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ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड के लिए गंभीर समस्या बन सकता है Central Pain Syndrome, जानें इसके कारण और लक्षण

सिर में हल्का या तेज दर्द होना सेंट्रल पेन सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। आगे जानते इस समस्या के लक्षण और कारण क्या हो सकते हैं।
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ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड के लिए गंभीर समस्या बन सकता है Central Pain Syndrome, जानें इसके कारण और लक्षण


कुछ बीमारियों में हमारे सिर में तेज दर्द होने लगता है। वैसे, तो सिर में दर्द के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। लेकिन, यह सेंट्रल पेन सिंड्रोम (Central Pain Syndrome - CPS) की ओर संकेत करता है। यह एक गंभीर समस्या होती है। इसमें व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। ऐसे में व्यक्ति किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर पाता है। साथ ही, उसको दिमागी कार्यों में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह समस्या सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System - CNS) में किसी तरह के चोट या डिसऑर्डर की वजह से होती है। डॉक्टरों के अनुसार यह रोग ब्रेन स्टेम और रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) में होने वाले डिसऑर्डर की वजह से भी शुरु हो सकती है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अशीष कुमार से जानते हैं कि सेंट्रल पेन सिंड्रोम के लक्षण और कारण क्या हो सकते हैं। 

सेंट्रल पेन सिंड्रोम के लक्षण

सेंट्रल पेन सिंड्रोम के लक्षण अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं। यह लक्षण व्यक्ति के प्रभावित हिस्से के आधार पर निर्भर करते हैं। आगे जानते हैं इसके कुछ लक्षण 

  • लगातार दर्द होना: सेंट्रल पेन सिंड्रोम में व्यक्ति को लगातार दर्द होता है। यह दर्द जलन, चुभन, या झुनझुनी जैसा महसूस हो सकता है। शुरु में यह दर्द हल्का और बाद में तेज होने लगता है। 
  • सेंसेटिव होना: कुछ मामलों में, रोगियों को हल्के स्पर्श या तापमान में हुए बदलाव की वजह से भी व्यक्ति के ब्रेन में संवेदनशीलता हो सकती है। सामान्य रूप से ठंडा या गर्म पानी का इस्तेमाल, रोगी के लिए दर्द का कारण बन सकता है। 
  • नींद में समस्या: रात के समय तेज दर्द के कारण व्यक्ति को नींद आने में कठिनाई हो सकती है, जिससे उनकी रोजाना लाइफस्टाइलल प्रभावित हो सकती है। 
  • मूड और मानसिक स्थिति में बदलाव: लगातार दर्द होने से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। कई रोगियों को एंग्जाइटी, चिंता, और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।

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सेंट्रल पेन सिंड्रोम के कारण

सेंट्रल पेन सिंड्रोम का मुख्य कारण सेंट्रल नर्वस सिस्टम में चोट या विकार होता है। यह चोट या विकार कई कारणों से हो सकता है। इन कारणों को आगे बताया गया है। 

  • स्ट्रोक: ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन की रुकावट या ब्लीडिंग के कारण होने वाला स्ट्रोक सेंट्रल पेन सिंड्रोम का प्रमुख कारण है। स्ट्रोक के बाद, प्रभावित क्षेत्रों में न्यूरॉन्स के नुकसान से दर्द हो सकता है।
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS): यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली माइलिन (myelin) को नुकसान पहुंचाती है, जो नर्व को कवर  करती है। इस डैमेज से नर्वस सिस्टम में क्षति होती है और दर्द उत्पन्न हो सकता है।
  • ट्रॉमा: सिर या रीढ़ की हड्डी में चोट सेंट्रल पेन सिंड्रोम का कारण बन सकती है। यह चोट किसी दुर्घटना, कहीं गिरना, या किसी अन्य प्रकार की शारीरिक चोट से हो सकती है।
  • ट्यूमर: ब्रेन या रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर भी सेंट्रल पेन सिंड्रोम का कारण बन सकते हैं। ट्यूमर नर्वस सिस्टम पर दबाव डाल सकते हैं या उन्हें डैमेज कर सकते हैं। 
  • ब्रेन इंफेक्शन: ब्रेन या रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन, जैसे मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस, नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दर्द का कारण बन सकते हैं। कुछ मामलों में सर्जरी भी इस समस्या का कारण बनती है। 

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सेंट्रल पेन सिंड्रोम को डॉक्टर दवाओंं, फिजिकल थेरेपी, नर्व स्टिम्यूलेशन और साकोलॉजिकल सपोर्ट से ठीक करने का प्रयास करते हैं। इसका ट्रीटमेंट करते समय व्यक्ति के प्रभावित हिस्से के आधार पर रिकवरी में अलग-अलग समय लग सकता है। कुछ लोगों इसमें जल्दी ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ को समय लग जाता है।  

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