खानपान से जुड़ी आदतों का असर सेहत के साथ ही आपकी किडनी पर भी पड़ता है। किडनी आपके शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने के लिए मदद करती है। कई बार यह इस स्थिति में पहुंच जाती है कि इसके कार्यों में बाधा आने लगती है। इस समय आपके शरीर में टॉक्सिन्स यानी विषैले तत्व जमा होने लगते हैं। ऐसे में शरीर में वाटर रिटेनशन और सूजन आ सकती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किडनी की बीमारी का दांतों और मसूड़ों से क्या संबंध हो सकता है? एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डेंटल हेल्थ यानी दांतों और मसूड़ों की सेहत का सीधा संबंध आपकी किडनी की सेहत से होता है। CKD से पीड़ित लोगों के लिए मुंह की सफाई और स्वास्थ्य बनाए रखना उतना ही जरूरी है जितना दवाएं लेना या सही खानपान। इस लेख में नारायणा हॉस्पिटल सीनियर कंसलटेंट, एडल्ट किडनी ट्रांसप्लांट, नेफ्रोलॉजी डॉक्टर पार्थ कर्मकार से जानते हैं कि किडनी से जुड़ी परेशानियों में आपको दांतों की हेल्थ का ध्यान क्यों देना चाहिए?
क्रॉनिक किडनी डिजीज और ओरल हेल्थ का संबंध - Connection Of Chronic Kidney Disease And Oral Hygiene in Hindi
जब किसी व्यक्ति की किडनी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं होती, तो शरीर में टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) और अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं। यह स्थिति न केवल खून को बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करती है, जिसमें मुंह भी शामिल है। क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के मरीजों में अक्सर मुंह सूखना (Dry Mouth), मसूड़ों से खून आना, बदबूदार सांस और दांतों में सड़न जैसी समस्याएं सामान्य होती हैं। कई बार CKD की दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण भी मुंह में जलन, सूजन और संक्रमण हो सकता है। यदि डेंटल हेल्थ की उपेक्षा की जाए, तो यह समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
पीरियोडोंटाइटिस का अधिक जोखिम
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) मरीजों में पीरियोडोंटाइटिस (Periodontitis) यानी मसूड़ों का संक्रमण और हड्डियों में सूजन की समस्या बहुत सामान्य है। यह एक प्रकार का गंभीर मसूड़ों का रोग है जो दांतों को पकड़ने वाली हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। इस संक्रमण के कारण शरीर में सूजन पैदा करने वाले तत्व (inflammatory markers) बढ़ जाते हैं जो किडनी को और नुकसान पहुंचा सकते हैं। यानी एक ओर जहां CKD आपकी डेंटल हेल्थ को प्रभावित करती है, वहीं खराब डेंटल हेल्थ किडनी की बीमारी को और गंभीर बना सकती है।
हृदय रोगों का बढ़ता खतरा
क्रोनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा वैसे ही बढ़ जाता है। लेकिन अगर ओरल हेल्थ खराब हो, तो यह खतरा और भी अधिक हो जाता है। पीरियोडोंटल रोग में शरीर में सूजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त वाहिनियों में रुकावट आने लगती है और हृदय पर दबाव बढ़ता है। इस तरह खराब डेंटल हेल्थ न केवल किडनी को बल्कि हृदय को भी प्रभावित कर सकती है।
संक्रमण का बढ़ा जोखिम
किडनी की बीमारी में रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में कमजोर हो जाता है। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया यदि नियंत्रित न हों, तो यह रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच सकते हैं और गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
डायलिसिस और डेंटल ट्रीटमेंट का तालमेल
जो लोग डायलिसिस पर होते हैं, उनके लिए डेंटल ट्रीटमेंट करवाना थोड़ा जटिल होता है। ब्लड थिनर जैसी दवाइयां लेने के कारण खून बहने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए CKD मरीजों को किसी भी डेंटल सर्जरी या इलाज से पहले अपने नेफ्रोलॉजिस्ट और डेंटिस्ट को सूचित करना जरूरी होता है।
दांतों से जुड़ी समस्याओं से कैसे बचाव करें?- How To Protect Tooth In CKD In Hindi
- दांतों की सफाई दिन में दो बार करें। माइल्ड टूथपेस्ट और सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करें।
- हर 3-6 महीने में डेंटल चेकअप जरूर कराएं।
- चीनी और एसिडिक पदार्थों से बचाव।
- मुंह सूखने पर डॉक्टर की सलाह से सलाइवा बढ़ाने वाली दवा या चबाने वाली गम का प्रयोग करें।
- डायलिसिस से पहले या बाद में डेंटल ट्रीटमेंट का समय डॉक्टर से तय करें।
- धूम्रपान और तंबाकू से पूरी तरह बचें।
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क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ से पीड़ित लोगों के लिए डेंटल हेल्थ कोई छोटा मुद्दा नहीं है। यह उनकी संपूर्ण सेहत का एक अहम हिस्सा है। दांतों और मसूड़ों की देखभाल न केवल किडनी को और नुकसान से बचा सकती है, बल्कि जीवन की क्वालिटी को भी बेहतर बना सकती है।
FAQ
क्या क्रोनिक किडनी रोग आपके दांतों को प्रभावित करता है?
क्रोनिक किडनी रोग और ऑस्टियोपोरोसिस वाले व्यक्तियों में पीरियोडोंटल रोग के जल्दी ही अधिक गंभीर होने का जोखिम अधिक हो सकता है। साथ ही, दांतों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।किडनी खराब होने पर चेहरे पर क्या होता है?
किडनी सही से कार्य नहीं करती है तो चेहरे पर सूजन आ सकती है, खासकर आंखों के आसपास सुबह के समय यह सूजन देखने को मिल सकती है। जब किडनी के कार्य सही तरह से नहीं होते हैं तो शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और नमक को ठीक से नहीं निकाल पाती है।कमजोर किडनी के लक्षण क्या हैं?
किडनी कमजोर होने पर व्यक्ति के शरीर में खासकर पैरों में सूजन दिखने लगती है। वहीं, कई मामलों में व्यक्ति को चेहरे पर भी सूजन दिखाई देती है। साथ ही, किडनी की समस्या में ब्लड प्रेशर भी प्रभावित हो सकता है।
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