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मेटाबॉलिक सिंड्रोम की वजह से बढ़ता है कई गंभीर बीमारियों का जोखिम, जानें इसके लक्षण

मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने पर व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है। आगे जानते हैं मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने पर व्यक्ति को क्या लक्षण दिखाई देते हैं।
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मेटाबॉलिक सिंड्रोम की वजह से बढ़ता है कई गंभीर बीमारियों का जोखिम, जानें इसके लक्षण


अनियमित दिनचर्या और खराब लाइफस्टाइल के चलते व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शरीर के अंगों को एनर्जी की जरूरत होती है। भोजन से पोषक तत्वों के द्वारा एनर्जी बनाने का कार्य मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया के अंतर्गत होता है। मेटाबॉलिज्म डाइट को एनर्जी में बदलने का काम करता है। मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होने से व्यक्ति को मोटापे की समस्या हो सकती है। मोटापा हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) में व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस लेख में धर्मशिला नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पंकज वर्मा से जानते हैं कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम में व्यक्ति को क्या लक्षण (Symptoms Of Metabolic Syndrome in hindi) महसूस होते हैं। 

मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने पर किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं? - Symptoms Of Metabolic Syndrome in Hindi

पेट की चर्बी बढ़ना (Abdominal Obesity)

पेट की चर्बी का बढ़ना मेटाबॉलिक सिंड्रोम का सबसे आम और पहला लक्षण हो सकता है। जब शरीर के मध्य भाग, खासकर पेट के आसपास अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है, तो यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। पेट की चर्बी का बढ़ना इंसुलिन रेसिस्टेंस और अन्य मेटाबॉलिक अनियंत्रण का कारण बनता है। इससे त्वचा में भी की तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।

sign of metabolic syndrome in hindi

हाई ट्राइग्लिसराइड स्तर (High Triglyceride Levels)

ट्राइग्लिसराइड्स शरीर में एक प्रकार का फैट होता है जो ऊर्जा के रूप में इकट्ठा होता है। जब ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर सामान्य से अधिक होता है, तो यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम का संकेत हो सकता है और हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है। इसके लिए व्यक्ति को ब्लड टेस्ट कराने की आवश्यकता होती है। 

हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने पर व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर व्यक्ति के हृदय और नसों पर दबाव बनने लगता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान व्यक्ति को बार-बार सिरदर्द होना, चक्कर आना और थकान महसूस होने लगती है। 

डायबिटीज की समस्या होना (High Blood Sugar Levels)

मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले लोगों में अक्सर ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। ब्लड शुगर लेवल टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है। यह स्थिति शरीर में इंसुलिन की कमी या इंसुलिन रेसिस्टेंस के कारण होती है। इस दौरान व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती है। साथ ही, कुछ लोगों को बार-बार पेशाब आना और वजन कम होने की समस्या देखने के मिलती है। डायबिटीज की वजह से व्यक्ति को हर समय थकान बनी रहती है।

मेटाबॉलिक सिंड्रोम से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Metabolic Syndrome In Hindi 

  • फाइबर, प्रोटीन और कम फैट वाले आहार का सेवन करें।
  • शारीरिक गतिविधि और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • पेट की चर्बी को कम करने का प्रयास करें।
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं। 

इसे भी पढ़ें: मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या होता है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और जोखिम कारक

Sign and Symptoms of Metabolic Syndrome in Hindi: मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक जटिल स्थिति हो सकती है, लेकिन इसके लक्षणों को पहचान कर समय रहते उचित कदम उठाए जा सकते हैं। स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाकर, नियमित रूप से चेकअप और टेस्ट करवाकर और डॉक्टर की सलाह पर सही उपचार से मेटाबॉलिक सिंड्रोम को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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