
आज की तेज रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में पुरुषों में कई तरह की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) को भी शामिल किया जाता है। यह कोई एक बीमारी नहीं, इसमें कई मेटाबॉलिक गड़बड़ियां एक साथ होती हैं जैसे कि मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर और असामान्य कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि। यदि समय रहते इस सिंड्रोम को पहचाना और नियंत्रित न किया जाए तो यह हृदय रोग (Heart Disease), स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर एपी सिंह से जानते हैं कि पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षण और कारण क्या हो सकते हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या है? - What is Metabolic Syndrome in Hindi
मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को आगे बताई कई स्थितियों में से तीन या अधिक समस्याएं एक साथ हो सकती है।
- पेट के आसपास अधिक चर्बी होना (Abdominal Obesity)
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई ब्लड शुगर (Fasting glucose)
- हाई ट्राइग्लिसराइड लेवल
- लो HDL (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल
- यह स्थिति शरीर के मेटाबॉलिज्म को असंतुलित करती है, जिससे शरीर की ऊर्जा बनाने और उपयोग करने की क्षमता प्रभावित होती है।
पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षण - Symptoms Of Metabolic Syndrome In Men in Hindi
मेटाबॉलिक सिंड्रोम धीरे-धीरे विकसित होता है और इसके लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते। लेकिन कुछ संकेत ऐसे हैं जिन पर पुरुषों को विशेष ध्यान देना चाहिए।
- पेट के चारों ओर मोटापा (Belly Fat) होना। अगर आपकी कमर की माप अधिक है, तो यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम का एक प्रमुख संकेत हो सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर होना। लगातार 130/85 mmHg या उससे अधिक ब्लड प्रेशर होना भी मेटाबॉलिक सिंड्रोम का लक्षण हो सकता है, खासकर अगर आपको चक्कर, सिर दर्द या थकान महसूस हो रही हो।
- थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होना। दिनभर थकान रहना या सामान्य गतिविधियों में जल्दी थक जाना।
- बार-बार प्यास और पेशाब आना। यह संकेत हाई ब्लड शुगर का हो सकता है जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम का हिस्सा है।
- त्वचा पर काले धब्बे (Acanthosis Nigricans) होना। गर्दन, बगल या कमर के आसपास गाढ़े रंग के धब्बे होना इंसुलिन रेसिस्टेंस का संकेत हो सकता है।
पुरुषों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम के मुख्य कारण - Causes Of Metabolic Syndrome In Men In Hindi
गलत खानपान और मोटापा
अत्यधिक फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, शुगर और ट्रांस फैट का सेवन पेट के आसपास फैट बढ़ाता है जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम का बड़ा कारण बनता है।
शारीरिक निष्क्रियता (Sedentary Lifestyle)
रोजाना के काम में शारीरिक गतिविधियों की कमी शरीर की मेटाबॉलिक क्रिया को धीमा करती है, जिससे शरीर में फैट बढ़ने लगता है।
इंसुलिन रेसिस्टेंस
जब शरीर इंसुलिन को ठीक से उपयोग नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर बढ़ने लगता है और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है।
अनुवांशिक कारण
अगर आपके परिवार में डायबिटीज, हाइपरटेंशन या हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है, तो आपको भी यह सिंड्रोम हो सकता है।
तनाव और नींद की कमी
लंबे समय तक तनाव और नींद की कमी से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे चर्बी जमा होती है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम से कैसे बचें? - Prevention Tips Of Metabolic Syndrome In Hindi
- अधिक फाइबर युक्त भोजन लें जैसे – साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फल।
- कम कैलोरी और उच्च प्रोटीन डाइट लें।
- सप्ताह में कम से कम 3 घंटे की फिजिकल एक्टिविटी करें।
- योग, वॉकिंग, रनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को शामिल करें।
- हर 3-6 महीने में शुगर, कोलेस्ट्रॉल और बीपी की जांच कराएं।
- तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें।
इसे भी पढ़ें: मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या होता है? डॉक्टर से जानें इसके कारण और जोखिम कारक
मेटाबॉलिक सिंड्रोम पुरुषों में एक गंभीर लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला स्वास्थ्य जोखिम है। यह धीमी गति से शरीर को प्रभावित करता है और अंततः हार्ट अटैक, स्ट्रोक या डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारियों में बदल सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव और हेल्थ मॉनिटरिंग से इसे रोका जा सकता है।
FAQ
मेटाबॉलिक कौन सी बीमारी है?
मेटाबोलिक सिंड्रोम ऐसी स्थितियों का समूह है जो हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को बढ़ाता है।मेटाबोलिक सिंड्रोम का उपचार क्या है?
मेटाबॉलिक सिंड्रोम का उपचार करने से पहले डॉक्टर मरीज के लक्षणों की पहचान करते हैं। इसके बाद लक्षणों को कम करने के इलाज शुरु किया जाता है।पुरुषों को लाइफस्टाइल में क्या बदलाव होने चाहिए?
पुरुषों को लाइफस्टाइल में बदलाव करने के लिए योगासन, एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए। साथ ही, ऑफिस में काम करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेना भी आवश्यक होता है।
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Current Version
Oct 20, 2025 15:00 IST
Published By : Vikas Arya