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एलोपेसिया एरीटा से जुड़ी इन 5 भ्रामक बातों पर लोग करते हैं यकीन, एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

Myths And Facts About Alopecia Areata In Hindi: हेयर फॉल से जुड़ी एक समस्या है एलोपेसिया एरीटा। लोग इसको संक्रामक समझते हैं। जबकि, ऐसा नहीं है। आइए, इसी तरह के अन्य मिथकों की सच्चाई जानते हैं।
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एलोपेसिया एरीटा से जुड़ी इन 5 भ्रामक बातों पर लोग करते हैं यकीन, एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई


Myths And Facts About Alopecia Areata In Hindi: एलोपेसिया एरीटा बालों के झड़ने से जुड़ी एक समस्या है। यह समस्या ऑटोइम्यून डिजीज है। जब किसी को एलोपेसिया एरीटा होता है, तो इस कंडीशन में बॉडी का इम्यून सिस्टम हेयर फोलिसाइल को अटैक करता है। यूं तो इस समस्या का कोई समाधान नहीं है। हालांकि, हेयर फॉल को मैनेज करके इस समस्या से डील किया जा सकता है। लेकिन, आपको बता दें कि अगर एलोपेसिया एरीटा सीवियर है, तो इसे रोकने का कोई इलाज नहीं है। हां, अगर एलोपेसिया एरीटा अभी माइल्ड स्टेज में है, तो इसके लक्षणों को कंट्रोल करने की कोशिश की जा सकती है। बहरहाल, कई लोगों के मन में एलोपेसिया एरीटा को लेकर कई तरह के मिथक हैं। इस लेख में हम ऐसे ही भ्रम या मिथक और उनसे जुड़ी सच्चाई पर बात करेंगे। इस बारे में हमने नई दिल्ली के राजौरी गार्डन में स्थित कॉस्मेटिक स्किन क्लिनिक की कॉस्मेटोलॉजिस्ट और त्वचा विशेषज्ञ, डॉ. करुणा मल्होत्रा से बात की।

एलोपेसिया एरीटा से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths And Facts About Alopecia Areata In Hindi

मिथकः एलोपेसिया एरीटा संक्रामक है

सच्चाईः कई लोगों को लगता है कि यह संक्रामक बीमारी है। जबकि, ऐसा नहीं है। यह ऑटोइम्यून डिजीज है। यह किसी तरह के बैक्टीरिया या वायरस की वजह से नहीं होता है। इसलिए, यह कहना गलत होगा कि एलोपेसिया एरीटा संक्रामक बीमारी है।

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मिथकः शैंपू के कारण एलोपेसिया एरीटा हो सकता है

सच्चाईः एलोपेसिया एरीटा की समस्या शैंपू करने या न करने से नहीं होती है। एलोपेसिया एरीटा एक बीमारी है और जब इम्यून सिस्टम द्वारा हेयर फोलिसाइल्स को अटैक करने के कारण होता है। इसके पीछे कई अन्य कारण हो सकते हैं। लेकिन, शैंपू करना इसका कारण नहीं है। विशेषज्ञों की मानें, शैंपू करना बालों की हेल्थ के लिए अच्छा है। इससे बाल क्लीन रहते हैं और बालों का झड़ना भी कम होता है।

मिथकः स्ट्रेस के कारण एलोपेसिया एरीटा नहीं होता है

सच्चाईः एलोपेसिया एरीटा के पीछे जेनेटिक फैक्टर जिम्मेदार हैं। फिर भी यह कहना कि स्ट्रेस इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, सही नहीं होगा। स्ट्रेस आपके शरीर में कई तरह की शारीरिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है। बहरहाल, आपने नोटिस किया होगा कि जिन लोगों को ऑटो इम्यून डिजीज होता है, उन्हें अन्य बीमारियां भी आसानी से हो जाती हैं।

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मिथकः एलोपेसिया एरीटा सिर्फ स्कैल्प को प्रभावित करती है

सच्चाईः यह सच है कि एलोपेसिया एरीटा होने पर व्यक्ति के सिर के बाल झड़ते हैं। अक्सर बाल गुच्छे में झड़ते हैं या राउंड शेप में झड़ते हैं। इसे आप मेल पैटर्न भी कह सकते हैं। लेकिन, एलोपेसिया एरीटा सिर्फ स्कैल्प को प्रभावित करती है, यह कहना सही नहीं होगा। एलोपेसिया एरीटा स्कैल्प के साथ-साथ चेहरे को भी इफेक्ट कर सकती है। कई बार एलोपेसिया एरीटा के कारण आईब्रो और आईलैशेज भी झड़ने लगते हैं। यही नहीं, कई बार एलोपेसिया एरीटा शरीर के अन्य हिस्से के बाल झड़ने के लिए भी जिम्मेदार होता है।

मिथकः सिर्फ कमजोर लोगों को एलोपेसिया एरीटा होता है

सच्चाईः ऐसा सोचना नॉर्मल है कि कमजोर लोगों को ऑटोइम्यून डिजीज होते हैं। जबकि, ऐसा नहीं है। खासकर, एलोपेसिया एरीटा की बात करें, तो यह समस्या किसी को भी हो सकती है। इसके हेल्दी होने या न होने से कोई संबंध नहीं है। हैरानी की बात यह है कि एलोपेसिया एरीटा ज्यादातर हेल्दी लोगों को होता है।

All Image Credit: Freepik

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