What Is Aagenaes Syndrome In Hindi: एगेनीस सिंड्रोम (Aagenaes Syndrome) एक दुर्लभ अनुवांशिक विकार है जो मुख्य रूप से लसिका प्रणाली (lymphatic system) और लिवर (liver) को प्रभावित करता है। यह सिंड्रोम लिवर के कार्य को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से बाइल बनने में बाधा आती है। पित्त यानी गॉल ब्लैडर में बाइल बनाने की प्रक्रिया होती है, जो लिवर के माध्यम से भोजन के फैट को पचाने में सहायक होती है। लेकिन, जब यह प्रक्रिया बाधित होती है तो इससे भोजन को पचने में समस्या होती है। इस विकार को लिम्फेडेमा कोलेस्टेसिस सिंड्रोम (LSC1) या कोलेस्टेसिस-लिम्फेडेमा सिंड्रोम (CLS) भी कहा जाता है। यदि समय पर एगेनीस सिंड्रोम का इलाज न किया जाए, तो धीरे-धीरे लीवर के सिरोसिस, कोलेस्टेसिस और हेपेटाइटिस में विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। यह समस्या ज्यादातर नवजात शिशुओं में देखने को मिलती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटनरल मेडिसिन डॉ. एस के सिंह से जानते हैं कि एगेनीस सिंड्रोम क्या है और इसके क्या लक्षण होते हैं।
एगेनीस सिंड्रोम के लक्षण - Symptoms Of Aagenaes Syndrome in Hindi
इस सिंड्रोम के लक्षण बचपन से भी प्रकट हो सकते हैं। आगे कुछ मुख्य लक्षण बताए गए हैं।
प्राइमरी लिम्फेडिमा (Primary Lymphedema)
यह स्थिति शरीर के निचले हिस्से, विशेष रूप से पैरों में सूजन के रूप में दिखाई देती है। इसमें लिम्फेटिक फ्लूयड इकट्ठा होने लगता है और यह सामान्य प्रवाह को बाधित कर सकता है। इसमें उम्र बढ़ने के साथ सूजन की समस्या बढ़ सकती है।
शिशुओं में कोलेस्टेसिस (Neonatal Cholestasis)
नवजात शिशुओं को जन्म के कुछ दिनों बाद लिवर से जुड़ी समस्या हो सकती है। जिन शिशुओं को पीलिया लंबे समय तक बना रहता है उनको लिवर से जुड़ी समस्या हो सकती है। इसमें मल करंग में बदलाव और बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है।
बार-बार इंफेक्शन होना
एगेनीस सिंड्रोम में लिम्फेटिक प्रणाली प्रभावित होती है। इससे व्यक्ति तो संक्रमण होने लगा खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान शरीर में सूजन और लालिमा जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा, लसीका प्रणाली के कमजोर होने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
लिवर के कार्य में गड़बड़ी (Liver Dysfunction)
उम्र बढ़ने के साथ यदि लिवर की समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो इस स्थिति में व्यक्ति को सिरोसिस (cirrhosis) या लिवर फेलियर (liver failure) होने का खतरा रहता है।
थकान व कमजोरी
जब किसी व्यक्ति का लिवर सही तरह से कार्य नहीं कर पाता है, तो ऐसे में व्यक्ति को थकान और कमजोरी हो सकती है। इसके अलावा, स्किन कठोर होना और उल्टी आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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Aagenaes Syndrome in Hindi: इसकी पहचान के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, बायोप्सी और अन्य टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। इसके बाद डाइट में बदलाव कर सकते हैं। इस सिंड्रोम की समय पर पहचान करके इलाज शुरू करना बेहद आवश्यक होता है। इसमें डॉक्टर एंटीबायोटिक्स व अन्य मेडिसिन दे सकते हैं। जिन लोग की स्थिति गंभीर होती है उनका लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।