाता है। आपको बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, इंफेक्शन और अन्य रोगों के कारण आपकी किडनी भी प्रभावित हो सकती है। जिस तरह से अन्य रोग किडनी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, ठीक इसी तरह की किडनी की समस्याएं भी आपके शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार हो सकती है। ऐसे में कई लोगों के मन में प्रश्न उठता है कि क्या किडनी की समस्या होने पर आंखों की परेशानी हो सकती है। इस लेख में दिल्ली के आयुर्वेदिक आईकेयर सेंटर के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मनदीप बासु से जानते हैं कि क्या किडनी रोग आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती है?

किडनी और आंखों का क्या संबंध हो सकता है? - Connection Between Kidney And Eye Health in Hindi

किडनी और आंखें दोनों ही शरीर की छोटी नसों(tiny blood vessels) पर निर्भर करते हैं। जब किडनी अपना कार्य सही तरह से नहीं कर पाती है, तो ये नसें प्रभावित होती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। ब्लड सर्कुलेशन कम होने से आंखों की रेटिना (Retina – आंख की सबसे महत्वपूर्ण परत) भी प्रभावित हो सकती है। अगर किडनी की बीमारियां लंबे समय तक चलें, तो आंखों की इन पतली रक्त वाहिकाओं में सूजन या डैमेज हो सकती है, जिससे आंखों की रोशनी कमजोर पड़ सकती है या स्थायी रूप से खराब भी हो सकती है।

किडनी की बीमारियों से आंखों पर प्रभाव कैसे पड़ता है? - Does Kidney Disease Affect Eyesight In Hindi

किडनी रोगों, विशेषकर क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) और डायबिटिक नेफ्रोपैथी, के कारण शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनका आंखों पर अलग-अलग प्रभाव हो सकता है। इनके बारे में आगे जानते हैं।

हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी (Hypertensive Retinopathy)

किडनी रोग अक्सर हाई ब्लड प्रेशर के साथ होते हैं। हाई बीपी की वजह से आंखों की ब्लड वैसेल्स सिकुड़ जाती हैं या टूट सकती हैं, जिससे रेटिना को नुकसान होता है। इसे हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी (Hypertensive Retinopathy) कहते हैं।

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डायबिटिक रेटिनोपैथी

डायबिटीज के कारण भी किडनी और आंखें दोनों प्रभावित हो सकते हैं। डायबिटिक नेफ्रोपैथी (डायबिटीज से होने वाली किडनी की बीमारी) से ग्रसित व्यक्ति में रेटिना की पतली रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। आंखों की रोशनी कम होने का यह एक प्रमुख कारण बन सकता है।

रेटिनल हेमरेज (Retinal Bleeding)

किडनी फेलियर से खून का थक्का जमने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे आंखों की नसों से खून बह सकता है और आंखों से धुंधला दिखाई हे सकता है।

एनीमिया (Anemia)

किडनी की बीमारी के कारण शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो सकती है, जिससे आंखों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और दृष्टि कमजोर हो सकती है।

यूरीमिक टॉक्सिसिटी (Uremic Toxicity)

किडनी जब विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती, तो वे आंखों के टिशूज को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे जलन, सूजन और धुंधला दिखने की समस्या हो सकती है।

किडनी समस्या से बचाव के लिए क्या उपाय अपनाएं - Prevention Tips Of Kidney Problems in Hindi 

किडनी से जुड़ी आंखों की समस्याओं को पूरी तरह ठीक करना थोड़ी मुश्किल हो सकता है। लेकिन, समय पर इलाज और सही देखभाल से स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सकता है। ऐसे में आप आगे बताए उपायों को अपना सकते हैं।

  • इस स्थिति से बचने के लिए आप ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।
  • हर 6 से 12 महीने में आंखों की जांच करवाएं, खासकर यदि आपको किडनी या डायबिटीज की बीमारी है।
  • डाइट मे पौष्टिक आहार और फलों को शामिल करें। साथ ही, नमक का सेवन कम करें।
  • शराब और धूम्रपान से बचें। ये दोनों आदतें किडनी और आंख दोनों के लिए हानिकारक होती हैं।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें और उनकी सलाह के बिना कोई भी दवा बंद न करें।

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ऐसे में कहा जा सकता है कि किडनी की समस्या में आंखों की रोशनी पर सीधा असर हो सकता है। अगर किडनी की समस्या को शुरुआती दौर में न रोका जाए तो यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं। यदि किडनी रोग के बाद आपको आंखों की रोशनी या अन्य समस्या महसूस हो तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने से आप किडनी के रोगों से बचाव कर सकते हैं, साथ ही, इसके अन्य जोखिम से भी बच सकते हैं।

FAQ

  • क्रॉनिक किडनी डिजीज से आंखों की कौन सी समस्याएं जुड़ी हैं?

    क्रॉनिक किडनी डिजीज में माइक्रोवैस्कुलर और डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैकुलर डिजनरेशन, ब्लीडिंग और कैल्सीफिकेशन होने की संभावना बढ़ सकती है।
  • किडनी आंखों की रोशनी को कैसे प्रभावित करती है?

    किडनी रोग से जुड़ी कुछ आंखों की समस्यएं कुछ मामलों में परमानेंट विजन लॉस की वजह बन सकती हैं। यदि, रेटिना परमानेंट प्रभावित हुआ है तो ऐसे में रेटिनोपैथी और मैक्यूलर डिजनरेशन विजन लॉस का कारण बन सकते हैं।
  • आंखों की रोशनी किसकी वजह से कम होती है?

    आंखों की रोशनी के कम होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसमें बढ़ती उम्र, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लाइफस्टाइल, अनुवांशिक कारण और पौष्टिकता की कमी को शामिल किया जा सकता है।

 

 

 

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