गर्मी, धूप, पानी की कमी या अन्य समस्या होने पर आपको सिर दर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है। लेकिन, हर बार ये लक्षण सामान्य समस्या का संकेत नहीं होते हैं। इस तरह के लक्षण बार-बार महसूस होना आपके मस्तिष्क से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। डॉक्टर की मानें तो ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। लेकिन, बुजुर्गों और अधिक शराब पीने वाले लोगों को इसका जोखिम अधिक होता है। यह रोग युवाओं को भी हो सकती है। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट और सीनियर कंसल्टेंट से आगे जानते हैं कि वे कौन-से लक्षण होते हैं, जो युवाओं में ब्रेन ट्यूमर होने का संकेत करते हैं।
युवाओं में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण - Warning Signs Of Brain Tumour In Youngsters In Hindi
लगातार सिरदर्द
काम के स्ट्रेस की वजह से युवाओं को सिरदर्द होना एक आम समस्या है। ऐसा अक्सर तनाव, डिहाइड्रेशन और अन्य छोटी समस्याओं का कारण हो सकते हैं। लेकिन, यदि युवाओं को लगातार तेज सिरदर्द हो रहा है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर के कारण इंट्राक्रैनील दबाव बढ़ सकता है, जिससे बार-बार सिरददर्द हो सकता है। यह अक्सर सुबह के समय होता है।
बार-बार उल्टी होना
जी-मिचलाना या बार-बार उल्टी होना पेट की समस्या के साथ ही आपके मस्तिष्क की समस्या की ओर भी इशारा करता है। ब्रेन में ट्यूमर के बढ़ने से नर्वस सिस्टम पर दबाव पड़ता है। इससे आपको उल्टी हो सकती है। साथ ही, बार-बार उल्टी होना, न्यूरोलॉजिकल समस्या की ओर संकेत करता है।
दिखाई देने में परेशानी होना
ब्रेन ट्यूमर होने पर मस्तिष्क में पड़ने वाले दबाव के चलते रोगी को देखने में समस्या हो सकती है, जैसे - धुंधला दिखाई देना, डबल विजन, देखने में परेशानी होना आदि। इस समस्या में रोगी को किसी एक जगह पर फोकस करने में परेशानी हो सकती है। दरअसल, ब्रेन ट्यूमर होने पर ऑप्टिक नर्व पर प्रेशर पड़ता है, जिसके चलते दृष्टि संंबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
दौरे पड़ना
अगर, व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हैं, तो यह ब्रेन से जुड़ी समस्या का संकेत होता है। मिर्गी और अन्य गंभीर समस्या में रोगी को दौरे पड़ सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर होने पर ब्रेन के नॉर्मल इंलेक्ट्रिक फंक्शन बाधित हो सकते हैं, जिसकी वजह से दौरे पड़ने लगते हैं। इस स्थिति में रोगी को तुरंत डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए।
व्यवहार में बदलाव
ब्रेन ट्यूमर होने पर व्यक्ति के व्यवहार और कॉग्नेटिव माइंड में बदलाव (किसी चीज को सीखना और उसे करने की क्षमता) हो सकता है। रोगी को चीजों को याद रखने और किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है। ट्यूमर ब्रेन के इमोशन नियंत्रित करने वाले हिस्से को प्रभावित कर सकता है।
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इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर एमआरआई, सीटी स्कैन, बायोप्सी आदि टेस्ट से ब्रेन ट्यूमर की सही स्थिति का पता लगा सकते हैंं। इसके अलावा, रोग की गंभीरता के आधार पर सर्जरी या कीमोथेरेपी का चुनाव कर सकते हैं।