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क्‍या गर्दन पर जमे फैट के कारण भी सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं? डॉक्‍टर से जानें

गर्दन पर जमा फैट सांस में बाधा, स्लीप एपनिया और हृदय रोग का कारण बन सकता है। इसे वजन घटाने, एक्‍सरसाइज और डॉक्टर की सलाह से कम करें।
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क्‍या गर्दन पर जमे फैट के कारण भी सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं? डॉक्‍टर से जानें


गर्दन पर जमा फैट केवल शारीरिक आकर्षण को कम नहीं करता, बल्कि यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। गर्दन के एर‍िया में ज्‍यादा फैट जमा होने से वायुमार्ग या एयरवे पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे सांस लेने में मुश्‍क‍िल हो सकती है। विशेष रूप से जब यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) जैसी स्थितियों को जन्म दे सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें सोते समय सांस लेने में रुकावट आती है, जिससे ऑक्सीजन का लेवल गिर सकता है और व्यक्ति को थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, गर्दन का मोटापा हृदय रोग, हाई बीपी और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ा सकता है। गर्दन के आसपास जमा यह अतिरिक्त फैट वायुमार्ग को संकरा कर देता है, जिससे व्यक्ति को सामान्य रूप से सांस लेने में भी मुश्किल हो सकती है। यह समस्या विशेष रूप से लेटने पर ज्‍यादा गंभीर हो जाती है। इस लेख में हम गर्दन पर फैट जमा होने के कारण, इसके लक्षण और इलाज के बारे में विस्तार से बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

क्‍या गर्दन पर जमे फैट के कारण भी सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं?- Does Neck Fat Cause Breathing Issues

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गर्दन का फैट वायुमार्ग पर दबाव डाल सकता है, जिससे सामान्य रूप से सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। खासकर लेटने की स्थिति में यह समस्या और बढ़ सकती है।

स्लीप एपनिया का खतरा

गर्दन पर ज्‍यादा फैट जमा होने से वायुमार्ग संकरा हो सकता है। इससे ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया नाम की बीमारी विकसित हो सकती है, जिसमें सोते समय सांस रुकने और फिर शुरू होने की समस्या होती है। यह स्थिति रात में ऑक्सीजन लेवल को कम कर सकती है, जिससे दिन में थकान और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियां

गर्दन पर फैट जमा आम द‍िखने वाली समस्या नहीं है। यह मोटापे के संकेतों में से एक हो सकता है, जो हाई बीपी, हृदय रोग और अन्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है।

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सांस लेने में तकलीफ के संकेत- Signs of Breathing Difficulty

अगर गर्दन पर जमा फैट के कारण सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो इन लक्षणों पर गौर करें-

  • गहरी सांस लेने में कठिनाई
  • रात में खर्राटे आना
  • सुबह सिरदर्द होना
  • दिनभर थकान महसूस करना
  • छाती में जकड़न का एहसास

सांस लेने में तकलीफ से कैसे बचें?- How to Prevent Breathing Difficulty

सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो इन उपायों को अपनाएं-

  • वेट लॉस करना गर्दन के फैट को घटाने का सबसे असरदार तरीका है। संतुलित आहार और नियमित एक्‍सरसाइज अपनाकर वजन कम किया जा सकता है।
  • सोते समय अपनी पोजीशन को बदलना, जैसे कि पीठ के बजाय साइड में सोना, वायुमार्ग को खुला रखने में मदद कर सकता है।
  • अगर सांस लेने में तकलीफ गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • सांस से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए योग और प्राणायाम फायदेमंद हो सकते हैं। ये फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और वायुमार्ग को साफ रखने में मदद करते हैं।
  • शराब और धूम्रपान से बचें। ये दोनों चीजें वायुमार्ग को और ज्‍यादा संकरा बना सकती हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ सकती है।

अगर सांस लेने में समस्‍या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। वजन घटाने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

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