Doctor Verified

क्या एलोपेसिया की समस्या में बालों को डाई करना सुरक्षित होता है? मानें एक्सपर्ट की राय

Is It Safe To Dye Hair With Alopecia Expert Tells In Hindi: एलोपेसिया की समस्या में बालों को डाई करना या कलर करवाने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन, इससे पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या एलोपेसिया की समस्या में बालों को डाई करना सुरक्षित होता है? मानें एक्सपर्ट की राय

Is It Safe To Dye Hair With Alopecia In Hindi: एलोपेसिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बाल झड़ने लगते हैं। लेकिन, यह सामान्य हेयर फॉल से अलग होता है। एलोपेसिया होने पर व्यक्ति के बाल बहुत ज्यादा पतले हो सकते हैं, गुच्छे में बाल झड़ते हैं और सिर पर पैच बन जाता है। एलोपेसिया के अलग-अलग प्रकार होते हैं। वैसे तो एलोपेसिया ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है। एलोपेसिया की कंडीशन में इम्यून सिस्टम हेयर फोलिसाइल को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसे रोका नहीं जा सकता है। यही कारण है कि एलोपेसिया होने पर मरीज को डॉक्टर से ही संपर्क करना चाहिए। हालांकि, एलोपेसिया के मरीजों के मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या वह इस कंडीशन में अपने बालों में कलर करवा सकते हैं? इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है, इस बारे में नई दिल्ली के राजौरी गार्डन में स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा रोग विशेषज्ञ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से जानते हैं।

क्या एलोपेसिया की समस्या में बालों को डाई करना सुरक्षित होता है?- Is It Safe To Dye Hair With Alopecia Expert Tells In Hindi

is-it-safe-to-dye-hair-with-alopecia-01

alopecia.org.uk में प्रकाशित लेख की मानें, तो एलोपेसिया होने पर मरीज अपने बालों को कलर करवा सकते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। हेयर डाई या कलर करवाने की प्रोसेस के दौरान कलर हेयर फोलिसाइल तक नहीं पहुंचते हैं। ऐसे में डाई से हेयर फोलिसाइल को नुकसान का जोखिम कम होता है। जबकि, एलोपेसिया होने पर हेयर फोलिसाइल से संबंधित ट्रीटमेंट पर जोर दिया जाता है। इस संबंध में डॉ. करुणा मल्होत्रा की सलाह है कि एलोपेसिया के मरीजों को अपने बालों को कलर नहीं करवाना चाहिए। अगर एलोपेसिया के मरीज की पहले से बाल कमजोर और बेजान हैं, तो इससे उनके हेयर फॉल की समस्या बढ़ सकती है। यह सही नहीं है।’ कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि एलोपेसिया के मरीज अपनी इच्छा के अनुसार हेयर कलर करवा सकते हैं, क्योंकि उनके कॉन्फिडेंस को बूस्ट करने में मदद करता है। इसलिए, विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि एलोपेसिया के मरीजों को हेयर कलर या हेयर डाई करवाने से पहले एक पैच टेस्ट जरूर लेना चाहिए। अगर पैच टेस्ट में पता चलता है कि हेयर कलर से बाल कमजोर होकर और ज्यादा झड़ रहे हैं, तो उन्हें हेयर कलर करवाने से बचना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: एलोपेसिया एरीटा से जुड़ी इन 5 भ्रामक बातों पर लोग करते हैं यकीन, एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

एलोपेसिया होने पर हेयर कलर करवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें

हेयर डाई का प्रकार

अगर एलोपेसिया होने के बावजूद मरीज अपने बालों को कलर करवाना चाहता है, तो उन्हें हेयर कलर या हेयर डाई प्रोडक्ट के प्रकार का ध्यान रखना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार एलोपेसिया के मरीजों को पर्मानेंट हेयर डाई के बजाय टेंप्रेरी हेयर डाई का यूज करना चाहिए। इससे बालों को कम नुकसान होता है।

इसे भी पढ़ें: बाल झड़ने की बीमारी (एलोपेसिया) क्यों होती है? डॉक्टर से समझें कारण और इलाज

पैच टेस्ट जरूर लें

एलोपेसिया के मरीजों को हेयर कलर करवाने से पहले पैच टेस्ट जरूर लेना चाहिए। अगर पैच टेस्ट से पता चलता है कि हेयर कलर की वजह से हेयर फॉल बढ़ रहा है, तो उन्हें हेयर कलर नहीं करवाना चाहिए। हां, अगर कोई साइड इफेक्ट नहीं है, तो एक्सपर्ट की सलाह पर वे हेयर कलर करवा सकते हैं।

बालों की कंडीशनिंग करें

एलोपेसिया के मरीजों को हेयर कलर करवाने से पहले बालों की डीप कंडीशनिंग करनी चाहिए। इसके अलावा, बालों को कलर करने पहले सुलझा लें ताकि हेयर फॉल का रिस्क कम हो। एक बात का और ध्यान रखें कि किसी भी तरह के हेयर प्रोडक्ट को लंबे समय के लिए बालों पर लगाकर न रखें। केमिकल्स का बालों पर निगेटिव असर पड़ सकता है।

All Image Credit: Freepik

Read Next

ठंडे मौसम के कारण हो रहा है तेज सिरदर्द? इससे छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

Disclaimer