Restless Legs Syndrome Treatments: रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको अपने पैर हिलाने का बार-बार मन करता है। खासतौर पर तब जब आराम कर रहे हों या फिर बैठे हों। तब आपने अक्सर कई लोगों को भी पैर हिलाते हुए देखा होगा। व्यक्ति कितनी भी आराम से लेटा या बैठा हो, वह अपने पैर ही हिलाता रहता है। वह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसे पैरों में असहजता महसूस होती है, जैसे कि रेंगना, झुनझुनी या फिर जलन होना आदि। हालांकि यह माना जाता है कि यह तंत्रिका से जुड़ी समस्या के कारण होता है। इस समस्या के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने बेंगलुरु के एस्टर व्हाइटफील्ड अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर बालाजी बीएस (Dr. Balaji B S, Consultant - Neurology & Epileptology, Aster Whitefield Hospital, Bengaluru) से विस्तार में बात की। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के 11 असरदार उपायों के बारे में।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के उपाय-Treatments for Restless Legs Syndrome
डॉक्टर ने बताया कि इस परेशानी को मरीज अक्सर चुपचाप सहते रहते हैं, यह मानकर कि ये लक्षण थकान या तनाव से जुड़े हैं। हालाँकि, RLS से छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं 11 उपाय जिनसे राहत मिलेगी।
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1. आयरन और विटामिन की जांच कराएं
सबसे पहले आप अपने विटामिन बी12 की जांच कराएं और आयरन की जांच कराना भी जरूरी है। दरअसल, RLS के सबसे आम कारण आयरन और विटामिन की कमी होती है। इसलिए इसकी जांच कराएं और अगर कमी है तो उस डाइट को फॉलो करें जिसमें विटामिन और आयरन भरपूर मात्रा में हों।
2. फिजिकली एक्टिव रहें
इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। हल्के व्यायाम कर सकते हैं, जैसे टहलना, स्ट्रेचिंग या तैराकी आदि। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि शाम के समय ज्यादा हैवी वर्कआउट करने से बचें क्योंकि इससे बेचैनी बढ़ सकती है।
3. सोने से पहले स्ट्रेचिंग करें
इसका उपाय है कि स्ट्रेचिंग करें, लेकिन अगर सोने जा रहे हैं तो सोने से पहले स्ट्रेचिंग करने से और भी फायदा मिलेगा, जैसे कि पिंडलियों को स्ट्रेच करना, टखने के रोल और चाइल्ड पोज आदि। यह सभी योगासन मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकते हैं और नींद में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
4. अच्छी नींद को प्राथमिकता दें
शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए नींद पूरी लेना बहुत जरूरी है। इस स्थिति में नींद पूरी लें। बेहतर नींद के लिए रोज ठंडा और अंधेरा कमरा करें। इसके अलावा सोने से पहले स्क्रीन से बचें। यह आरएलएस को नियंत्रित करने में काफी मददगार साबित होता है। दरअसल, नींद की कमी से यह स्थिति और बिगड़ जाती है।
5. अल्कोहल से परहेज करें
खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। जब आप इस स्थिति से जूझ रहे हैं, तो अपनी डाइट में हेल्दी चीजें रखें, हेल्दी खाने का ही सेवन करें। तो वहीं कैफीन, अल्कोहल और निकोटीन से पूरी तरह दूरी बना लें, क्योंकि इनका सेवन करने से आरएलएस के लक्षण बढ़ सकते हैं। अगर आप इनका सेवन नहीं करते हैं तो आपको काफी मदद मिलेगी।
6. गर्म या ठंडे पैक लगाएं
दरअसल, कुछ मरीज जो आरएलएस की पीड़ा से परेशान हैं, वे इससे राहत पाने के लिए अपने पैरों पर हीटिंग पैड या ठंडी सिकाई करते हैं, जिससे उन्हें आराम मिलता है, क्योंकि यह नसों की जलन को कम करने में मदद करता है। इसलिए इस तकनीक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
7. मालिश करना
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम से परेशान व्यक्ति अपने पैरों में हल्की मालिश कर सकता है, जिससे जकड़न कम होगी और रक्त संचार में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इससे काफी राहत मिलती है।
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8. गर्म पानी से स्नान करें
एक अन्य उपाय यह है कि व्यक्ति सोने से पहले गर्म पानी से नहा सकता है, जिससे आपके मन और शरीर दोनों को ही आराम मिलेगा। साथ ही यह मांसपेशियों को भी राहत दिला सकता है। इसलिए गर्म पानी से स्नान करें।
9. संपीड़न उपकरण
बता दें कि सपीड़न उपकरण एक ऐसा उपकरण है जिसका प्रयोग आमतौर पर रक्त संचार में सुधार के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल चिकित्सकीय देखरेख में किया जाता है। इससे आरएलएस की स्थिति में सुधार मिलता है।
10. आवश्यकता पड़ने पर दवाएं
गंभीर या लगातार मामलों में, डोपामाइन एगोनिस्ट या दौरे-रोधी दवाएं ली जा सकती हैं। इन्हें केवल एक न्यूरोलॉजिस्ट या नींद विशेषज्ञ की सलाह पर लें, क्योंकि लंबे समय तक आप इनका उपयोग करेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
11. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि चिंता, तनाव और अवसाद अक्सर आरएलएस के साथ होते हैं। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी और आराम करने से इसमें मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम को अक्सर गलत समझा जाता है और गलत तरीके से इसका इलाज किया जाता है। इससे होने वाली परेशानियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। दरअसल, जो व्यक्ति इस पीड़ा से जूझता है वह वास्तविक है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि चिकित्सा और जीवनशैली में बदलाव करके इससे निजात पाया जा सकता है। अगर आपको लगता है कि आप आरएलएस के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें। डॉक्टर की सलाह लें और इस परेशानी से निपटें।
FAQ
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का कोई इलाज है?
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का परमानेंट कोई इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव करके इसको कम जरूर किया जा सकता है।रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम क्या है?
कभी-कभी आप ने महसूस किया होगा कि पैरों को हिलाने में दिक्कत महसूस होती है। इस स्थिति को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम कहते हैं।बेचैन पैर सिंड्रोम के क्या कारण हैं?
इसके कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों की फैमिली हिस्ट्री रही हो तो वे व्यक्ति भी इस स्थिति से गुजर सकते हैं।