अक्सर हम दांतों और मसूड़ों की सेहत को उतनी गंभीरता से नहीं लेते, जितनी हमें लेनी चाहिए। पायरिया (Pyorrhea) मसूड़ों का एक गंभीर इंफेक्शन है, जो धीरे-धीरे दांतों को सहारा देने वाली हड्डी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। बहुत से लोग इसे केवल मसूड़ों की समस्या मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पायरिया का असर आपके पूरे शरीर पर पड़ सकता है? लखनऊ के मानस डेंटल क्लीनिक के डेंटिस्ट डॉ अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि मसूड़ों में लंबे समय तक रहने वाला इंफेक्शन आपके हृदय, फेफड़ों, किडनी और यहां तक कि डायबिटीज जैसी बीमारियों के रिस्क को भी बढ़ा सकता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट पायरिया को केवल ओरल हेल्थ की नहीं, बल्कि ओवरऑल हेल्थ की समस्या मानते हैं। यह लेख आपको विस्तार से बताएगा कि पायरिया कैसे शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित कर सकता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
पायरिया क्या है?- What is Pyorrhoea
पायरिया मसूड़ों की एक इंफेक्शन संबंधी बीमारी है जिसमें मसूड़ों में सूजन, खून आना और बदबू जैसी समस्याएं होती हैं। यह इंफेक्शन धीरे-धीरे दांतों की जड़ों और हड्डियों तक पहुंच सकता है। अगर समय रहते इलाज न हो, तो दांत हिलने लगते हैं और गिर भी सकते हैं।
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पायरिया के लक्षण- Symptoms of Pyorrhoea
- मसूड़ों से बार-बार खून आना
- सांसों में बदबू रहना
- मसूड़ों का फूल जाना और लाल होना
- दांतों में गैप बढ़ना या ढीलापन महसूस होना
- खाने में दांतों में दर्द या असहजता
पायरिया का शरीर पर असर- How Pyorrhoea Affects the Body
1. हृदय रोग का खतरा: पायरिया में बनने वाले बैक्टीरिया खून में मिलकर हृदय की धमनियों में सूजन और ब्लॉकेज पैदा कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है।
2. डायबिटीज पर असर: पायरिया और डायबिटीज का रिश्ता दोतरफा होता है। पायरिया डायबिटीज को बिगाड़ सकता है और असंतुलित डायबिटीज में पायरिया का खतरा बढ़ जाता है।
3. फेफड़ों की बीमारी: पायरिया में मौजूद बैक्टीरिया सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंचकर इंफेक्शन या निमोनिया जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
4. प्रेग्नेंसी पर असर: रिसर्च में पाया गया है कि पायरिया प्री-मेच्योर डिलीवरी और लो बर्थ रेट का कारण बन सकता है।
पायरिया और इम्यून सिस्टम का कनेक्शन- Pyorrhoea and its Link to Immune System
पायरिया सिर्फ मुंह तक सीमित समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके इम्यून सिस्टम पर भी असर डाल सकता है। जब मसूड़ों में लंबे समय तक इंफेक्शन बना रहता है, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगातार बैक्टीरिया से लड़ने में व्यस्त रहती है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और शरीर को दूसरी बीमारियों से लड़ने में दिक्कत होती है। यही वजह है कि पायरिया से पीड़ित लोगों में बार-बार जुकाम, बुखार या स्किन इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
पायरिया से बचाव के उपाय- Prevention Tips for Pyorrhoea
- दिन में 2 बार ब्रश करें और फ्लॉस का इस्तेमाल करें।
- हर 6 महीने में डेंटल चेकअप करवाएं।
- तंबाकू, सिगरेट और गुटखा छोड़ें।
- संतुलित डाइट लें जिसमें विटामिन-सी और कैल्शियम की भरपूर मात्रा हो।
- मुंह साफ करने के लिए माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
अगर मसूड़ों से खून आना रुक न रहा हो, दर्द लगातार बढ़ रहा हो या दांत ढीले लगने लगे हों, तो तुरंत डेंटिस्ट से मिलें। जल्दी जांच और इलाज से पायरिया के गंभीर असर को रोका जा सकता है।
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FAQ
पायरिया का कारण क्या है?
पायरिया मुख्य रूप से मसूड़ों में बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होता है। यह इंफेक्शन दांतों पर प्लाक और टार्टर जमा होने, खराब ओरल हाइजीन, तंबाकू सेवन और पोषण की कमी से बढ़ता है।पायरिया होने पर क्या-क्या नहीं खाना चाहिए?
पायरिया होने पर मीठे खाद्य पदार्थ, सॉफ्ट ड्रिंक, तंबाकू, गुटखा और ज्यादा चिपचिपा या हार्ड खाना नहीं खाना चाहिए। ये मसूड़ों की सूजन और दर्द को बढ़ा सकते हैं।पायरिया का इलाज क्या है?
पायरिया का इलाज डेंटिस्ट से प्रोफेशनल क्लीनिंग (स्केलिंग और रूट प्लानिंग) द्वारा होता है। गंभीर मामलों में सर्जरी या एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। रोजाना ब्रश और फ्लॉस करना जरूरी होता है।