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डेंगू शॉक सिंड्रोम में हो सकती है ब्लीडिंग, जानें इसके लक्षण और इलाज का तरीका

मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। आगे जानते हैं कि डेंगू शॉक सिंड्रोम क्या होता है? इसके लक्षण और इलाज क्या हो सकता है?
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डेंगू शॉक सिंड्रोम में हो सकती है ब्लीडिंग, जानें इसके लक्षण और इलाज का तरीका


मौसम में बदलाव के साथ ही लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान लोगों को बुखार, बदन दर्द और सर्दी आदि की समस्या हो सकती हैं। इन दिनों डेंगू और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। डेंगू मेच्छरों द्वारा फैलता है। इसके गंभीर रूप को डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome, DSS) होता है। डेंगू शॉक सिंड्रोम,  डेंगू रोग की ही एक जटिलता है, जिसमें मरीज का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है और अंगों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे अंगों को नुकसान हो सकता है। अगर, इस समस्या को नजरअंदाज किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटनरल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ए पी सिंह से जानते हैं कि डेंगू शॉक सिंड्रोम क्या होता है? साथ ही, इसके लक्षण और इलाज के बारे में जानते हैं?

डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण क्या होता है? - Symptoms Of Dengue Shock Syndrome in Hindi 

डेंगू होने पर शरीर के अंदर तक कई तरह की समस्याएं उभर सकती हैं। आगे जानते हैं डेंगू शॉक सिंड्रोम 

  • शरीर में लो ब्लड प्रेशर होना। 
  • शरीर के अंगों में ब्लड सर्कुलेशन में कमी आना और अंगों के कार्य प्रभावित होना। 
  • अचानक तेजी बुखार आना। 
  • मरीज को जोड़ों में दर्द होना। 
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना। 
  • बार-बार उल्टी होना और जी मिचलाना। 
  • सांस लेने में परेशानी होना। 
  • मसूड़ों और नाक से खून बहना। 
  • त्वचा पर रैशेज होना। 
  • शरीर में पानी की कमी होना। 
  • हाथ और पैर ठंडे होना आदि। 

Symptoms Of Dengue Shock Syndrome in Hindi

डेंगू शॉक सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Dengue Shock Syndrome In Hindi 

डेंगू शॉक सिंड्रोम एक गंभीर स्थिति है। इसके इलाज के लिए व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट किया जाता है। आगे जानते हैं इसके इलाज के बारे में। 

प्लाज्मा और रक्त चढ़ाना 

डेंगू के गंभीर मामलों में मरीज के प्लाज्मा का स्तर तेजी से कम हो सकता है। यही वजह है कि मरीज को कुछ स्थितियों में प्लाज्मा और ब्लड चढ़ाने की जरूरत हो सकती है। इस दौरान ब्लीडिंग को भी कम करने के लिए दवाएं दी जाती हैं। 

नसों से तरल पदार्थ देना 

डेंगू शॉक सिंड्रोम में मरीज को इंट्रावेनस (IV) के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि ब्लड प्रेशर स्थिर रखा जा सके और डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।

ब्लड प्रेशर की जांच करना 

ब्लड प्रेशर की जांच करना बेहद आवश्यक होता है। इससे किसी भी तरह की गंभीर स्थिति या समस्या को समय पर नियंत्रित किया जा सकता है। 

आराम करना 

डॉक्टर मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह देते हैं। इस दौरान आराम करने से व्यक्ति को रिकवरी होने में मदद मिलती है। साथ ही, इलाज का समय कम हो जाता है। 

इसे भी पढ़ें : डेंगू बुखार क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

डेंगू शॉक सिंड्रोम एक गंभीर अवस्था है, जिसमें जल्द इलाज जरूरी होता है। सही समय पर इलाज से मरीज स्थिति को काबू किया जा सकता है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए मच्छरों से बचाव के उपाय, जैसे साफ-सफाई, मच्छरदानी का प्रयोग और मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करना बेहद जरूरी है। यदि डेंगू के गंभीर लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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