Do Screens Weaken Eyesight: आपने घर के बड़ों को यह कहते तो जरूर सुना होगा कि ज्यादा मोबाइल चलाने या टीवी देखने से आंखें कमजोर होती हैं। कोई लोग मानते हैं कि अगर पास से टीवी देखा जाए या ज्यादा देर मोबाइल या कोई स्क्रीन डिवाइज इस्तेमाल किया जाए, तो इससे आंखें कमजोर होती हैं। लेकिन क्या ये बातें सच हैं या केवल मिथक हैं? क्या केवल स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से किसी को चश्मा लगता है? इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए हमने बात कि नोएडा एक्सटेंशन के यथार्थ हॉस्पिटल की सलाहकार- नेत्र विज्ञान, डॉ. प्रार्थना आनंद से। आइये इस लेख के माध्यम से जानें इन प्रश्नों के उत्तर।
क्या स्क्रीन वाले गैजेट्स ज्यादा इस्तेमाल से चश्मा लग सकता है? Does Too Much Screen Time Cause Glasses
एक्सपर्ट के मुताबिक ज्यादा स्क्रीन एक्सपोजर से मायोपिया या हाइपरोपिया जैसी स्थितियां नहीं होती हैं। इन स्थितियों में चश्मा लगाने के लिए प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत होती है। हालांकि, लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताने से डिजिटल आई स्टैन हो सकता है, जिसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहा जाता है। स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखों में थकावट, दर्द और डिस्कंफर्ट हो सकता है। इससे कम दिखना या धुंधला दिखने जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है। इसके साथ ही, सिरदर्द और गर्दन में दर्द जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं। स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से चश्मा नहीं लगता है। लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक क्लोज-अप एक्टिविटीज, जैसे पढ़ना या स्क्रीन इस्तेमाल करने से बच्चों में मायोपिया का खतरा बढ़ सकता है।
आंखों को स्क्रीन टाइम से नुकसान होने से कैसे बचाएं? How To Prevent Eyes From Long Screen Time
आंखों को स्क्रीन टाइम से नुकसान होने से बचाने के लिए अपनाएं ये तरीके
20-20-20 रूल बनाएं
स्क्रीन पर काम करते हुए हर 20 मिनट में 20 सेकेंड का ब्रेक लें। इस दौरान किसी ऐसी चीज पर फोकस करें जो 20 फिट की दूरी पर हो।
सही रोशनी में काम करें
अगर आपके आसपास रोशनी बहुत ज्यादा या बहुत कम है, तो आपकी आंखों पर जोर पड़ सकता है। ऐसे में आपको स्क्रीन लाइट आपकी आंखों को नुकसान कर सकती है। इसलिए सही रोशनी में ही काम करें। इससे आपकी आंखें ठीक रहेंगी।
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स्क्रीन से दूरी बनाकर काम करें
अगर आप स्क्रीन के बहुत करीब बैठकर काम करते हैं, इसके कारण भी आंखों पर जोर पड़ सकता है। इसलिए आंखों और बाजुओं के बीज एक दूरी बनाकर रखें। इससे स्क्रीन टाइम से भी आंखों पर जोर नहीं पड़ेगा।
बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज कराएं
बच्चों में स्क्रीन हैबिट और इंडोर एक्टिविटीज की वजह से आंखें कमजोर हो रही हैं। बच्चों को आई हेल्थ ठीक रखने के लिए उन्हें आउटडोर एक्टिविटीज की आदत डालें। इससे बच्चों को मायोपिया का खतरा कम होगा।
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आंखों को झपकाए
आंखों को झपकाना एक एक्सरसाइज की तरह है। लगातार स्क्रीन पर काम न करें। ब्रेक लेकर कुछ देर आंखों को झपकाने की एक्टिविटी करें। इससे आंखों की थकान और ड्राईनेस से राहत मिलती है। साथ ही, लंबे समय तक स्क्रीन टाइम से आंखों को नुकसान नहीं होता है।
लेख में हमने जाना कि ज्यादा स्क्रीन टाइम से चश्मा नहीं लगता है। लेकिन इसके कारण आंखों में दर्द हो सकता है। इससे आंखे कमजोर हो सकती हैं और धुंधला दिखने जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।