
दिल्ली के 38 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल आशुतोष शर्मा को पिछले कुछ महीनों से दिन में बैठे-बैठे नींद आने लगी थी। ऑफिस मीटिंग के दौरान या टीवी देखते समय अचानक आंख लग जाती थी। शुरुआत में उन्होंने इसे थकान और काम के तनाव का असर समझा, लेकिन स्थिति तब गंभीर हुई जब वे गाड़ी चलाते समय झपकी ले बैठे। डॉक्टर से जांच कराने पर पता चला कि उन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea) है।
कुर्सी पर बैठे-बैठे बार-बार नींद आना या किसी काम के दौरान झपकी लग जाना सिर्फ थकान का संकेत नहीं होता, बल्कि यह किसी छिपी हुई स्वास्थ्य समस्या की ओर भी इशारा कर सकता है, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। ज्यादा थकान या दिन में बार-बार नींद आना आपके शरीर का चेतावनी संकेत है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अगर आप रोजमर्रा के काम जैसे टीवी देखना, पढ़ना या बातचीत करते हुए भी बार-बार नींद में झुक जाते हैं, तो यह आपकी जीवन गुणवत्ता, काम की क्षमता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। कभी-कभी नींद आना सामान्य है, लेकिन अगर दिन में बार-बार और लगातार ऐसा हो रहा है, तो यह किसी नींद से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। इस लेख में जानेंगे ज्यादा नींद आने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Dr. Y. Soma Sai Kiran, Consultant Clinical & Interventional Pulmonologist At Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।
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ज्यादा नींद के पीछे कौन सी बीमारियां हो सकती है?- Causes Of Excessive Sleepiness

ज्यादा नींद आने का कारण, नींद से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं, जैसे नार्कोलेप्सी, स्लीप एपनिया (जिसमें नींद के दौरान सांस रुकती है) या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम। Dr. Y. Soma Sai Kiran ने बताया कि इन कारणों के अलावा डिप्रेशन, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट या खराब नींद की आदतें भी कारण बन सकती हैं।
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ये लक्षण दिखें तो सतर्क रहें- Stay Alert With These Symptoms
अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-
- बार-बार बैठे-बैठे नींद आना
- काम या गाड़ी चलाते समय झपकी लगना
- नींद में जोर से खर्राटे या घुटन महसूस होना
- पूरी नींद लेने के बाद भी थकान होना
- ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होना
नींद की समस्या के लिए ये जांच होती है- Test For Sleep Problem
- डॉक्टर इसके कारण जानने के लिए ब्लड टेस्ट, स्लीप स्टडी या शारीरिक जांच कर सकते हैं।
- समय रहते इलाज कराने से दुर्घटनाओं और गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।
- इलाज में दवा, नींद संबंधी थेरेपी और लाइफस्टाइल में बदलाव शामिल हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
अगर आपको या किसी जानने वाले को ऐसा महसूस हो, तो इसे सिर्फ थकान न समझें, यह शरीर की चेतावनी है। अपनी नींद की सेहत को प्राथमिकता दें, ताकि आप फिर से एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकेंगे।
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FAQ
ज्यादा नींद आने का कारण बीमारी है?
हां, लगातार ज्यादा नींद आना थायराइड, डायबिटीज, डिप्रेशन या स्लीप एपनिया जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। अगर यह रोज होता है, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।नींद न आने पर क्या करें?
रात को कैफीन लेने से बचें, मोबाइल दूर रखें, हल्का संगीत सुनें या किताब पढ़ें। रोज एक ही समय पर सोने की आदत डालें, इससे नींद आने लगेगी।अच्छी नींद के लिए क्या करें?
दिन में हल्की एक्सरसाइत करें और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। सोने से पहले भारी भोजन या स्क्रीन का इस्तेमाल न करें, इससे गहरी नींद आती है।
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Nov 04, 2025 19:33 IST
Published By : Yashaswi Mathur