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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया को हल्‍के में ल‍िया, तो बढ़ सकता है इन 10 बीमार‍ियों का खतरा

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया को हल्के में न लें। सोते समय बार-बार सांस रुकने की यह समस्या दिल, दिमाग, शुगर लेवल पर गंभीर असर डालती है और 10 बड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है।  
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया को हल्‍के में ल‍िया, तो बढ़ सकता है इन 10 बीमार‍ियों का खतरा

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) कोई सामान्‍य परेशानी नहीं है, लेकिन इसे अक्सर केवल खर्राटे या दिन में थकान समझकर अनदेखा कर दिया जाता है। यह एक ऐसी नींद से जुड़ी समस्या है जिसमें सोते समय बार-बार सांस रुक जाती है। यही रुकावट आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इसलिए मरीजों और देखभाल करने वालों को इसकी गंभीरता को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। ओएसए में शरीर को बार-बार कम ऑक्सीजन मिलती है और नींद पूरी नहीं हो पाती। इसकी वजह से हृदय और शरीर की ऊर्जा प्रक्रिया पर बहुत दबाव पड़ता है। यही कारण है कि ओएसए दस बड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। इन बीमार‍ियों के बारे में आगे जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Dr. Y. Soma Sai Kiran, Consultant Clinical And Interventional Pulmonologist At Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।


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1. हाई बीपी- High Blood Pressure

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की वजह से सोते समय हाई बीपी (High BP) की समस्‍या हो सकती है, इसलिए हाई बीपी का जोखिम ज्‍यादा रहता है।

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2. हार्ट फेलि‍यर- Heart Failure

लगातार दबाव के कारण हृदय पर दबाव बढ़ता है, जिससे हृदय की नलियों में रुकावट और हार्ट फेलियर (Heart Failure) की संभावना भी बढ़ जाती है।

3. स्‍ट्रोक- Stroke

ऑक्सीजन की कमी से ब्‍लड में बदलाव होते हैं और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा भी बढ़ जाता है।

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4. डायब‍िटीज- Diabetes

नींद खराब होने से शरीर में शुगर लेवल प्रभाव‍ित करने की क्षमता भी प्रभावित होती है, जिससे ओएसए से पीड़ि‍त लोगों में डायब‍िटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है।

5. मोटापा- Obesity

मोटापा श्वसन मार्ग को और संकरा कर देता है, जिससे ओएसए और गंभीर हो जाता है, यह एक खराब स्‍थ‍ित‍ि बन जाती है।

6. हृदय की अन‍ियम‍ित धड़कन- Irregular Heartbeat

ओएसए वाले कई लोगों में हृदय की धड़कन अन‍ियम‍ित (Irregular Heartbeat) होने की स्थिति भी देखी जाती है। यह समस्‍या 50 की उम्र से ज्‍यादा वाले लोगों में ज्‍यादा देखी जाती है।

7. क‍िडनी रोग- Kidney Disease

हाई बीपी और ऑक्सीजन की कमी का मिलाजुला प्रभाव क‍िडनी पर पड़ता है, जिससे क‍िडनी रोग (Kidney Disease) की संभावना बढ़ सकती है।

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8. ड‍िप्रेशन- Depression

ओएसए को अब स्मरण शक्ति में कमी, डि‍प्रेशन और कुछ प्रकार के कैंसर से भी जोड़ा जा रहा है, जो इसकी व्यापकता को द‍िखाता है।

9. मेटाबॉल‍िक समस्याएं- Metabolic Problems

ओएसए में बार-बार सांस रुकने से शरीर को उचित आराम नहीं मिलता, जिससे ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसी कारण वजन बढ़ना, थकान और शरीर की कार्यक्षमता में कमी जैसी मेटाबॉल‍िक समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

10. फैटी लिवर रोग- Fatty Liver Disease

ओएसए में बार-बार ऑक्सीजन की कमी होने से ल‍िवर की कोशिकाओं पर दबाव बढ़ता है, जिससे ल‍िवर में फैट जमा होने लगता है। समय पर इलाज न मिले, तो यह स्थिति गंभीर लिवर रोग का रूप भी ले सकती है।

समय पर पहचान से बचाव संभव है

Dr. Y. Soma Sai Kiran ने बताया क‍ि अच्‍छी बात यह है कि समय पर पहचान और सही इलाज जैसे जीवनशैली में सुधार, मशीन द्वारा दी जाने वाली बैरोथेरेपी से इन खतरों को काफी कम किया जा सकता है। इसलिए ओएसए को केवल नींद की परेशानी न मानकर एक गंभीर रोग समझना और उसका इलाज कराना जरूरी है।

न‍िष्‍कर्ष:

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण क‍िडनी रोग, हृदय की अन‍ियम‍ित धड़कन, मोटापा, डायब‍िटीज, स्‍ट्रोक, हाई बीपी, हार्ट फेल‍ियर जैसी गंंभीर समस्‍याएंं हो सकती हैं।

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  • Current Version

  • Dec 10, 2025 07:05 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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