बच्चों को कुछ समस्याएं जन्म से हो सकती है। हालांकि, कुछ समस्याओं को मैनेज करना आसान होता है, जबकि कुछ डिसऑर्डर को दवाओं की मदद से कम किया जा सकता है। इसमें क्लोव्स सिंड्रोम (CLOVES Syndrome) को भी शामिल किया जाता है। यह डिसऑर्डर बच्चे को जन्म से होता है। यह एक दुर्लभ डिसऑर्डर है। इसमें बच्चे के शरीर में गांठे उत्पन्न होने लगती है। साथ ही, नसों की बनावट में परेशानी हो सकती है। क्लोव्स सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को रीढ़ की हड्डी या कंकाल संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस समस्या में बच्चे की लाइफस्टाइल प्रभावित हो सकती है। इस लेख में एंजेल मदर एंड चाइल्ड केयर क्लीनिक के पीडियेट्रिशियन डॉक्टर अजित कुमार से जानते हैं कि बच्चों में क्लोव्स सिंड्रोम क्यों होता है। साथ ही, इसके लक्षणों के बारे में भी जानते हैं।
क्लोव्स सिंड्रोम के क्या कारण होते हैं?
जीन्स में होने वाले बदलावों को क्लोव्स सिंड्रोम का कारण माना जाता है। यह परिवर्तन गर्भ में पल रहे बच्चे के शुरुआती दौर में हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार पिका3सीए नाम के जीन में बदलाव के कारण यह समस्या होती है। यह जीन शरीर की कोशिकाओं को बढ़ने या विभाजित करने के निर्देश देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब PIK3CA जीन में बदलाव होता है, तो कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ सकती है। जिससे वसायुक्त ट्यूमर और अन्य समस्याएं तेजी से बढ़ सकती है। क्लोव्स सिंड्रोम माता-पिता से बच्चे को नहीं होता है।
क्लोव्स सिंड्रोम के लक्षण क्या होते हैं?
क्लोव्स सिंड्रोम शरीर के टिश्यू, नसों, हड्डियों और कुछ आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण आमतौर पर जन्म के समय या उसके तुरंत बाद पहचाने जा सकते हैं।
नसों में परेशानी होना
रक्त वाहिकाएं शरीर के विभिन्न भागों से से रक्त को हृदय तक वापस ले जाती हैं। कई बार क्लोव्स सिंड्रोम होने पर नसों असामान्य रूप से बड़ी हो सकती है। इससे रक्त में थक्का बनने का जोखिम बढ़ सकता है।
रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
क्लोव्स सिंड्रोम के कारण बच्चे की रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है। इसमें रीढ़ की हड्डीमें टेढ़ेपन की समस्या हो सकती है। इससे रीढ़ से गुजरने वाली नसों में समस्याएं हो सकती है।
अंगों के आकार में बदलाव
इस सिंड्रोम में बच्चे के सिर, हाथ और पैर के आकार में बदलाव हो सकता है। इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह आगे चलकर गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। इसमें पैरों और हाथों की उंगलियों के बीच असामान्यताएं हो सकती है।
किडनी से जुड़ी समस्याएं
क्लोव्स सिंड्रोम बच्चे की किडनी से संबंधित समस्याएं की वजह बन सकता है। जैसे कि एक किडनी दूसरे से बड़ी होना, या केवल एक ही किडनी होना, आदि।
वसायुक्त टिश्यू का तेजी से बढ़ना
इस दौरान बच्चे के शरीर में नरम गांठे बन सकती है। इसे लिपोमा कहते हैं। ये क्लोव्स सिंंड्रोम के रोगियों के पेट, पीठ और बाजूओं पर दिखाई दे सकते हैं।
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क्लोव्स सिंड्रोम होने पर बच्चे के हाथ पैरों में समस्या हो सकती है। साथ ही, इस सिंड्रोम के कारण होने वाली समस्याओं से बच्चे की लाइफस्टाइल प्रभावित हो सकती है। सही समय पर पहचान से करने से इस समस्या का इलाज समय पर किया जा सकता है।
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